दुबई में 21 सितम्बर को भारत‑पाकिस्तान की तीव्र टक्कर ने सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि राजनीति की धड़कन भी दिला दी। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज Haris Rauf बैन के बाद, ICC ने उनके खिलाफ तीन मैचों की सख़्त सजा की घोषणा की। इस कदम ने ना सिर्फ इस मैच को, बल्कि एशिया कप 2025 के फाइनल को भी हिला कर रख दिया।
ICC का कड़ा कदम और कारण
मैच के दौरान Rauf ने सीमा के पास खड़े होकर ‘6‑0’ का हाथ दिखाया और एक विमान के गिरते हुए इशारे की नकल की। यह इशारे भारत‑पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव के संदर्भ में समझे गए, इसलिए ICC ने इसे कोड ऑफ़ कॉन्डक्ट के उल्लंघन के रूप में देखा। पहले 30 % फ़ीस का जुर्माना तय किया गया था, पर बाद में इस व्यवहार की गम्भीरता को देखते हुए सजा तीन मैचों तक बढ़ा दी गई।
रिची रिचर्डसन, मैच रेफ़री ने बताया कि यह सजा केवल Rauf के व्यक्तिगत दायित्व को नहीं, बल्कि पूरे टूर्नामेंट में ऐसे संकेतों को रोकने के उद्देश्य से है। ICC ने कहा कि खेल को ‘स्पोर्ट्समैन्सहिप’ के मूल्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए, ना कि राष्ट्रीय मुद्दों की लहर पर सवार किया जाना चाहिए।
साथ ही, Rauf ने भारतीय ओपनर शुबमन गिल और अभिषेक शर्मा पर भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ों को एक अतिरिक्त प्रेरणा मिली और उन्होंने गेंदबाज़ी को प्रभावी ढंग से टाल दिया। यह सब मिलकर Rauf की छवि को बहुत धूमिल कर गया।
इसी मैच में पाकिस्तान के अन्य खिलाड़ी, साबिज़दा फारहान ने अपनी अर्धशतक के बाद एक गन के रूप में बैट की नकल की, लेकिन उसे केवल चेतावनी मिली। Rauf को न केवल फिनाले में फाइन लगाया गया, बल्कि उनके मैच फ़ीस का पूरी तरह से हर्ज़ाना किया गया।
ICC की पैनल ने 26 सितम्बर को Rauf के जवाब पर विचार करने का निर्णय लिया था, पर स्रोतों ने संकेत दिया कि तीन‑मैच बैन लगभग पक्का हो चुका है। यह सजा न केवल Rauf की व्यक्तिगत आय को प्रभावित करेगी, बल्कि पाकिस्तान टीम की स्ट्रैटेजी और फाइनल में उनकी पहनाव को भी प्रभावित करेगी।
एशिया कप के फाइनल को 28 सितम्बर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में इंडो‑पाक मुकाबला तय किया गया है। इस जीत‑हार की दांव पर Rauf की अनुपस्थिति टीम को एक बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर उनकी तेज़ बॉलिंग विकल्प कम होने के कारण। टीम मैनेजर्स अब वैकल्पिक प्लेयर्स की तैनाती पर आगे विचार कर रहे हैं।
ICC ने दोनों टीमों को स्पष्ट चेतावनी भी जारी की है — किसी भी प्रकार की ‘युद्ध‑संदर्भ’ या राजनीतिक बयानबाज़ी से बचें। इस दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने वाले खिलाड़ी को तुरंत फाइन या सजा के साथ सामना करना पड़ेगा। यह नियम विशेष रूप से भारत‑पाकिस्तान के इतिहासिक मैचों में लागू किया गया है, जहाँ हर छोटी‑छोटी बात को मीडिया में सैंकड़ों गजों तक बढ़ाया जाता है।
रउफ़ के इस क़दम के बाद कई क्रिकेट विश्लेषकों ने कहा कि ऐसे इशारे केवल दर्शकों को ही नहीं, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी गलत संदेश देते हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि खेल को राष्ट्रीय तनाव से अलग रखकर ही दर्शकों का भरोसा जीत सकते हैं।
भविष्य में यदि ऐसे मामलों को दोबारा रोका नहीं गया, तो ICC को और भी सख़्त कदम उठाने पड़ सकते हैं, जैसे कि पूरे टीम पर प्रतिबंध या बड़े टूर्नामेंट में भागीदारी से इनकार। इस प्रकार की नीतियां अंतरराष्ट्रीय खेलों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।