ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या है? आसान समझ
जब कंपनी का IPO खुलता है, तो आधिकारिक बॉर्डर पर तय कीमत से ऊपर जो कीमत लोग शेयर खरीदते हैं, उसे ग्रे मार्केट प्रीमियम कहते हैं। ये प्रीमियम अक्सर शेयरों की मांग और कमी से जुड़ा होता है, इसलिए यह बाजार का एक संकेत माने जाता है। अगर प्रीमियम हाई है, तो निवेशकों का भरोसा या उत्साह दिखता है; अगर कम है, तो लोग थोड़ा हिचकते हैं।
ग्रे मार्केट प्रीमियम कैसे निकाला जाता है
आधिकारिक मूल्य (आरओपी) तय हो जाने के बाद, ब्रोकर या डीलर कुछ निवेशकों को ऑफ़र के बाद जल्दी शेयर बेचते हैं। वही कीमत – यानी ऑफ़र प्राइस + प्रीमियम – ग्रे मार्केट कीमत बनती है। प्रीमियम की गणना इस तरह होती है: (ग्रे मार्केट कीमत - ऑफ़र प्राइस) ÷ ऑफ़र प्राइस × 100। इस सादी फार्मूले से आप देख सकते हैं कि किसी IPO को बाजार कितना आकर्षित कर रहा है।
निवेशकों के लिए क्या मतलब है
अगर आप ग्रे मार्केट प्रीमियम को समझते हैं, तो आप IPO के बाद शेयर बेचने या रखने के फैसले को बेहतर बना सकते हैं। हाई प्रीमियम का मतलब हो सकता है कि शेयर लिस्टिंग के दिन कीमत ऊपर जाएगी, इसलिए कई लोग लिस्टिंग पर बेचने का प्लान बनाते हैं। परन्तु बहुत ज्यादा प्रीमियम अक्सर नॉन-ट्रेडिंग जेनरेशन का संकेत हो सकता है, जिससे कीमत जल्दी गिर सकती है।
उदाहरण के लिए, हाल ही में Bajaj Housing Finance का IPO हुआ। इस IPO में ग्रे मार्केट प्रीमियम ₹50‑₹51 के आसपास था, जो लिस्टिंग पर 70% प्रीमियम का संकेत देता है। निवेशकों ने इस संकेत को देखकर अलग‑अलग रणनीतियों अपनाई – कुछ ने तुरंत बेच दिया, तो कुछ ने लंबी अवधि के लिए रख लिया।
आपके लिए सबसे जरूरी बात ये है कि प्रीमियम को अकेले नहीं देखना चाहिए। कंपनी की फंडामेंटल्स, उद्योग की स्थिति और बाजार की समग्र भावना भी साथ मिलाकर ही निर्णय लेना चाहिए। अगर प्रीमियम टिकाऊ नहीं लगती, तो शायद देर से एंट्री करना बेहतर रहेगा।
कुछ आसान टिप्स:
- प्रीमियम 20‑30% के आसपास हो तो वो आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है।
- अगर प्रीमियम 50% से ऊपर है, तो स्टॉक की लिस्टिंग पर अस्थायी उछाल हो सकता है, पर दीर्घकालिक जोखिम भी बढ़ता है।
- कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी और डिविडेंड पॉलिसी देखना न भूलें।
संक्षेप में, ग्रे मार्केट प्रीमियम एक तीखा संकेतक है जो बताता है कि बाजार अभी कंपनी को कितना पसंद कर रहा है। इसे समझकर आप अपने IPO निवेश को ज्यादा भरोसेमंद बना सकते हैं। अब जब आप इस फ़ॉर्मूले को जानते हैं, तो अगली बार IPO के दिन ये आंकड़े देखना न भूलें और अपने निवेश को सही दिशा में ले जाएँ।
GK Energy IPO सब्सक्रिप्शन शुरू, 5× ओवरसब्सक्राइब, ग्रे मार्केट प्रीमियम 15‑16 रुपये
GK Energy के IPO ने 19 सितंबर से सब्सक्रिप्शन खुलते ही 5 गुना ओवरसब्सक्राइब किया। कीमत का बैंड 145‑153 रुपये और ग्रे मार्केट प्रीमियम 15‑16 रुपये बताया गया। कुल 26.1 मिलियन शेयर 400 करोड़ रुपये के फ्रेस इश्यू और 4.2 मिलियन शेयर OFS के रूप में पेश किए गये। मुख्य तिथियां: अलॉटमेंट 24 सेप्टेम्बर, डिमेट 25 सेप्टेम्बर, लिस्टिंग 26 सेप्टेम्बर।