जो रूट ने तोड़ा अलस्टेयर कुक का रिकॉर्ड: विराट कोहली-सचिन तेंदुलकर की ग्लोबल तुलना
- 1 सित॰ 2024
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क्रिकेट की दुनिया में एक ऐतिहासिक पल तब आया जब इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट ने पूर्व कप्तान अलस्टेयर कुक के टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह घटना इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच लॉर्ड्स में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दौरान घटी। इस मैच में रूट ने पहले पारी में 143 रन बनाए और फिर तीसरे दिन में 103 रन की पारी खेलकर कुक के रिकॉर्ड को पार कर लिया। यह मील का पत्थर तब और खास हो गया जब कुक खुद कमेंट्री बॉक्स में थे और उन्होंने रूट की प्रशंसा 'इंग्लैंड का महानतम' कहते हुए की।
इस उपलब्धि के बाद सोशल मीडिया पर तुलना की लहर दौड़ पड़ी, जिसमें भारतीय फैंस ने रूट और अलस्टेयर कुक की उपलब्धियों की तुलना विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर से की। कई लोग इस बात पर बहस करते नजर आए कि क्या एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड को ग्लोबल रिकॉर्ड से तुलना की जा सकती है। सच्चाई यह है कि रूट का 34वां टेस्ट शतक उनका कुल रन जमा करना 12,377 तक ले गया है, जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट के अब तक के सबसे बड़े बल्लेबाजों में शामिल करने के करीब लाता है।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि रूट की इस उपलब्धि ने उन्हें न केवल कुक के रिकॉर्ड से आगे कर दिया है, बल्कि उन्होंने पूरी क्रिकेट दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह से रूट ने खेल में अपनी नई ऊर्जा और तकनीक में सुधार किया है, वह सचिन तेंदुलकर के 15,921 टेस्ट रन के विश्व रिकॉर्ड को भी पार कर सकते हैं।
रूट की इस उपलब्धि पर कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि रूट की वर्तमान फॉर्म और उम्र को देखते हुए, वह सचिन तेंदुलकर के ऑल-टाइम टेस्ट रन रिकॉर्ड को तोड़ने के योग्य बन सकते हैं।
रूट के फॉर्म में विशेषता यह है कि वे अर्धशतक को शतक में बदलने की उनकी क्षमता में उन्नति हुई है। 2023 के मुकाबलों में उनका अर्धशतक से शतक में बदलने का दर काफी प्रभावशाली रहा है, जिससे यह विचार करना गलत नहीं होगा कि रूट एक दिन इस महान मील के पत्थर तक पहुँच सकते हैं।
जहां तक भारतीय प्रशंसकों का सवाल है, उनके लिए कोहली और तेंदुलकर का स्थान दिल में सबसे खास है। कोहली ने भी 2023 विश्व कप के दौरान तेंदुलकर के एकदिवसीय शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ा था, जिससे भारतीय फैंस की भावनाएं उभर आईं। कोहली के इस उपलब्धि पर तेंदुलकर ने भी गर्व जताया था और इसे एक यादगार पल के रूप में संजोया था।
रूट के इस रिकॉर्ड तोड़ने के बाद, इंग्लैंड के क्रिकेट फैंस इस बात से खुश हैं कि उन्होंने अलस्टेयर कुक जैसा महान खिलाड़ी तैयार किया है और अब रूट के रूप में एक और गरिमामय खिलाड़ी उन्हें मिल गया है।
इस बात में कोई संदेह नहीं कि रूट की यह उपलब्धि उन्हें क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगी। लेकिन क्या वह सचिन तेंदुलकर के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ पाएंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
इस तरह के मुकाबले और रिकॉर्ड क्रिकेट को और भी रोमांचक बनाते हैं। क्रीड़ा जगत में ऐसे ही दिलचस्प पल नई कहानियाँ रचते हैं और फैंस को आनंदित करते रहते हैं।
जो रूट की इस उपलब्धि ने क्रिकेट प्रेमियों को एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि खेल में रिकॉर्ड्स का महत्व कितना ज्यादा होता है और कैसे एक खिलाड़ी अपने कुशलता और मेहनत से इतिहास रच सकता है।