हेमंत सोरेन का दावा: झारखंड विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी का सफाया होगा

हेमंत सोरेन का दावा: झारखंड विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी का सफाया होगा

हेमंत सोरेन का बड़ा दावा: बीजेपी का झारखंड से सफाया तय

पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर से बीजेपी पर जोरदार हमला किया है। अपने आवास पर जेएमएम कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए और दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी का झारखंड से सफाया हो जाएगा।

सोरेन ने कहा, 'बीजेपी ने मेरे खिलाफ साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन झारखंड की जनता इसबार उन्हें करारा जवाब देगी।' उन्होंने कहा कि उन्हें जेल में डालने की साजिश रचने वालों के खिलाफ राज्य में विद्रोह होगा और जनता बीजेपी को कभी माफ नहीं करेगी।

जेल से रिहाई के बाद हेमंत सोरेन की पहली प्रतिक्रिया

हेमंत सोरेन 28 जून को बिरसा मुंडा जेल से रिहा हुए थे। उन्हें राज्य उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दी थी। उनकी गिरफ्तारी इस साल 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई थी। उन्हें 8.36 एकड़ जमीन के अवैध कब्जे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।

सोरेन ने बीजेपी पर संवैधानिक संस्थानों को अपने नियंत्रण में लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने संवैधानिक संस्थानों पर नियंत्रण जमाने की कोशिश की, लेकिन हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में जनता ने उन्हें सबक सिखाया।'

बीजेपी की 'मुगलरिया के हसीन सपने'

बीजेपी की 'मुगलरिया के हसीन सपने'

हेमंत सोरेन ने बीजेपी को चुनौती दी कि वे राज्य में कभी भी विधानसभा चुनाव करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी का चुनाव जीतने का सपना 'मुगलरिया के हसीन सपने' जैसा होगा, जो कभी सच नहीं होंगे।

उन्होंने बीजेपी पर आदिवासी मुख्यमंत्रियों को 'रबर स्टाम्प' बनाने का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि बीजेपी ने कई राज्यों में आदिवासी मुख्यमंत्रियों को केवल नाममात्र का मुख्यमंत्री बनाकर रखा है, जबकि असली शक्तियाँ उनके पास नहीं होतीं।

संविधानिक संस्थानों पर नियंत्रण का आरोप

सोरेन ने सभी संवैधानिक संस्थानों पर बीजेपी के नियंत्रण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने संवैधानिक संस्थाओं पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन यह देश लोकतांत्रिक है और जनता इस बात को अच्छी तरह से समझती है।'

लोकसभा चुनावों से आया आत्मविश्वास

लोकसभा चुनावों से आया आत्मविश्वास

हेमंत सोरेन ने लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में जनता ने बीजेपी को स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा, 'झारखंड की जनता अब जागरुक हो चुकी है और वो किसी भी प्रकार की साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगी।'

आदिवासी नेतृत्व पर सवाल

सोरेन ने बीजेपी पर आदिवासियों को नेतृत्व की जगह 'रबर स्टाम्प' बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने आदिवासी मुख्यमंत्रियों को केवल दिखावे के लिए रखा हुआ है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस चुनाव में सोच-समझकर वोट करें और उन नेताओं का समर्थन करें जो उनके अधिकारों और हितों की रक्षा कर सकें।

हेमंत सोरेन का यह बयान उनके समर्थकों और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ी हलचल मचा सकता है। आगामी विधानसभा चुनावों में किसकी जीत होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है कि हेमंत सोरेन की ओर से बीजेपी को एक बड़ी चुनौती मिल चुकी है।

यदि घटनाक्रम इसी तरह से आगे बढ़ता है तो झारखंड की राजनीति में आने वाले दिनों में और भी दिलचस्प मोड़ देखने को मिल सकते हैं।

14 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Sweta Agarwal

    जून 29, 2024 AT 19:41

    वो तो बिलकुल सही कहा, बीजेपी का सफाया तभी होगा जब जिम में नई जिमनास्टिक मशीन लग जाए।

  • Image placeholder

    KRISHNAMURTHY R

    जून 30, 2024 AT 12:21

    हे भाई, इस वक्त की पॉलिटिकल स्ट्रैटेजी में ग्रासरूट्स की बात करना जरूरी है 😎। जनता का मूड अब पहले से ज़्यादा डिडिकेटेड दिख रहा है, और ये ही असली गेम‑चेंजर है। इस पहलू को समझना सभी के लिए फायदेमंद रहेगा।

  • Image placeholder

    priyanka k

    जुलाई 1, 2024 AT 05:01

    सादर, आपके विश्लेषण में तथ्यात्मक त्रुटि नज़र आती है।

  • Image placeholder

    sharmila sharmila

    जुलाई 1, 2024 AT 21:41

    yeh maamla bahot interesting hai, par thoda confusion bhi lag raha h.

