यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी ने दिया इस्तीफा, निजी कारणों का हवाला

यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी ने दिया इस्तीफा, निजी कारणों का हवाला

यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफा

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उनके कार्यकाल के समाप्ति से पांच साल पहले आया है, जो मई 2029 में समाप्त होना था। मनोज सोनी ने मई 2023 में यूपीएससी के चेयरमैन का पद संभाला था। उनके इस्तीफा देने के बाद अब नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

शिक्षा और पेशेवर जीवन

मनोज सोनी महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में विशेषज्ञता प्राप्त की है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय संबंध अध्ययन शामिल है। शिक्षा क्षेत्र में उन्होंने 1991 से 2016 तक सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, वल्लभ विद्यानगर में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का अध्यापन किया। इसके अलावा, वे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, गुजरात और महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा के कुलपति के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

सम्मान और योगदान

मनोज सोनी को कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिसमें 'अध्यक्ष-मेयर ऑफ द सिटी ऑफ बैटन रूज' और 'वर्ल्ड एजुकेशन कांग्रेस ग्लोबल अवार्ड फॉर डिस्टेंस लर्निंग लीडरशिप' शामिल हैं। उनके पास शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में लंबा अनुभव है, जिसने उन्हें इस प्रतिष्ठित पद तक पहुँचाया।

व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन

मनोज सोनी ने शिक्षा के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया है। वे अनूपम मिशन से गहरे तौर पर जुड़े हुए हैं, जो स्वामीनारायण संप्रदाय से संबंधित एक गैर-लाभकारी संगठन है। इस्तीफा देने के बाद अब कहा जा रहा है कि वे इस संगठन पर और ध्यान केंद्रित करेंगे।

विवाद और कानूनी मामले

यह इस्तीफा एक ऐसे समय पर आया है जब यूपीएससी विवादों में घिरा हुआ है। एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी, पूजा खेडकर, पर आरोप लगा है कि उन्होंने पहचान पत्रों में गड़बड़ी की और दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाकर सिविल सेवा में प्रवेश प्राप्त किया। यूपीएससी ने उन पर शो-कॉज नोटिस जारी किया है और उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है।

मनोज सोनी का इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा गया है, लेकिन अब तक सरकार ने नए चेयरमैन की घोषणा नहीं की है। इस इस्तीफे के बाद यूपीएससी में नए चेयरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

मनोज सोनी के इस्तीफे ने यूपीएससी और शिक्षा जगत में एक बड़ा हलचल मचा दी है। शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में उनके लंबे अनुभव और योगदान को देखते हुए यह इस्तीफा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

20 टिप्पणि

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    naman sharma

    जुलाई 22, 2024 AT 00:07

    ऐसा लगता है कि इस इस्तीफे के पीछे कोई गुप्त एजेंडा है, जिसे केवल कुछ ही लोग समझ पाते हैं। अपने निजी कारणों का हवाला दिया गया है, पर अक्सर ऐसा होने पर बड़े षड्यंत्र वाले कदम उठाए जाते हैं। इस समय यूपीएससी में चल रहे विवादों को देखते हुए, यह कदम केवल एक कढ़ी का हिस्सा हो सकता है।

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    Sweta Agarwal

    जुलाई 22, 2024 AT 01:47

    ओह, फिर एक और हाई-फ़्लाई अधिकारी ने अचानक “निजी कारण” कहा, कितना मूर्खतापूर्ण है। जैसे वही वाक्य हर दिन सुनाया जाता है।

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    KRISHNAMURTHY R

    जुलाई 22, 2024 AT 03:27

    हर बार ऐसा लगता है जैसे सिस्टम में कोई अल्गोरिद्म डिफ़ॉल्ट वर्तनी को रीसेट कर रहा हो। सोनी जी का रिज़्यूमे शानदार है, लेकिन अब टॉप‑लेवल में बदलाव की जरूरत है। 😊
    बोल्ड स्टेटमेंट्स और डेटा‑ड्रिवन एप्रोच की जरूरत है।

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    priyanka k

    जुलाई 22, 2024 AT 05:07

    बिलकुल, अब मैं व्यक्तिगत कारणों की बात सुनूँगा, जैसे कि कुत्ते के साथ सैर करना। 😂 बहुत औपचारिक बहाना है, दर्शक को अति‑सटीकता पसंद नहीं आती।

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    sharmila sharmila

    जुलाई 22, 2024 AT 06:47

    मैं देखती हूं कि मनोज सोनी का बैकग्राउंड तो काफ़ी इम्प्रेसिव है। पर यार, कितनी बार "निजी कारण" बोलते हैं? टाइपिंग में थोड़ा और कन्फ्यूजन नहीं हो सकता? फुर्सत मिलने पर कुछ और पढ़ेंगे।

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    Shivansh Chawla

    जुलाई 22, 2024 AT 08:27

    देशभक्तों को तो ऐसे “इस्तिफे” बताने वालों से बोर हो गया है। अगर मनोज सोनी ने अपना ध्येय वास्तव में भारतीय प्रशासन को सुधारने का था, तो वह सही दिशा में काम करता। सपोर्ट नहीं देता जो दंगों में धूप-निवास की तरहोटे जमाते हैं।

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    Akhil Nagath

    जुलाई 22, 2024 AT 10:07

    विचारशील मनःस्थिति की खोज में हम अक्सर स्वीकृति के लिए अपनी नैतिक ध्येय को त्याग देते हैं। इस इस्तीफे को एक दार्शनिक मोड़ के रूप में देखना चाहिए, न कि सिर्फ प्रशासनिक परिवर्तन के रूप में। 😇
    इसी प्रकार के निर्णय हमें जीवन के गहन प्रश्नों की ओर ले जाते हैं।

