यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी ने दिया इस्तीफा, निजी कारणों का हवाला
- 22 जुल॰ 2024
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यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफा
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उनके कार्यकाल के समाप्ति से पांच साल पहले आया है, जो मई 2029 में समाप्त होना था। मनोज सोनी ने मई 2023 में यूपीएससी के चेयरमैन का पद संभाला था। उनके इस्तीफा देने के बाद अब नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
शिक्षा और पेशेवर जीवन
मनोज सोनी महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में विशेषज्ञता प्राप्त की है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय संबंध अध्ययन शामिल है। शिक्षा क्षेत्र में उन्होंने 1991 से 2016 तक सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, वल्लभ विद्यानगर में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का अध्यापन किया। इसके अलावा, वे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, गुजरात और महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा के कुलपति के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
सम्मान और योगदान
मनोज सोनी को कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिसमें 'अध्यक्ष-मेयर ऑफ द सिटी ऑफ बैटन रूज' और 'वर्ल्ड एजुकेशन कांग्रेस ग्लोबल अवार्ड फॉर डिस्टेंस लर्निंग लीडरशिप' शामिल हैं। उनके पास शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में लंबा अनुभव है, जिसने उन्हें इस प्रतिष्ठित पद तक पहुँचाया।
व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन
मनोज सोनी ने शिक्षा के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया है। वे अनूपम मिशन से गहरे तौर पर जुड़े हुए हैं, जो स्वामीनारायण संप्रदाय से संबंधित एक गैर-लाभकारी संगठन है। इस्तीफा देने के बाद अब कहा जा रहा है कि वे इस संगठन पर और ध्यान केंद्रित करेंगे।
विवाद और कानूनी मामले
यह इस्तीफा एक ऐसे समय पर आया है जब यूपीएससी विवादों में घिरा हुआ है। एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी, पूजा खेडकर, पर आरोप लगा है कि उन्होंने पहचान पत्रों में गड़बड़ी की और दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाकर सिविल सेवा में प्रवेश प्राप्त किया। यूपीएससी ने उन पर शो-कॉज नोटिस जारी किया है और उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है।
मनोज सोनी का इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा गया है, लेकिन अब तक सरकार ने नए चेयरमैन की घोषणा नहीं की है। इस इस्तीफे के बाद यूपीएससी में नए चेयरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
मनोज सोनी के इस्तीफे ने यूपीएससी और शिक्षा जगत में एक बड़ा हलचल मचा दी है। शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में उनके लंबे अनुभव और योगदान को देखते हुए यह इस्तीफा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।