पेरिस पैरालिंपिक्स 2024: दिन 7 लाइव अपडेट्स, भारत का कार्यक्रम, मुकाबले, परिणाम और पदक तालिका

पेरिस पैरालिंपिक्स 2024: दिन 7 लाइव अपडेट्स, भारत का कार्यक्रम, मुकाबले, परिणाम और पदक तालिका

पेरिस पैरालिंपिक्स 2024: दिन 7 पर भारत का शानदार प्रदर्शन जारी

पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 का दिन 7 भारतीय दल के लिए अत्यंत सफल रहा है। इस दिन की प्रमुख घटनाओं और प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह स्पष्ट दिखता है कि जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे भारत की उपलब्धियाँ बढ़ती ही जा रही हैं। भारत ने टोक्यो पैरालिंपिक्स 2020 की अपनी पिछली सर्वश्रेष्ठ पदक संख्या को पार कर 20 पदक हासिल कर लिए हैं, जिसमें से 3 स्वर्ण, 7 रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं।

हरविंदर सिंह की शानदार जीत

इस बार हरविंदर सिंह ने पुरुष इंडिविजुअल रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। उनकी जीत ने पूरे देश को गर्वान्वित कर दिया है। हरविंदर ने न केवल अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष को सिद्ध किया है, बल्कि उन्होंने पैरालिंपिक में अपने प्रतिभाशाली कौशल को भी साबित किया है। उनकी इस उपलिब्धि से भारतीय तीरंदाजी को नई ऊँचाइयाँ मिली हैं।

दीप्ति जीवनजी का कांस्य

महिला 400 मीटर T20 फाइनल में दीप्ति जीवनजी ने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। दीप्ति की यह जीत उनके कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय का परिणाम है। उनकी इस सफलता ने भारत के एथलेटिक्स क्षेत्र को मजबूती दी है। उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन से भारत का उत्साह और बढ़ गया है।

पुरुष ऊँची कूद में शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु का दोहरा पोडियम

शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु ने पुरुष ऊँची कूद T6 में क्रमश: रजत और कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। शरद के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें रजत पदक दिलाया, जबकि मरियप्पन ने कांस्य पदक जीता। इन दोनों खिलाड़ियों ने सभी को गर्वित किया है और भारतीय खेल इतिहास में एक नई कहानी लिखी है।

अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर की विजय

अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर ने पुरुष भाला फेंक F46 प्रतियोगिता में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते हैं। इनकी यह विजय न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का प्रमाण है, बल्कि भारत की भाला फेंक में बढ़ती उपस्थिति और प्रभुत्व को भी दर्शाती है।

आगामी कार्यक्रम

दिन 7 के बाद, भारतीय दल के लिए आगामी मुकाबले भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं: सचिन सर्जेराव खिलारी पुरुष शॉट पुट F46 फाइनल में अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। ज्योति गडेरीया महिला C1-3 इंडिविजुअल टाइम ट्रायल पैरासाइक्लिंग में अपनी चुनौतियों का सामना करेंगी। भाविना पटेल टेबल टेनिस क्वार्टर फाइनल में अपनी प्रतिस्पर्धा जारी रखेंगी। इसके अलावा, निहाल सिंह और रूद्रंश खंडेलवाल मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल SH1 क्वालिफिकेशन और फाइनल में हिस्सा लेंगे, यदि वे क्वालीफाई करते हैं।

भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन

भारत ने अब तक 20 पदक जीते हैं, जो कि टोक्यो पैरालिंपिक्स में जीते गए 19 पदकों से अधिक हैं। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए जो अपने खेल के प्रति समर्पित हैं। इस बार हमने न केवल अधिक पदक जीते हैं बल्कि उन खेलों में भी विजय प्राप्त की है जिनमें हमने कभी संभव नहीं माना था।