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    vipin dhiman

    जुलाई 22, 2024 AT 11:47

    भाई सोनी का इस्तीफा जुल्म का इशारा है! हमने कई बार कहा था कि इस सिचुएशन में ददेेगा तो बनेगा। अब फिर से वही पुराना प्लान है, सरकार की कुर्सी पर नया चेयरमैन रखेंगे।

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    vijay jangra

    जुलाई 22, 2024 AT 13:27

    यूपीएससी जैसे संस्थान में निरंतरता बेहद महत्वपूर्ण है। मनोज सोनी के कार्यकाल में कई सकारात्मक पहलें देखी गईं, जैसे कि डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार। अब नई नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहिए। आशा है कि अगली अध्यक्षता भी समान प्रतिबद्धता दिखाएगी।

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    Vidit Gupta

    जुलाई 22, 2024 AT 15:07

    बहुत ही बुनियादी बात है; नया चेयर दीजिये, काम तो चलाते रहेंगे; आगे‑पीछे गड़बड़ नहीं होगी; यही अपेक्षा है, ठीक है?; धन्यवाद;।

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    Gurkirat Gill

    जुलाई 22, 2024 AT 16:47

    मैं मानता हूं कि इस बदलाव से प्रणाली में नई ऊर्जा आएगी। पिछले कुछ वर्षों में हमने कई चुनौतियों का सामना किया है, और आगे भी ऐसे ही सुधार की आवश्यकता होगी।

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    Sandeep Chavan

    जुलाई 22, 2024 AT 18:27

    बिलकुल! परिवर्तन आवश्यक है; लेकिन यह देखना भी जरूरी है कि प्रक्रिया पारदर्शी रहे; सभी स्टेकहोल्डर्स को शामिल किया जाए; फिर सफलता संभावित है!!

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    anushka agrahari

    जुलाई 22, 2024 AT 20:07

    जीवन के हर मोड़ पर हमें गहराई से सोचने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के इस्तीफे को केवल प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि एक नैतिक पुनर्विचार के रूप में देखना चाहिए। मानवता की सेवा में निरंतरता ही प्रमुख सिद्धांत है।

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    aparna apu

    जुलाई 22, 2024 AT 21:47

    अरे वाह, इस बड़े‑बड़े इस्तीफे को देख कर मेरा दिल जश्न मनाने को तैयार हो गया! 🎭
    पहले तो यह सोचा था कि यह एक साधारण अल्पकालिक बदलाव है, पर यह तो एक पूरी फिल्म की तरह लगने लगा।
    कभी‑कभी जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं कि हम सोचते हैं, "क्या यह सच्चाई है?"
    लेकिन फिर याद आता है कि इतिहास हमेशा ही बड़े‑छोटे शोर के बाद ही नया संगीत बजाता है।
    उपलब्धियों की सूची पढ़ते‑पढ़ते, मैं सोचता हूँ कि किसने इतने शिखर पर पहुँच कर अपने आप को ‘इतना असहज’ महसूस किया होगा।
    संभवतः यह निजी कारणों का हवाला नहीं, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक यात्रा का संकेत है।
    जो भी कारण हों, यह उद्घाटन नया दौर लेकर आएगा, जिसका इंतज़ार हम सब कर रहे हैं।
    ऊँची आवाज़ में कहना चाहूँगा कि सभी को इस परिवर्तन का स्वागत करना चाहिए, क्योंकि इसका अर्थ है नई संभावनाओं की शुरुआत।
    जैसे ही नया चेयरमैन आएगा, हमें उसकी दिशा‑निर्देशों को समझने का प्रयत्न करना चाहिए, न कि केवल उसकी वैधता को प्रश्न करना।
    विचारों की इस नई धारा में डूब कर हम सबकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
    साथ मिलकर नई नीतियों को आकार देना ही हमारा कर्तव्य है।
    भले ही कुछ लोग इस बदलाव को ‘दिखावटी’ कहें, लेकिन समय ही सच्चाई को उजागर करेगा।
    हर परिवर्तन में कुछ न कुछ सीखने को मिलता है, और यही असली लाभ है।
    तेजस्वी भविष्य की ओर अग्रसर होते हुए, मैं आप सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ! 😊

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    arun kumar

    जुलाई 22, 2024 AT 23:27

    ऐसे मोमेंट में हमें सिर्फ नॅटिकली देखना नहीं चाहिए, बल्कि साथ मिलकर नई दिशा तय करनी चाहिए। सहयोग ही समाधान है।

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    Karan Kamal

    जुलाई 23, 2024 AT 01:07

    कुल मिलाकर मुझे लगता है कि नई नियुक्ति प्रक्रिया में सभी के विचार शामिल होने चाहिए। इससे हम सबका विश्वास बनेगा।

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    Navina Anand

    जुलाई 23, 2024 AT 02:47

    उम्मीद है कि नया चेयरमैन हमारे सपनों को साकार करने में मदद करेगा। सकारात्मक बदलाव के लिए सभी को शुभकामनाएं।

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    Prashant Ghotikar

    जुलाई 23, 2024 AT 04:27

    साथ मिलकर हम इस संस्थान को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बना सकते हैं। ऐसा करने से, हम सभी को फायदेमंद परिणाम मिलेंगे।

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    Sameer Srivastava

    जुलाई 23, 2024 AT 06:07

    बहुत बड़ी बात है-नया चेयर आएगा-उम्मीद है कि आप सभी को यही नहीं, बल्कि जलवायु भी मिलेगी; अब देखेंगे।!!!!

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    Mohammed Azharuddin Sayed

    जुलाई 23, 2024 AT 07:47

    इस्तिफा शीर्षक में लिखा, देखना बाकी है।

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