मुंबई में लाली अलर्ट: 28 Sep को भारी वर्षा और जल स्तर में उछाल

मुंबई में लाली अलर्ट: 28 Sep को भारी वर्षा और जल स्तर में उछाल

जब India Meteorological Department ने 28 सितंबर 2025 के लिए लाल अलर्ट जारी किया, तो शहर ने एक रात में 81 मिमी से अधिक पानी सहा। मुंबई की सड़कों पर पानी जैसा सागर बन गया, स्थानीय ट्रेनों में देरी का सिलसिला शुरू हो गया और 2:55 PM पर 3.24 मीटर की लहर की आशंका थी। यह सिर्फ मुंबई नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में मौसम विज्ञान के इतिहास में एक चिंताजनक मोड़ है।

दुर्भाग्यपूर्ण आँकड़े: जहाँ‑जहाँ बारिश का अधिकतम असर

रात‑भर के आँकड़े दिखाते हैं कि दिंदोशी ने 102 मिमी की बारिश को एकरेखित कर के सबसे अधिक रिकॉर्ड किया, उसके बाद मालाड (101 मिमी) और बोरिवली (97 मिमी) ने काफ़ी नुकसान पहुंचाया। मालवानी, बायकुल्ला और मगाठाने में भी 94‑95 मिमी के आसपास बारिश गिरा। वादला, पावई, मैटुंगा और मुलुंड में क्रमशः 84 मिमी, 84 मिमी, 82 मिमी और 80 मिमी गिरा, जबकि चेम्बूर में 77.2 मिमी रेकॉर्ड हुआ।

मुंबई महानगरीय क्षेत्र में बात तो और भी गंभीर है: थाने ने शनिवार‑रविवार के दो दिन में मिलाकर 116 मिमी एकत्रित किया, जबकि नवी मुंबई के एयरोली ने 161 मिमी के साथ सीरीज़ का ख़त्म कर दिया। नेरुल (130 मिमी), बेलापुर (127 मिमी) और वाशी (112 मिमी) ने भी अत्यधिक वर्षा दर्ज की।

इसी के बीच, IMD के अनुसार मुंबई ने सितंबर के औसत 383 मिमी से बहुत आगे निकलकर 524.1 मिमी का आंकड़ा बना लिया है। यह आंकड़ा यह स्पष्ट करता है कि मौसमी चक्र को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

लाल और नारंगी अलर्ट: मौसम विभाग की चेतावनी श्रृंखला

जैसे ही रात‑भरी बारिश ने शहर को घेर लिया, लाल अलर्ट मुंबई आधिकारिक तौर पर जारी किया गया। इस अलर्ट में नाशिक, पालघर, धुले और नंदुरबार जैसे जिलों को भी शामिल किया गया, जो शाम 7 PM तक वैध रहेगा। मुंबई‑उपनगरीय क्षेत्रों को हल्का‑मध्यम बारिश के लिए पीला अलर्ट मिला, जबकि थाने और रायगढ़ को भारी बारिश के कारण नारंगी अलर्ट दिया गया।

वहीं, 29 सितंबर तक मुंबई के लिये भी नारंगी अलर्ट जारी किया गया है, जिसका मतलब है “भारी‑बहुत भारी” बरसात। विभाग ने बताया कि यह मौसमी घटना पश्चिमी विदर्भ में एक कमजोर डिप्रेशन के कमजोर हो जाने और अक्टूबर 1 तक उत्तर‑पूर्व अरब सागर में लो‑प्रेशर एरिया बनने से जुड़ी है।

वितरित जीवन: परिवहन, शिक्षा और आपदा प्रबंधन

शहर के ट्रेनों में देरी के साथ‑साथ कई बस मार्ग भी जलभराव के कारण बाधित हुए। कई प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में पानी के कारण स्टॉल और छोटे व्यवसाय बंद हो गए। इस स्थिति का असर स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंचा – पालघर जिले ने 29 सितंबर को सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद कर दिया, जबकि मुंबई में केवल चेतावनी स्तर के कारण अधिकांश स्कूल सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं।

