जब इंडिया मौसम विज्ञान विभाग ने 6 और 7 अक्टूबर 2025 को येलो अलर्ट जारी किया, तो दिल्ली‑एनसीआर के निवासियों को हल्की‑से‑मध्यम बारिश, गरज‑बिजली और एक ही सप्ताह में तापमान में लगभग 6°C की गिरावट का सामना करना पड़ेगा।
इस चेतावनी के पीछे डॉ. पी.एस. बासु, विभाग के निदेशक महाव्याख्याता, ने कहा, "पश्चिमी व्यवधान की तीव्रता और अरब सागर‑बांग्लादेश के समुद्री नमी के मिश्रण से इस सीजन की सबसे तेज़ ठंडी आएगी।"
पश्चिमी व्यवधान और मौसमी पृष्ठभूमि
पश्चिमी व्यवधान, जिसे पश्चिमी व्यवधान कहा जाता है, अक्सर उत्तर‑पश्चिमी भारत में अक्टूबर‑नवम्बर के दौरान उष्णकटिबंधीय हवाओं को ठंडी हवा से मिलाता है। इस साल की प्रणाली अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से नमी लिया है, जिससे अत्यधिक वर्षा की संभावना बढ़ी है।
विस्तृत मौसम डेटा
सफ़दरजुंग मौसम केंद्र, जो दिल्ली का प्रमुख आधिकारिक स्टेशन है, ने केवल प्रथम पाँच दिनों में 51.8 mm की बारिश दर्ज की। यह औसत अक्टूबर‑बारिश (15.1 mm) से तीन गुना अधिक है और पिछले पाँच सालों में सबसे अधिक प्रारम्भिक अक्टूबर बारिश में से एक है। 2024 में उसी अवधि में कोई मापन योग्य बारिश नहीं हुई थी, जिससे इस वर्ष की अनियमितता स्पष्ट हो गई।
- 5 अक्टूबर को अधिकतम तापमान = 34.1 °C
- 6 अक्टूबर के अनुमानित अधिकतम ≈ 28 °C (≈ 6 °C गिरावट)
- आज तक कुल बारिश ≈ 51.8 mm
- न्यूनतम तापमान 5 अक्टूबर = 24.2 °C, 8 अक्टूबर तक करीब 20 °C तक गिरने की संभावना
- पवन गति ≤ 50 km/h, बारी‑बारी से धुंध और गरज‑बिजली
स्थानीय प्रतिक्रिया और तैयारियाँ
दिल्ली महानगरपालिका (डीएमसी) ने अत्यधिक जलजमाव वाले क्षेत्रों में नालियों की सफाई तेज़ कर दी है। उत्तराखंड के न्यासिनबर्ग के नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गाँव में सुबह‑सुबह हल्की धुंध देखी गई, जिससे कुछ ट्रैफ़िक जाम की आशंका बढ़ी।
बीजीए मुडबरी, एएसआरसी के एक वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ ने टिप्पणी की, "सड़क पर पानी जमा होने की संभावना है, इसलिए बारिश के दौरान वाहन चालकों को धीमी गति बनाए रखने और एक‑दो किलोमीटर आगे से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है।"

प्रभाव और विशेषज्ञ विश्लेषण
वर्तमान वर्ष के आँकड़े दिखाते हैं कि अगर 8‑10 mm की अतिरिक्त बारिश हुई तो अक्टूबर की कुल वर्षा 100 mm के करीब पहुँच सकती है, जो पिछले दो दशकों में सबसे अधिक है। यह न केवल सड़कों की स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि एयर कंडीशनर की ऊर्जा खपत में कमी, धूल‑रहित हवा और स्वास्थ्य‑संबंधी लाभ भी लाएगा।
वायुमंडलीय विज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉ. अनीता तिवारी, दिल्ली विश्वविद्यालय से, इंगित करती हैं कि "ऐसे तीव्र ठंड के बाद एशिया‑पैसिफिक मॉन्सून की शुरुआत में देरी हो सकती है, जिससे लंबे‑समय की जलवायु परिवर्तन प्रवृत्तियाँ प्रभावित होंगी।"
आगामी हफ्ते का मौसम पूर्वानुमान
इंडिया मौसम विज्ञान विभाग के विस्तारित प्रोजेक्शन के अनुसार, 8‑10 अक्टूबर को मौसम धीरे‑धीरे साफ़ हो कर हल्का धूप वाला रहेगा, लेकिन शाम‑शाम को फिर से हल्की बूँदाबाँदी की संभावनाएँ रह सकती हैं। दिन के दौरान तापमान 28‑30 °C के बीच रहेगा, जबकि रात को 20 °C के आसपास ठंडक महसूस होगी।
इस बीच, विभाग ने कोई 'सीवियर' (गंभीर) अलर्ट जारी नहीं किया है, इसलिए बड़े स्तर पर नुकसान की उम्मीद नहीं है, लेकिन घर‑परिवार को पानी के संचयन, वाहन की रेसिंग, और बिजली के बरसात के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस बारिश से दिल्ली‑एनसीआर में यात्रा कैसे प्रभावित होगी?
