केंद्र सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम रखा: औपनिवेशिक अवशेषों से मुक्त कराने की कोशिश
- 13 सित॰ 2024
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शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा घोषित किया गया कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर 'श्री विजय पुरम' किया गया है। यह निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से लिया गया है, जिनका उद्देश्य है देश को औपनिवेशिक अवशेषों से मुक्त करना और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देना।
पोर्ट ब्लेयर को यह नाम पहले ब्रिटिश कैप्टन आर्चीबाल्ड ब्लेयर के नाम पर मिला था, जो ईस्ट इंडिया कंपनी के एक समुद्री सर्वेक्षक थे। इसलिए इसका एक औपनिवेशिक अवशेष के रूप में माना जाता था। इसके विपरीत, नया नाम 'श्री विजय पुरम' स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्राप्त विजय और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का ऐतिहासिक महत्व
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह द्वीपसमूह चोल साम्राज्य का नौसैनिक बेस था और यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार भारतीय ध्वज फहराया था। इसके अलावा, यह द्वीपसमूह उस सेलुलर जेल का घर है, जहां वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था।
इस समृद्ध इतिहास को सम्मान देने के हिस्से के रूप में, सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय स्मारक भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाने की घोषणा की है। इससे पहले इसे रॉस द्वीप के नाम से जाना जाता था।
रणनीतिक एवं विकासात्मक दृष्टिकोण
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि इसका सामरिक महत्व भी बहुत बड़ा है। भारतीय महासागर क्षेत्र में यह भारत की सबसे बड़ी रणनीतिक महत्व की संपत्ति है। यहीं कारण है कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 21 बड़े बेनाम द्वीपों का नामकरण परम वीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर किया। यह कदम द्वीपसमूह को राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लक्ष्यों के साथ बेहतर समन्वयित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
औपनिवेशिक अवशेषों से मुक्ति
सरकार की यह पहल औपनिवेशिक अवशेषों से मुक्त कराने की बड़ी कोशिशों का हिस्सा है, जोकि भारतीय संस्कृति और इतिहास की अनदेखी करने वाले नामों को बदलने का प्रयास है। प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्त्व में, यह कदम सुनिश्चित करने का प्रयास है कि हमारी धरोहर और राष्ट्रीय गौरव को सही सम्मान मिले।
इस नई पहल के अंतर्गत, नए नाम 'श्री विजय पुरम' के पीछे का उद्देश्य है कि यह द्वीपसमूह स्वतंत्रता संग्राम में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की अनूठी भूमिका को सही तरीक़े से पहचान दिला सके।
औपनिवेशिक चेहरों और नामों से हटकर अब यह समय है कि हम अपने इतिहास, अपनी धरोहरों और वीरता को महत्व दें, और उन नायकों की याद ताजा करें जिन्होंने हमारे लिए बलिदान दिए।