India-UK FTA: डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन से भारतीय कर्मचारियों को UK सोशल सिक्योरिटी भुगतान में छूट

India-UK FTA: डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन से भारतीय कर्मचारियों को UK सोशल सिक्योरिटी भुगतान में छूट
  • 7 मई 2025
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India-UK FTA: डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन क्या है?

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए नए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में सबसे चर्चा में India-UK FTA का डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन आया है। इस प्रावधान के मुताबिक, भारतीय कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं को अब ब्रिटेन में तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी यानि नेशनल इंश्योरेंस पेमेंट्स नहीं देने होंगे। आम भाषा में कहें तो भारतीय कर्मचारी और कंपनियां, जो अस्थायी रूप से UK में काम करने आते हैं, उन्हें पेंशन और हेल्थकेयर के लिए दोहरा टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

इस छूट से IT और अन्य सर्विस सेक्टर में काम करने वाले हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स को राहत मिलेगी। आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ IT सेक्टर के करीब 60,000 कर्मचारी हर साल इस नियम से सीधे लाभान्वित होंगे। वे पहले सालाना वेतन का करीब 20% नेशनल इंश्योरेंस में गंवा देते थे, जो अब सीधे उनकी जेब में जाएगा। इसके अलावा योगा टीचर, शेफ और सलाहकार जैसे स्वतंत्र प्रोफेशनल्स पर भी यह छूट लागू होगी।

राजनीतिक बहस और वैश्विक संदर्भ

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जहां भारत सरकार इस प्रावधान को 'बड़ी जीत' और 'इतिहासिक कदम' बता रही है, वहीं ब्रिटेन के विपक्षी दल इस पर सवाल उठा रहे हैं। कंज़र्वेटिव, लिबरल डेमोक्रेट्स और रिफॉर्म पार्टीज ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है। उनका कहना है कि इससे ब्रिटिश और भारतीय वर्कर्स के बीच कर की दोहरी व्यवस्था बन जाएगी - भारतीयों को छूट मिलेगी, जबकि ब्रिटिश कर्मचारियों और कंपनियों को पहले की तरह अधिक नेशनल इंश्योरेंस देना पड़ेगा।

कंज़र्वेटिव पार्टी की नेता केमी बेडेनॉक, जो पहले ट्रेड सेक्रेटरी रहते हुए इसी तरह के समझौते को ठुकरा चुकी थीं, उन्होंने दावा किया है कि इससे 'सैकड़ों मिलियन' पाउंड का नुकसान ब्रिटिश ट्रेजरी को होगा। वे मानती हैं कि इससे फेयरनेस और बराबरी का सिद्धांत कमजोर पड़ेगा।

हालांकि, भारत की तरफ से इसे IT सेक्टर समेत सर्विस इंडस्ट्री की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने वाला कदम बताया जा रहा है। इस नए India-UK FTA के तहत 26 चैप्टर में माल, सेवाएं, निवेश और इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टी जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। डिजिटल और तकनीकी सेवाओं पर खास फोकस रखा गया है, जिससे भारत का टेक आऊटसोर्सिंग नेटवर्क ब्रिटेन में मजबूत होगा।

इस तरह के डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन भारत पहले ही जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड जैसे कई यूरोपीय देशों से कर चुका है। ब्रिटेन भी अब तक 17 अन्य देशों के प्रोफेशनल्स को इसी तरह की छूट देता आ रहा है। जानकार कहते हैं कि इस फैसले का तत्काल असर शायद IT सेक्टर के बाहर सीमित रहेगा, लेकिन भारतीय पेशेवरों की UK में हिस्सेदारी और प्रतिस्पर्धा की क्षमता को जरूर बढ़ाएगा।

  • भारतीय कर्मचारियों को 3 साल तक UK में सोशल सिक्योरिटी भुगतान नहीं करना होगा।
  • वेतन का 20% तक बचत का फायदा, खासतौर पर IT सेक्टर के लिए।
  • ब्रिटेन के विपक्षी दल इसे असमान मान रहे हैं।
  • यह समझौता भारत के अन्य देशों के साथ किए गए Social Security Agreements जैसा ही है।