16 अक्टूबर, 2024 को भारत के कई हिस्सों में मौसम एकदम अलग-अलग था — उत्तराखंड में सूरज चमक रहा था, कोलकाता में आधे बादल छाए थे, और दिल्ली और बैंगलोर के लिए अनुमान अभी तक पूरी तरह सामने नहीं आए थे। ये सिर्फ मौसम की बात नहीं, बल्कि ऋतु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत था — उत्तरी भारत शीतल हो रहा था, जबकि पूर्वी तट अभी भी गर्मी के अवशेषों में डूबा था।
उत्तराखंड: सूरज का त्योहार, हवा का झोंका
उत्तराखंड में दिन का तापमान उत्तराखंड के कई इलाकों में 20.84°C रहा, जबकि रात का न्यूनतम 14.04°C और दिन का अधिकतम 25.3°C दर्ज किया गया। ह्यूमिडिटी 58% और हवा की गति 58 किमी/घंटा — ये आंकड़े अक्सर ऐसे होते हैं जब बर्फ की चादर गल रही होती है और हिमालय के तलवार जैसे ढलानों से ठंडी हवाएं घाटियों में उतर रही होती हैं। सुबह 6:15 बजे सूर्योदय और शाम 5:41 बजे सूर्यास्त के साथ, पूरा दिन साफ आसमान रहा। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी: ‘सूरज का आनंद लें, लेकिन सनस्क्रीन और सनग्लासेज न भूलें।’ अगले दिन, 17 अक्टूबर को, तापमान और भी ठंडा होने का अनुमान है — न्यूनतम 13.64°C, अधिकतम 25.15°C, ह्यूमिडिटी 51%। ये गिरावट शायद अगले हफ्ते तक और बढ़ेगी।
कोलकाता: गर्मी का अंतिम झोंका
पूर्वी भारत की राजधानी कोलकाता अभी भी वर्षा के बाद की गर्मी में फंसी थी। 16 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 33°C और न्यूनतम 27°C रहा — दोनों ही सामान्य से ऊपर। रात का तापमान 2.2°C अधिक था, जो बताता है कि शहर की ऊष्मा द्वीप अभी भी गर्म रही है। ह्यूमिडिटी 56% से 93% तक उछली, और आकाश आंशिक रूप से बादलों से ढका रहा। सुबह 5:34 बजे सूर्योदय और शाम 5:11 बजे सूर्यास्त — दिन की लंबाई धीरे-धीरे कम हो रही है। इस दिन कोई बारिश नहीं हुई, लेकिन गीली हवाएं ने एक अजीब भारीपन महसूस कराया। ये एक अलग तरह की गर्मी है — जो न तो गर्मियों की तरह जलाती है, न ही शीतकाल की तरह शांत।
हिमाचल प्रदेश और दिल्ली: अधूरे आंकड़े, पूरी तस्वीर नहीं
हिमाचल प्रदेश में तापमान 21.76°C रहा, लेकिन अधिकतम, न्यूनतम या ह्यूमिडिटी के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। यह एक अजीब खालीपन है — जैसे किसी ने तस्वीर का आधा हिस्सा छीन लिया हो। दिल्ली के लिए एक्यूवेदर और वेदरस्पार्क के डेटा अंशतः दिखे, लेकिन निश्चित तापमान नहीं मिले। यह बताता है कि जब तक राष्ट्रीय मौसम विभाग का डेटा पूरा नहीं होता, तब तक अलग-अलग स्रोत अपनी-अपनी तस्वीर बनाते हैं। यह असुविधा न सिर्फ आम आदमी के लिए है, बल्कि किसानों और ट्रांसपोर्ट विभागों के लिए भी।
मुंबई का भविष्य नहीं, आज का वास्तविकता
कुछ स्रोतों ने मुंबई के लिए 16 अक्टूबर, 2025 के बारे में बात की — जिसमें तूफान और 70% बारिश की संभावना बताई गई। ये गलत जानकारी है। 2024 के लिए कोई ऐसा डेटा नहीं है। ऐसी भ्रामक जानकारी अक्सर ऑटोमेटेड वेबसाइट्स से आती है, जो भविष्य के डेटा को वर्तमान के रूप में प्रस्तुत कर देती हैं। यही कारण है कि भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केवल उनकी वेबसाइट और आधिकारिक रिपोर्ट्स ही विश्वसनीय हैं।
क्यों ये अंतर महत्वपूर्ण है?
इस साल का अक्टूबर दो भारत की तस्वीर देता है — एक उत्तरी भारत का, जो शीतकाल की ओर बढ़ रहा है, और एक पूर्वी और दक्षिणी भारत का, जो अभी भी वर्षा के बाद की गर्मी से उबर रहा है। ये अंतर खेती, ऊर्जा उपयोग और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में असर डालता है। उत्तराखंड में ठंड बढ़ने से बुखार और सांस की बीमारियां बढ़ सकती हैं। कोलकाता में उच्च ह्यूमिडिटी एलर्जी और मच्छर-फैलाई बीमारियों को बढ़ा सकती है। यही कारण है कि राज्य सरकारों को अलग-अलग रणनीतियां बनानी होंगी।
अगला कदम: क्या आगे है?