सड़कों पर जलजमाव की संभावना है, विशेषकर नॉर्वे‑स्ट्रीट और सायबर हाउस के आसपास। मेट्रो और डीडीआरटी की सेवा में छोटे‑छोटे विलंब हो सकते हैं, इसलिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले यात्रियों को अतिरिक्त समय डालकर योजना बनानी चाहिए।
तापमान में गिरावट से स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा?
हल्की ठंडी हवा एयर कंडीशनर की ऊर्जा खपत कम करेगी और धूल‑रहित माहौल एलर्जी रोगियों के लिये फायदेमंद रहेगा। हालांकि, बुजुर्ग और बच्चों को अचानक तापमान गिरावट से बचाने के लिये हल्का कपड़ा पहनने की सलाह दी जाती है।
क्या इस वर्ष के यूरोपीय मौसम पैटर्न में बदलाव आया है?
हवाबिंदुओं के बीच तालमेल बिगड़ने के कारण पश्चिमी व्यवधान का मार्ग पूर्व‑पश्चिम से अधिक तेज़ हो गया है। इस शिफ्ट ने मौसमी बारिश को पूर्वी भारत की ओर पूर्व-पूर्वी दिशा में ले जाया है, जिससे कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त जलस्रोत मिला।
इंडिया मौसम विज्ञान विभाग ने आगे कौन सी चेतावनी जारी करने की सम्भावना रखी है?
यदि 8‑10 अक्टूबर को भी औसत से अधिक बारिश हुई तो विभाग अगले सप्ताह में फिर से येलो या ऑरेंज अलर्ट जारी कर सकता है। लेकिन अभी तक गंभीर बाढ़ या तूफानी चेतावनी नहीं दी गई है।
आगामी माह में कृषि क्षेत्रों को इस मौसम से क्या लाभ मिल सकता है?
दिल्ली‑एनसीआर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्रों में फसल के अंकुरण के लिये पर्याप्त नमी मिल रही है, जिससे धान‑बौआ और गन्ने के बीजों को शुरुआती बोवाई में मदद मिल सकती है। हालांकि, अत्यधिक बारिश से जलभराव का जोखिम भी बना रहता है, इसलिए किसानों को जल निकासी व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
Sameer Kumar
अक्तूबर 6, 2025 AT 21:23जलवायु में अचानक गिरावट ने मुझे सोचने पर मजबूर किया कि प्रकृति कितनी नाज़ुक है। दिल्ली के लोगों को इस ठंडी हवा का लाभ उठाना चाहिए और स्वास्थ्य की देखभाल करनी चाहिए। गर्मी का अंत और बारिश का मिलन एक नया सवेरा लाता है।
Vidit Gupta
अक्तूबर 6, 2025 AT 21:33वाह! आप सबने सही कहा, यह वर्षा हमारे शहर के लिए वरदान है, लेकिन साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी लाती है, जैसे जलजमाव, ट्रैफ़िक की भीड़, और बिजली के झिझुके। हम सभी को सावधानी बरतनी चाहिए, विशेषकर ड्राइवरों को, क्योंकि फिसलन भरे रास्ते खतरा पैदा कर सकते हैं। साथ ही, निचली जगहों में पानी जमा हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
Gurkirat Gill
अक्तूबर 6, 2025 AT 21:43यदि आप घर में पानी जमा होने से बचना चाहते हैं, तो नालियों को साफ़ रखें और ट्यूबवेल की जांच करें। ट्रैफ़िक जाम से बचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें, क्योंकि दिल्ली में मेट्रो और DTC बसें अक्सर समय पर होते हैं। बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त कपड़े रखकर रखें, क्योंकि रात में तापमान 20°C तक गिर सकता है। ऊर्जा बचत के लिए एसी को बंद रखें, क्योंकि ठंड में बहुत कम बिजली की जरूरत पड़ेगी। कुल मिलाकर, ये मौसम स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
Mohammed Azharuddin Sayed
अक्तूबर 6, 2025 AT 21:53पश्चिमी व्यवधान का मार्ग इस साल अजीब तरह से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से नमी ले रहा है, जिससे बारिश की तीव्रता बढ़ी है। इस प्रकार की मिश्रित हवा अक्सर तेज़ ठंड का कारण बनती है, जैसे कि अब हमें दिख रहा है।
