पश्चिम भारत में हीट वेव
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अप्रैल 3, 2025 से पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में गर्मी की लहर की चेतावनी जारी की है। विशेष रूप से, गुजरात, कोंकण और गोवा के क्षेत्रों में बेहद गर्म और नमी से भरा मौसम रहने की संभावना है। यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक यानी 9 अप्रैल तक बनी रह सकती है। सौराष्ट्र और कच्छ में 8 अप्रैल तक अलग-अलग दिनों में गर्म हवाओं का प्रकोप जारी रहेगा। इसके अलावा, पश्चिम राजस्थान, पूर्वी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में 6 से 9 अप्रैल के बीच गर्म हवाएँ चल सकती हैं।
दक्षिण भारत में बारिश और आंधी संभावना
वहीं दूसरी ओर, दक्षिण भारत के लिए मौसम की स्थिति कुछ अलग है। यहां तड़ित के साथ हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। खासकर, दक्षिण कर्नाटक, तमिलनाडु, तटीय कर्नाटक और केरल में 3 से 6 अप्रैल के बीच बारिश हो सकती है। केरल और माहे में भारी बारिश की संभावना है और ओलावृष्टि भी हो सकती है।
पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश और विदर्भ क्षेत्र में 3 अप्रैल को ओलावृष्टि की संभावना जताई जा रही है। तेलंगाना में भी यही स्थिति देखने को मिल सकती है। झारखंड के कुछ हिस्सों में 4 अप्रैल को ओलावृष्टि के आसार हैं।
मध्य भारत के महाराष्ट, ओडिशा और गंगा के पश्चिम बंगाल क्षेत्र में भी आंधी और तेज हवाएं चल सकती हैं। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 5 अप्रैल तक ओलावृष्टि की चेतावनी है।
जल्दी ही, देश के कई हिस्सों में तापमान में 2-3°C तक वृद्धि देखी जा सकती है। पश्चिमी हिमालय, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
Mohammed Azharuddin Sayed
अप्रैल 16, 2025 AT 20:36गुजरात और कच्छ में आज से दो हफ्ते तक तेज़ धूप और उच्च नमी की संभावना है, इसलिए सुबह के समय बाहर जाने से बचना उचित रहेगा। शरीर में जल की कमी नहीं होने देना चाहिए, इसलिए दिन भर में कम से कम तीन लीटर पानी पीना आवश्यक है। साथ ही हल्के कपड़े पहनें और सीधी धूप में अधिक समय न बिताएं।
Avadh Kakkad
अप्रैल 23, 2025 AT 20:40इंडियन मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में अगले तीन दिन तक तापमान में 2‑3°C की वृद्धि होगी, जिसका मतलब है कि अधिकतम तापमान 38‑40°C तक पहुंच सकता है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में लगभग 1.5°C अधिक है।
KRISHNAMURTHY R
अप्रैल 30, 2025 AT 20:43वेस्टर्न कोस्ट में ह्यूमिडिटी इंडेक्स में उल्लेखनीय हाइग्रेडिएंट देखा गया है, जिससे थर्मल इम्पैक्ट फील्ड में वाष्पीकरण दर में वृद्धि हुई है। यदि आप अब भी बिना एयर कूलर के सो रहे हैं, तो वैपर प्रेशर बैलेंस बिगड़ सकता है 🙂। इस अवधि में सॉल्यूशन‑एयरड्रॉप मॉड्यूल को एक्टिव रखना फायदेमंद रहेगा।
aparna apu