  • Image placeholder

    Shivansh Chawla

    जुलाई 2, 2024 AT 14:21

    भाई, बीजेपी का दिमाग है कि वो अभी भी इस राज्य में अपना दबदबा बना सकते हैं, लेकिन जनता का दिमाग बदल गया है!

  • Image placeholder

    Akhil Nagath

    जुलाई 3, 2024 AT 07:01

    विचारशीलता के स्तर पर देखें तो यह परिकल्पना राष्ट्रीय हित के विपरीत है।

  • Image placeholder

    vipin dhiman

    जुलाई 3, 2024 AT 23:41

    bhai yeh BJP ka kamsaam sirf chhuti ke snehe hi dekh rahe h.

  • Image placeholder

    vijay jangra

    जुलाई 4, 2024 AT 16:21

    चलो देखिए, जनता की आवाज़ अंत में सबसे ताकतवर होगी।

  • Image placeholder

    Vidit Gupta

    जुलाई 5, 2024 AT 09:01

    सही कहा!; इस बात पर कोई भी संदेह नहीं; भविष्य में यह स्पष्ट होगा;

  • Image placeholder

    Gurkirat Gill

    जुलाई 6, 2024 AT 01:41

    हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत रहे।

  • Image placeholder

    Sandeep Chavan

    जुलाई 6, 2024 AT 18:21

    बिल्कुल! चलिए इस ऊर्जा को चुनाव में डालते हैं!!!

  • Image placeholder

    anushka agrahari

    जुलाई 7, 2024 AT 11:01

    समाज की चेतना का विकास ही प्रमुख कारक है, जो राजनीतिक परिदृश्य को रूपांतरित करता है।

  • Image placeholder

    aparna apu

    जुलाई 8, 2024 AT 03:41

    झारखंड की राजनीति अब एक नाटकीय मंच बन चुकी है, जहाँ हर पक्ष अपने-अपने किरदार निभा रहा है।
    हेमंत सोरेन का यह दावा कि बीजेपी का सफाया होगा, एक महान् घोषणा के समान प्रतीत होता है।
    वास्तव में, जनता की इच्छाशक्ति को कम करके नहीं आंका जा सकता, क्योंकि यह इतिहास में कई बार सिद्ध हो चुका है।
    परंतु, इस तरह के तीव्र आरोपों से सामाजिक तानाबाना में दरारें पड़ सकती हैं, जो कि हम सभी के लिए हानिकारक है।
    राजनीतिक रणनीति में अक्सर ऐसी ही ध्वनि-भरी बातें देखी गई हैं, जो केवल दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती हैं।
    अब समय आया है कि हम सभी अपने-अपने दायित्व को समझें और तथ्यों के आधार पर निर्णय लें।
    उदाहरण के तौर पर, पिछले चुनावों में भी कई बार ऐसा ही हुआ है, जहाँ बड़े वादे अंत में टूटे।
    यह भी स्पष्ट है कि यदि जनता सच में जागरूक हो, तो कोई भी पार्टी अजेय नहीं रह सकती।
    विभिन्न वर्गों के बीच समानता और न्याय का भाव इस बदलाव को साकार कर सकता है।
    अंततः, लोकतंत्र की असली ताकत उसके नागरिकों की सुनवाई में निहित है।
    यदि हम इस सिद्धांत को अपनाएँ, तो हम एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
    इस संदर्भ में, सभी राजनीतिक नेता को चाहिए कि वे भी संवाद के माध्यम से ही जुड़ें, न कि ताने‑बाने के।
    अब जब हम इस चर्चा में गहराई से उतरते हैं, तो भावनाओं को नियंत्रित रखना भी आवश्यक है।
    साथ ही, मीडिया को भी चाहिए कि वह संतुलित रिपोर्टिंग करे, ताकि जनता को सच्ची जानकारी मिल सके।
    आइए, हम सब मिलकर इस ज्वार‑भाटे को शांत करने की कोशिश करें, ताकि झारखंड की धरती पर शांति बनी रहे।
    😊 यह सब कुछ संभव है, बस हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा।

  • Image placeholder

    arun kumar

    जुलाई 8, 2024 AT 20:21

    आपकी बातों में गहराई है, मैं भी इस आशा को साझा करता हूँ।

एक टिप्पणी लिखें