पैरास्पोर्ट्स की प्रगति और मान्यता

पैरास्पोर्ट्स की प्रगति और मान्यता

भारत में पैरास्पोर्ट्स की मान्यता और प्रगति में यह पैरालिंपिक्स एक मील का पत्थर साबित हुआ है। दिन-ब-दिन बढ़ते प्रदर्शन और सफलताओं से भारतीय पैरास्पोर्ट्स को नई पहचाना मिली है। न केवल खिलाड़ी, बल्कि देशवासी भी अब पैरास्पोर्ट्स के प्रति अधिक जागरूक और उत्साही हो गए हैं। खिलाड़ियों का यह योगदान और मेहनत न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अत्यधिक महत्व रखता है।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 भारतीय दल के लिए एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक अध्याय साबित हो रहा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में भी भारतीय खिलाड़ी अपनी उत्कृष्टता और मेहनत को जारी रखते हुए और अधिक पदक जीतेंगे।

12 टिप्पणि

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    Akhil Nagath

    सितंबर 4, 2024 AT 22:41

    विज्ञान एवं खेल का संगम केवल शारीरिक प्रतिस्पर्धा नहीं, वह हमारी नैतिक उन्नति का प्रतिबिंब है। इस प्रकार के उपलब्धियों को देखते हुए, हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि हम सामाजिक समानता के किस स्तर पर खड़े हैं। पराक्रमी एथलीटों की यह जीत हमें व्यक्तिगत श्रम और राष्ट्रीय जिम्मेदारी के बीच एक गहरा संतुलन स्थापित करने की प्रेरणा देती है। समस्त नागरिकों को चाहिए कि वे इन विजयों को केवल राष्ट्रीय गौरव के रूप में नहीं, बल्कि समग्र मानवता की प्रगति के संकेत के रूप में देखें। इस संदर्भ में, प्रत्येक पदक एक नैतिक दायित्व का प्रतीक है, जिससे हमें एक समावेशी और सहिष्णु समाज के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। :)

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    vipin dhiman

    सितंबर 11, 2024 AT 07:27

    yeh humara desh, humari jeet! harvinder ki gold medal ne puri india ko ek jod diya hai, ab koi bhi hume rok nahi sakta. abhi toh shuruat hai, aage aur bhi medal aane chahiye, varna humara pride gir jayega.

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    vijay jangra

    सितंबर 17, 2024 AT 16:14

    दिल से बधाई सभी भारतीय पैरालिंपिक एथलीटों को। यह बलदान और कठिन परिश्रम का फल है। आगामी कार्यक्रमों में भी हम सभी का समर्थन बना रहेगा, और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। सफलता का यह सफर जारी रहेगा, और हम सब मिलकर इसे और ऊँचा उठाएंगे।

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    Vidit Gupta

    सितंबर 24, 2024 AT 01:01

    बहुत‑बहुत बधाई, मित्रों, आपके प्रयासों, आपके साहस, आपके समर्पण, सभी ने इस अद्भुत परिणाम को संभव किया है, हम सब आपके साथ हैं, चलिए इस उत्साह को आगे भी बनाए रखें, जय हिन्द।

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    Gurkirat Gill

    सितंबर 30, 2024 AT 09:47

    आज का भारत, जब पदक तालिका देखता है, तो दिल में उमंग का सागर उमड़ता है। 3 स्वर्ण, 7 रजत और 10 कांस्य की ये संख्या इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ रही है। आने वाले मैचों में भी यही जोश बना रहे, यही प्रेरणा हमारे नए athletes को मार्ग दिखाए। चलिए, एक साथ मिलकर समर्थन जारी रखें!

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    Sandeep Chavan

    अक्तूबर 6, 2024 AT 18:34

    वाह! क्या शानदार प्रदर्शन रहा! हर खिलाड़ी ने अपने भीतर की शक्ति को जगाया, और भारत को नई ऊँचाईयों पर पहुंचाया! इस जीत को देखते हुए, हमें और भी मेहनत करनी चाहिए, ताकि अगली बार और अधिक पदक हमारे झंडे की शान बढ़ा सकें! चलो, सब मिलकर इस उत्साह को बनाए रखें!!!