Avadh Kakkad
अक्तूबर 6, 2025 AT 22:03सफ़दरजुंग ने इस सप्ताह में 51.8 mm बरसात दर्ज की, जो औसत अक्टूबर‑बारिश 15.1 mm से तीन गुना अधिक है। इतिहास में यह स्तर 2019 के बाद सबसे अधिक है और 2024 में इस अवधि में कोई मापन योग्य बारिश नहीं हुई थी।
Karan Kamal
अक्तूबर 6, 2025 AT 22:13आपकी दी हुई आँकड़े बहुत उपयोगी हैं, लेकिन यह भी ध्यान देना चाहिए कि निचले इलाकों में जल निकासी व्यवस्था कमजोर है, जिससे छोटे‑बड़े बाढ़ की संभावना बढ़ती है। स्थानीय प्रशासन को तुरंत नालियों की सफ़ाई तेज़ करनी चाहिए।
Prashant Ghotikar
अक्तूबर 6, 2025 AT 22:23दिल्ली में इस अचानक ठंड के साथ हुई बारिश ने कई पहलुओं को उजागर किया है। पहले, कृषि क्षेत्रों को इस नमी का लाभ मिलेगा, ख़ासकर गन्ने और धान के बीज बुआई के लिए। दूसरा, शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या फिर से सामने आई है, विशेषकर पुरानी नालियों में। तीसरा, सार्वजनिक परिवहन को प्रदूषण में कमी देखनी चाहिए, क्योंकि धुंधली हवा में कण कम होते हैं। चौथा, स्वास्थ्य के लिहाज से यह ठण्डे मौसम एलर्जी रोगियों के लिए राहत प्रदान करता है। पाँचवाँ, बुजुर्गों को अचानक तापमान गिरावट से बचाने के लिये हल्का गरम कपड़ा पहनाने की सलाह दी जाती है। छठा, स्कूलों को देर से शुरू करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि बच्चों को मौसम की सर्दी से बचाना ज़रूरी है। सातवाँ, ऊर्जा कंपनियों को एसी की कम उपयोगिता को ध्यान में रखकर बिल में राहत देना चाहिए। आठवाँ, ड्राइवरों को सड़क पर फिसलन से बचने के लिये गति कम रखनी चाहिए और ब्रेक फूर्सत से जांचें। नवाँ, स्थानीय निकायों को बाढ़ नियंत्रण के लिये पानी के निकास स्थानों को साफ़ रखना चाहिए। दसवाँ, इस मौसम में वायुमंडलीय दाब में बदलाव के कारण कुछ क्षेत्रों में धुंध अधिक होगी, जिससे दृश्यता घटेगी। गीरहवाँ, मौसम विज्ञानी इस तरह के मौसम परिवर्तन को मॉन्सून के प्रारम्भ में देरी का संकेत मानते हैं। बारहवाँ, इस देरी से कृषि उत्पादन में थोड़ा प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन सही समय पर सिंचाई से इसे संभाला जा सकता है। तेरहवाँ, अंत में, इस तरह के मौसम के साथ लोगों को सामुदायिक सहायता में बढ़ोतरी करनी चाहिए, जैसे कि जरूरतमंदों को आश्रय देना। अंततः, यह ठंडा, बारिश वाला मौसम हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने की सीख देता है।
naman sharma
अक्तूबर 6, 2025 AT 22:33सरकारी विभाग द्वारा जारी येलो अलर्ट में अक्सर उन क्षेत्रों को उजागर किया जाता है जहाँ जल-प्रबंधन के अपर्याप्त उपाय होते हैं; यह असंगत है कि पिछली शराबी वर्षा के बाद भी समान उपाय नहीं किए गए, जिससे प्रश्न उठता है कि कहीं राजनीतिक समर्थन के कारण इस चेतावनी को कम किया गया है।
Sweta Agarwal
अक्तूबर 6, 2025 AT 22:43वाह, बाढ़ की चाँट तो आती ही है, बस हमें अपनी क्विकसॉस लेनी है।
KRISHNAMURTHY R
अक्तूबर 6, 2025 AT 22:53टीम, इस मौसमी लूप में हाई एंट्री पावर फ्रंट्स और लो-ड्रॉप अवेरेज को मॉड्यूलेट करना अहम है 😊; इसलिए फ्लीट मैनेजमेंट को रीयल‑टाइम डेटा के साथ सिंक्रोनाइज़ करें और ट्रैफ़िक को स्मूथेन करें।
priyanka k
अक्तूबर 6, 2025 AT 23:03बेहतर होगा कि हम इस ‘उदार’ जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट को फिर से पढ़ें और देखें कि किसने इस ‘अविस्मरणीय’ वर्षा को फॉर्मूलेशन में रखा है 😂।