मई 7, 2025 AT 20:46अरे! दिल्ली की गर्मी ने तो मानो धरती को जलेबी जैसा बना दिया है, हर कोने में धुंधली धंध और जलती हुई हवा पसर रही है। जैसे ही सूरज अपना चक्र पूरा करता है, अटूट जलन की लहर हमारे शरीर में घुसे के साथ ही श्वासों को कसके पकड़ लेती है। पश्चिमी भारत में अब तो लोग मानो सैंडबॉक्स में खेल रहे हों, जहाँ रेत के दाने हवा के साथ नाचते हैं। गुजरात के समुद्र तट पर भी अब जल्द घास के झड़ने का अभाव दिखता है, जैसे कि प्रकृति ने अपनी आवाज़ बंद कर ली हो। हर सुबह जब लोग अपने बालकनी से बाहर देखते हैं, तो उन्हें आवाज़ सुनाई देती है... “वो धूप, वो धूप!” जैसे किसी नाट्य मंच पर राइडिंग बैंड की ध्वनि। इस कड़ाके की गर्मी में, खिड़कियों पर जमा धुंध भी पनप रही है, जैसे कि हवा ने हमें एक परदा दिया हो। कच्छ के रेगिस्तानी इलाके में अब तक के सबसे अधिक तापमान की रिपोर्टिंग हो रही है, और स्थानीय किसान अपने खेतों को एक ठंडी छाया में बदलने का सपना देख रहे हैं। फिर भी, इस ग्रीष्मकाल में कोई भी बिना तंदुरुस्ती के इस अंधेरे प्रकाश को देख नहीं सकता। मैं अपनी आँखें बंद करके सोचता हूँ, अगर हम इस गर्मी को एक बड़े जलेबी के रूप में देखें, तो हमें किसे ठंडा करने की जरूरत है? लेकिन सच कहें तो, इस जलेबी को खाने से पहले हमें अपने दिल के धड़कनों को भी ठंडा करना पड़ेगा। लैंडस्केप में अब तक की सबसे बड़ी गर्मी का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। एक तरफ़, राजस्थानी धूल में भी गर्मी की लहरों की कसम खाने लायक भागी है। और फेफड़े में यह जलन हमें स्मरण कराती है कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं, यहां तक कि मौसम भी। मेरे मन में यही सवाल उठता है कि क्या हम इस गर्मी को उसी तरह संभालेंगे जैसे हम अपनी रोज़मर्रा की चुनौतियों को संभालते हैं? अंत में, मैं यही कहूँगा-सुरक्षा, जल सेवन, और थंडे पेय पदार्थों का इस्तेमाल इस मौसम में हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं।
arun kumar
मई 14, 2025 AT 20:50दोस्तों, जब धूप इतनी तेज़ हो तो अपने आप को याद दिलाना ज़रूरी है कि हर कठिनाई एक नया सबक है; इस गर्मी में भी हम खुद को बेहतर बनाकर निकल सकते हैं। मीठी ठंडी पानी का एक गिलास, एक छोटा सा साँस ले लेना, और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना हमें इस मौसम की मार से बचा सकता है। याद रखें, प्रकृति का हर उतार-चढ़ाव हमारे भीतर की शक्ति को जाग्रत करता है।
Karan Kamal
मई 14, 2025 AT 22:13आपके विस्तृत वर्णन से स्पष्ट है कि गर्मी का प्रभाव बहुत गहरा है; क्या आपको लगता है कि इस प्रकार की स्थिति में नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों की त्वरित पेशकश से तापमान नियंत्रण में मदद मिल सकती है?
Sameer Srivastava
मई 21, 2025 AT 22:16यार!!! इस धूप ने तो सबको *कस* कर रखा है,,, पसीना बैनजोर तरसता है,, जलदी से एसी चालू करो,, नहीं तो बुडबुड़ाते रह जाओगे,, बहरहाल, सूखा सूखा मोड में रहना मुश्किल है!!!
Sameer Kumar
मई 21, 2025 AT 23:40ठीक कह रहा है, जब ठंडा हवा नहीं आती तो इंसान अपने भीतर की शांति खोजता है और सोचता है कि गर्मी भी एक कदम है आत्मनिरीक्षण की ओर।
naman sharma
मई 28, 2025 AT 23:43माननीय पाठकों, यह ध्यान देने योग्य है कि मौसम विभाग की आँकड़े अक्सर नियोजित जलवायु परिवर्तन के सिद्धांतों से प्रभावित होते हैं, जिसके पीछे कुछ गुप्त संगठन की सहभागिता हो सकती है।
Sweta Agarwal
मई 29, 2025 AT 01:06ओह, यही तो था! पूरे साल के आँकड़े बस एक बड़े किराने के स्टोर के प्रोमोशन प्लान हैं, है ना? 🙄
priyanka k
मई 29, 2025 AT 02:30वास्तव में, ऐसा प्रतीत होता है कि यह सभी अत्यधिक औपचारिक विश्लेषण हमारे सामान्य नागरिकों को बस भ्रमित करने के लिए ही है। 🙂
sharmila sharmila
मई 29, 2025 AT 03:53बहुत सारी जानकारी, धन्यवाद!