एक स्थानीय ट्रैवल एजेंट ने कहा, "पहले कभी इतनी तेज़ बारिश नहीं देखी, ट्रेनों में चार्टर्ड सफ़र करना मुश्किल हो गया।" दूसरी ओर, डॉ. अजय सिंह, मुख्य मौसम विशेषज्ञ India Meteorological Department ने उल्लेख किया, "वर्तमान स्थितियों में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ रहा है, इसलिए नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए और आकस्मिक निकासी योजनाओं को लागू करने में सहयोग देना चाहिए।"

मराठवाड़ा में निकासी और दो मृत्युदंड

मराठवाड़ा में निकासी और दो मृत्युदंड

मुंबई के अलावा मराठवाड़ा में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। 11,500 से अधिक लोगों को निकाला गया है, जबकि धाराशिव जिले में दो मौतें दर्ज हुईं। एक वरिष्ठ जिला प्रशासन अधिकारी ने PTI को बताया कि धाराशिव में बारिश की तीव्रता कम हुई है, इसलिए अब राहत कार्य पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

सिनाकोलेगांव बांध से 75,500 cusec जल जारी हो रहा है, जिससे परंदा में कई गाँव पानी के नीचे डूब गए। प्रशासन ने 3,615 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। गोडावरी नदी भी खतरे के करीब पहुँच चुकी है, जिससे बाढ़ का जोखिम बढ़ा है।

भविष्य के लिए क्या उम्मीद रखें?

आगामी कई दिनों में मौसम विज्ञानियों का मानना है कि भारी बारिश का झंझट जारी रहेगा। 30 सितंबर तक मुंबई, थाने और रायगढ़ में "बहुत भारी" बरसात की संभावना बनी हुई है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नागरिकों को अल्पकालिक जल स्तर की जानकारी के लिए अधिकृत ऐप्स पर ध्यान देना चाहिए और जल निकटतम क्षेत्रों में ट्रैफ़िक जाम से बचने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाने चाहिए।

एक स्थानीय व्यवसायी ने कहा, "अगर अगले दो‑तीन दिनों में भी ऐसी ही हलचल रहेगी तो छोटे दुकानों के लिए बहुत बड़ा दांव होगा।" इसी बीच, राज्य सरकार ने बाढ़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त फौजों को तैनात कर दिया है और अतिक्रमित क्षेत्रों में शीघ्रता से ड्रेन की सफाई का आदेश दिया गया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

लाल अलर्ट का मतलब क्या है और यह कब तक रहेगा?

लाल अलर्ट का अर्थ है अत्यधिक बारिश, तेज़ हवाएँ और संभवतः जलभराव। मुंबई, नाशिक, पालघर, धुले और नंदुरबार में यह अलर्ट 28 सितंबर 2025 को शाम 7 PM तक वैध माना गया है। आगे के अपडेट के लिये IMD की आधिकारिक वेबसाइट देखनी चाहिए।

कौन‑सी जगहों में सबसे अधिक बारिश दर्ज हुई?

मुंबई में दिंदोशी ने 102 मिमी, नवी मुंबई के एयरोली ने 161 मिमी और थाने ने दो दिन में कुल 116 मिमी बारिश के साथ सबसे अधिक रिकॉर्ड बनाया। मराठवाड़ा में भी कई जिले भारी बारिश के शिकार रहे।

शिक्षा संस्थानों पर इस अलर्ट का क्या असर है?

पालघर जिला ने 29 सितंबर को सभी स्कूलों व कॉलेजों को बंद किया, जबकि मुंबई में केवल ट्रेनों के देरी का असर पड़ा। राज्य शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को घर से पढ़ाई जारी रखने की सलाह दी है।

बाढ़ से बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?

स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए रूट मैप्स का पालन करें, जलस्वरूपी क्षेत्रों से दूर रहें और उच्च स्तर के इलाकों में सुरक्षित रहने की व्यवस्था करें। अगर आप जल में फँसे हैं तो तुरंत आपातकालीन सेवा 112 पर कॉल करें।

भविष्य में फिर से ऐसी स्थिति कब हो सकती है?

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून के अंत में, विशेषकर अक्टूबर‑पहले सप्ताह में, इसी तरह की भारी बारिश और लहरी के मौके बढ़ सकते हैं। इसलिए, इमरजेंसी प्लान तैयार रखना और मौसम अपडेट पर नजर रखना जरूरी है।