17 अक्टूबर को उत्तराखंड का तापमान और भी गिरेगा — शायद दिल्ली और पंजाब में भी ठंड फैलेगी। दक्षिणी राज्यों में बारिश की संभावना अभी तक नहीं दिख रही, लेकिन अगले 10 दिनों में बंगाल की खाड़ी से एक नया चक्रवात आ सकता है। भारतीय मौसम विभाग के विशेषज्ञ कहते हैं कि इस साल शीतकाल का आगमन सामान्य से 7-10 दिन पहले हो सकता है। इसका मतलब है — गर्मी के अंतिम झोंके अभी भी आएंगे, लेकिन वे अब अस्थायी हैं।
पृष्ठभूमि: अक्टूबर के मौसम का इतिहास
पिछले 20 वर्षों में, अक्टूबर के महीने में भारत का औसत तापमान 27°C से 33°C के बीच रहा है। लेकिन अब ये औसत टूट रहा है। उत्तरी भारत में शीतकाल का आगमन तेज हो रहा है, जबकि दक्षिण में गर्मी लंबी रह रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह हिमालय के बर्फ के पिघलने और बंगाल की खाड़ी के जलवायु पैटर्न में बदलाव का परिणाम है। अक्टूबर 2023 में भी ऐसा ही हुआ था — उत्तराखंड में तापमान 14°C तक गिरा था, जबकि बैंगलोर में 34°C रहा था। यह एक नया ट्रेंड बन रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तराखंड में तापमान में इतनी गिरावट क्यों हो रही है?
उत्तराखंड में तापमान में गिरावट हिमालय के ऊपरी क्षेत्रों से ठंडी हवाओं के नीचे उतरने के कारण हो रही है। अक्टूबर के अंत तक, हिमालय की बर्फ की चादर फिर से बनने लगती है, जिससे ठंडी हवाएं घाटियों में भर जाती हैं। यह एक सामान्य ऋतु परिवर्तन है, लेकिन इस बार यह पिछले वर्षों की तुलना में तेज है — शायद जलवायु परिवर्तन के कारण।
कोलकाता में गर्मी क्यों बरकरार है?
कोलकाता की गर्मी बरकरार रहने का कारण शहर का समुद्र तटीय स्थान और उच्च ह्यूमिडिटी है। पश्चिमी बंगाल में वर्षा के बाद भी जलवायु नम रहता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित होने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, शहर की ऊष्मा द्वीप प्रभाव — जिसमें इमारतें और रास्ते गर्मी को अवशोषित करते हैं — गर्मी को लंबा रखता है।
क्या अक्टूबर 2024 में दिल्ली में बारिश होगी?
16 अक्टूबर को दिल्ली में कोई बारिश नहीं हुई, और अगले कुछ दिनों का अनुमान भी बारिश की संभावना नहीं दिखाता। लेकिन अगले हफ्ते उत्तरी पश्चिमी वायु प्रवाह में बदलाव के कारण शायद बारिश का अवसर आ सकता है। भारतीय मौसम विभाग अभी तक कोई आधिकारिक चेतावनी नहीं जारी की है।
क्या बैंगलोर का मौसम उत्तराखंड जैसा होगा?
नहीं। बैंगलोर का जलवायु उत्तराखंड से बिल्कुल अलग है। यहां तापमान अभी भी 28-32°C के बीच रहेगा, और ह्यूमिडिटी भी ऊंची रहेगी। उत्तराखंड की ठंड यहां नहीं पहुंचेगी — यह एक जमीनी तथ्य है। बैंगलोर का शीतकाल दिसंबर तक नहीं आता।
मौसम डेटा के अलग-अलग स्रोतों में अंतर क्यों है?
कई वेबसाइट्स अपने अनुमान आधारित डेटा को आधिकारिक डेटा के रूप में प्रस्तुत करती हैं। उदाहरण के लिए, WeatherSpark या AccuWeather के डेटा अक्सर अधूरे या भविष्य के अनुमान होते हैं। भारतीय मौसम विभाग के रिकॉर्ड ही एकमात्र विश्वसनीय स्रोत हैं, क्योंकि वे सभी राज्यों में वास्तविक डिटेक्टर्स से डेटा एकत्र करते हैं।
क्या इस साल शीतकाल पिछले साल से पहले आएगा?
हां। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वर्ष शीतकाल पिछले वर्ष की तुलना में 7-10 दिन पहले शुरू हो सकता है। यह जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है — हिमालय की बर्फ का पिघलना और उत्तरी हवाओं का तेज होना। यह एक लंबे समय तक चलने वाला बदलाव है, जो सिर्फ एक साल की बात नहीं है।
Ankur Mittal
अक्तूबर 30, 2025 AT 02:35उत्तराखंड का मौसम तो बिल्कुल परफेक्ट है 😎 सुबह की ठंड और दोपहर का सूरज - बस एक कॉफी और बुक के साथ बैठ जाओ, जिंदगी बस इतनी सी है 🌞🍃
Diksha Sharma
अक्तूबर 30, 2025 AT 07:02ये सब गवर्मेंट की चाल है भाई... बर्फ पिघल रही है? नहीं भाई, ये सब डेटा बदल दिया गया है। NASA और CBI के बीच गुप्त समझौता है - तापमान बढ़ाने के लिए लोगों को डरा रहे हैं 🤫❄️
Akshat goyal
अक्तूबर 30, 2025 AT 17:54दिल्ली का डेटा अभी तक नहीं आया? तो फिर रिपोर्ट क्यों लिखी?