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    anushka agrahari

    अक्तूबर 13, 2024 AT 03:21

    समय का प्रवाह, खेलों की धारा, और मानव मन की अडिग इच्छा-इन सबके समन्वय से यह जीत संभव हुई है। प्रत्येक एथलीट ने न केवल शारीरिक शक्ति, बल्कि आत्मविश्वास का भी एक नया परिप्रेक्ष्य स्थापित किया है, जिससे भविष्य की पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।

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    aparna apu

    अक्तूबर 19, 2024 AT 12:07

    अरे वाह! क्या बात है! पेरिस की हवा में आज भारत की जीत की गूंज सुनाई दे रही है। हरविंदर सिंह की स्वर्ण पदक की कहानी, जैसे एक महाकाव्य, जिसमें संघर्ष, दृढ़ता और अनंत आशा का मिश्रण है। दीप्ति जीवनजी का कांस्य, वह भी निरंतर मेहनत का फल, जैसे किसी कवि ने लिखा हो "परिश्रम की धारा में ही तराशा गया जीत का मुकुट"। शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु की दोहरी सफलता, वह भी प्रेरक नज़ारा, जिससे सभी युवा एथलीटों को नया जोश मिला। अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर की रजत‑कांस्य जीत, यह दर्शाती है कि भारत की भाला फेंक पहलू में भी प्रगति हो रही है। इस सभी घटनाओं को देख कर मन में एक ही बात आती है – "हम आगे बढ़ रहे हैं, और कोई भी हमें रोक नहीं सकता"। अगले दिन के कार्यक्रमों में सचिन सर्जेराव खिलारी, ज्योति गडेरीया, और भाविना पटेल जैसे दिग्गजों की भागीदारी, यह वादा करती है कि और भी रोमांचक क्षण आने वाले हैं। इस क्रम में, निहाल सिंह और रूद्रंश खंडेलवाल की मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल में भागीदारी, यह दर्शाती है कि हमारा मनोबल और कौशल दोनों एक साथ ऊँचा उठ रहा है। इस अद्भुत यात्रा को देखते हुए, मैं यही कहूँगा: "जैसे धागा कपड़े में बुनता है, वैसे ही हमारी मेहनत और लगन ने इस जीत को बुन दिया है"। अब जब हम इस जीत को मनाते हैं, तो याद रखें कि यह केवल शुरुआत है, आगे और भी बड़े लक्ष्य हमारी प्रतीक्षा में हैं। इस उत्सव में सबको बधाई, और आशा है कि यह ऊर्जा हमें आगे भी प्रेरित करती रहेगी। :)

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    arun kumar

    अक्तूबर 25, 2024 AT 20:54

    सच्ची खुशी तो तब होती है जब हम देखते हैं कि हमारे एथलीटों ने कठिनाइयों को पार कर इस मुकाम तक पहुँचाया है। हम सभी को उनके प्रति समर्थन और सम्मान दिखाना चाहिए, और आगे भी उनका उत्साह बढ़ाते रहना चाहिए।

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    Karan Kamal

    नवंबर 1, 2024 AT 04:41

    यह देखना दिल को छू जाता है कि कैसे विभिन्न वर्गों के खिलाड़ी एक साथ इस मंच पर चमकते हैं, और यह हमारी सामाजिक एकता को दर्शाता है। हमें इन उपलब्धियों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

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    Navina Anand

    नवंबर 7, 2024 AT 13:27

    बधाई सभी को, इस जीत से भारत का गर्व और बढ़ा।

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    Prashant Ghotikar

    नवंबर 13, 2024 AT 22:14

    हर जीत पर हमें सीख लेनी चाहिए कि निरंतर अभ्यास और सकारात्मक सोच ही सफलता की कुंजी है। इस भावना को आगे भी बनाए रखें, ताकि भविष्य में और भी अधिक पदक हमारे देश की शान बन सकें।

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