निफ्टी 50 और सेंसेक्स: लोकसभा चुनावी परिदृश्य और वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजार की बढ़त की उम्मीद
- 3 जून 2024
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भारतीय शेयर बाजार में मजबूती की उम्मीद
भारतीय शेयर बाजार में 3 जून को मजबूती के संकेत मिल रहे हैं। मुख्यतः निफ्टी 50 के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है, विशेषकर लोकसभा चुनावी नतीजों और सकारात्मक जीडीपी वृद्धि की उम्मीद के बीच। विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी 50 23,370 के स्तर तक पहुंच सकता है, जो पिछले बंद स्तर से करीब 660 अंकों की वृद्धि दर्शाता है। शुक्रवार को सेंसेक्स 75.71 अंकों की बढ़त के साथ 73,961.31 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 42.05 अंकों की बढ़त के साथ 22,530.70 पर आ गया।
निफ्टी 50 की तकनीकी स्थिति
तकनीकी विश्लेषक मानते हैं कि निफ्टी में और भी अधिक उछाल आने की संभावना है। वर्तमान में निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तर 22,654 और 22,706 पर हैं। दूसरी ओर, इसे महत्वपूर्ण समर्थन स्तर 22,465 और 22,396 पर मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि निफ्टी में और अधिक सुधार की गुंजाइश अभी बाकी है, खासकर जब तक ये समर्थन स्तर स्वस्थ बने रहते हैं।
बाजार की अस्थिरता और आगामी चुनाव परिणाम
अगामी चुनाव परिणामों के करीब आते हुए बाजार में अस्थिरता की संभावना है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की चाल को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहें और मजबूत मौलिक कंपनियों में निवेश करें। विशेष रूप से बैंक निफ्टी की बात करें तो इसमें भी सुधार के संकेत मिल रहे हैं। बैंक निफ्टी 49,200 के स्तर पर प्रतिरोध पा सकता है और इसकी संभावनाएं 50,000 तक पहुंचने की हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि वे 'डिप्स पर खरीदें' की रणनीति अपनाएं और 21-दिवसीय ईएमए पर स्टॉप लॉस रखें।
जीडीपी वृद्धि और वैश्विक संकेत
भारतीय अर्थव्यवस्था में जीडीपी वृद्धि के संकेत भी सकारात्मक हैं, जो शेयर बाजार की मजबूती में सहायता कर सकते हैं। वैश्विक बाजारों से भी सकारात्म संकेत मिल रहे हैं, जो भारतीय निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में सुधार के चलते भारतीय निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों में लचीलेपन, और यूरोपीय सेंट्रल बैंक की सहायता से वैश्विक बाजारों में तेजी आई है।
आगामी निवेश रणनीतियाँ
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे लंबी अवधि के विचार से निवेश करें और अल्पकालिक अस्थिरताओं से घबराकर निर्णय न लें। मौलिक रूप से मजबूत कंपनियों का चयन करें और वित्तीय अनुशासन बनाए रखें। निवेश के लिए सबसे पहले अपने लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता का मूल्यांकन करें। इसके बाद ही फैसला लें।
इस तरह, वर्तमान परिस्थिति में भारतीय शेयर बाजार के रुझान को देखते हुए निवेशक सतर्कता और विवेक से निवेश करने की सोच सकते हैं। आने वाले चुनावी परिणाम और वैश्विक बाजार के संकेतों के अनुसार, निवेश की संभावनाओं का मूल्यांकन करना जरूरी होगा।