राजदीप सरदेसाई की करोड़ों की कमाई Sagarika Ghose के राज्यसभा हलफनामे से उजागर, कोरोना काल में भी नहीं घटी इनकम

राजदीप सरदेसाई की करोड़ों की कमाई Sagarika Ghose के राज्यसभा हलफनामे से उजागर, कोरोना काल में भी नहीं घटी इनकम

हलफनामे में खुला सागरिका-राजदीप की कमाई का कच्चा चिट्ठा

कई लोग सोच रहे होंगे टीवी पर दिखने वाले बड़े एंकर या पत्रकार कितनी कमाई करते होंगे। इसकी एक सटीक झलक तब मिली जब सागरिका घोष ने राज्यसभा के लिए नामांकन भरते हुए हलफनामा दाखिल किया। इस दस्तावेज ने ना सिर्फ उनकी बल्कि उनके पति राजदीप सरदेसाई की मोटी कमाई को भी सबके सामने ला दिया।

हलफनामे के मुताबिक, सागरिका घोष की आमदनी महामारी के समय जोरदार गिरावट के साथ-साथ चौंकाने वाले उतार-चढ़ाव दिखाती है। 2019 में उन्होंने करीब 40 लाख रुपये कमाए, जो महामारी के साल 2021 में सीधे घटकर 10 लाख रुपये रह गए। हालांकि 2023 में उनकी आमदनी थोड़ा सुधरकर 17 लाख रुपये पर पहुंची। लेकिन अब असली चर्चा तो राजदीप सरदेसाई की इनकम को लेकर हो रही है।

राजदीप के आंकड़े किसी भी पत्रकार को हैरान कर सकते हैं। 2019 में उन्होंने 4.55 करोड़, 2021 में भी 2.83 करोड़ और 2023 में 3.54 करोड़ रुपये कमाए। यह ऐसे समय में हुआ जब मीडिया इंडस्ट्री बुरी तरह आर्थिक संकट से गुजर रही थी। कई जगहों पर कर्मचारियों की नौकरी गई, सैलरी में कटौती हुई, लेकिन राजदीप की मोटी कमाई में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। इन आंकड़ों ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है कि बड़े एंकर की सैलरी और आम मीडिया वर्कर्स में कितना बड़ा फासला है।

संपत्ति और निवेश भी करोड़ों में

कमाई के अलावा, संपत्तियों के मामले में भी यह दंपती बाजी मारता दिखता है। हलफनामे के दस्तावेज बताते हैं कि सागरिका और राजदीप के पास स्टॉक्स, म्युचुअल फंड्स और सरकारी बॉंड्स में कुल 25 करोड़ रुपये का निवेश है। यही नहीं, दिल्ली में 2008 में खरीदा गया उनका एक रिहायशी प्रॉपर्टी, जिसकी उस वक्त कीमत 25 करोड़ थी, अब उसकी कीमत बढ़कर 49 करोड़ रुपये पहुंच गई है। यह प्रॉपर्टी सागरिका घोष के नाम पर ही रजिस्टर्ड है।

ये आंकड़े तब सामने आए, जब सागरिका घोष को पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए नामित किया और हलफनामा दाखिल करना पड़ा। इससे पहले मीडिया इंडस्ट्री में केवल अनुमान ही लगाया जाता था कि बड़े चेहरों के वित्तीय हालात कैसे हैं।

अब बहुत सारे लोगों के लिए यह सवाल और उभरा है कि जब आम पत्रकारों और तकनीकी कर्मचारियों की छंटनी हो रही थी, उस समय इस स्तर की सैलरी पाना कितना सही है? मीडिया हाउस में सैलरी में भारी अंतर साफ झलकता है। यह आंकड़े सिर्फ एक दंपती की कमाई नहीं, बल्कि मीडिया में जारी असमानता का भी आईना बनकर सामने आ रहे हैं।