रॉबर्ट कियोसाकी, वित्तीय शिक्षक ने 21 जुलाई 2025 को अपने ट्विटर पोस्ट में कहा – “बबल्स अब फूटने वाले हैं। अगर सोना, चाँदी और बिटकॉइन की कीमतें गिरें… मैं खरीदूँगा। ध्यान रखें।” इस चेतावनी का असर पहले ही निवेशकों के बीच फैल रहा है, इसलिए यह खबर सिर्फ एक राय नहीं, बल्कि संभावित बाजार‑उत्थान का संकेत है।
इतिहासिक पृष्ठभूमि: कियोसाकी का निवेश दर्शन
कियोसाकी 1997 में प्रकाशित ‘रिच डैड पुअर डैड’ से वैश्विक पाठकों को संपत्ति‑सिर्जन के असामान्य सिद्धांत सिखा रहे हैं। उनके अनुसार आर्थिक मंदी के समय वास्तविक धन – यानी भौतिक धातुएँ और डिजिटल कॉइन – ही सुरक्षित शरणस्थली होती हैं। 2008 के वित्तीय संकट के बाद उन्होंने कई बार सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो को ‘वास्तविक पैसा’ कहकर प्रचारित किया। इस बार उनका सन्देश अधिक तीव्र: 2025 को “सुपर‑क्रैश” का खतरा, जो 2008 की तुलना में भी बड़ा हो सकता है।
विस्तृत विकास: कीमतें, आँकड़े और कियोसाकी की नवीनतम चेतावनी
वर्तमान में सोना और चाँदी दोनों ने 2025 में लगभग 45‑50% रिटर्न किया है। बिटकॉइन, जो 2020 के बाद से सबसे अधिक अस्थिर संपत्ति रही है, उसकी कीमत 2025 की पहली छमाही में 30% तक बढ़ी। कियोसाकी ने इन आंकड़ों को "उच्चतम मूल्य बबल" कहा और “यदि ये गिरेंगे तो खरीदारों के लिए सुनहरा अवसर है”।
वे बताते हैं कि इस संभावित गिरावट के पीछे कई कारक मिल रहे हैं:
- लगातार महँगी हुई मुद्रास्फीति, जिससे डॉलर की ताकत कमज़ोर हो रही है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की तेज़ी से उभार, जो कई परंपरागत नौकरी‑सेवा क्षेत्रों को बदल रहा है।
- जियो‑पॉलिटिकल तनाव, विशेषकर यू‑एस‑चीन व्यापार वादे और यूरोप‑मध्य‑पूर्व में ऊर्जा संकट।
इन सभी दबावों के बीच कियोसाकी ने एक और संकेत दिया – वॉरेन बफ़ेट का हालिया सोने‑सिल्वर में निवेश।
प्रतिक्रिया: वॉरेन बफ़ेट और बर्कशायर हैथवे की नई दिशा
वॉरेन बफ़ेट के नाम से कई लोगों को यह लगता था कि वह धातुओं को हमेशा “गैर‑जिनीस” मानते हैं। लेकिन अक्टूबर 2025 में बर्कशायर हैथवे ने बैरिक गोल्ड कॉर्प में $500 मिलियन से अधिक की अल्पकालिक निवेश की घोषणा की। इस कदम को कियोसाकी ने “स्टॉक्स‑बॉन्ड बबल के टूटने का संकेत” कहा। उन्होंने दो बार तेज़ी से लिखा – “मैं बफ़ेट को देख कर उल्टी पेशी महसूस कर रहा हूँ, लेकिन इसका मतलब है कि बाज़ार जल्द ही गिरावट देखेगा।”
मार्केट विश्लेषकों का मानना है कि बफ़ेट की यह दिशा बदलाव सामान्य नहीं; यह विशेष रूप से तब होता है जब पारम्परिक सुरक्षा‑उत्पाद जोखिम‑पूर्ण हो जाते हैं। इस कारण ही बफ़ेट ने अब सोने‑सिल्वर की तरफ रूझान दिखाया।
प्रभाव विश्लेषण: निवेशकों के लिये क्या मतलब है?
यदि कियोसाकी की भविष्यवाणी सच होती है, तो संभावित गिरावट के परिणाम कई स्तरों पर महसूस होंगे:
- स्टॉक्स और बांड में तेज़ी से निकासी; पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन की लहर।
- भौतिक धातुओं की कीमतें गिरते‑ही गिरें, जिससे तत्काल खरीदारी के लिए “डॉलर्स‑कॉस्ट एवरेजिंग” रणनीति फायदेमंद होगी।
- क्रिप्टो‑मार्केट में अल्पकालिक बुलिश स्पाइक; फिर भी दीर्घकालिक जोखिम बना रहेगा।
आर्थिक विशेषज्ञ डॉ. मनोज शेरवानी (इकॉनॉमिक्स प्रोफ़ेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने कहा – “इतनी बड़ी अस्थिरता के दौरान धातुएँ वास्तव में ‘सुरक्षित आश्रय’ बन सकती हैं, बशर्ते निवेशक उचित जोखिम‑प्रबंधन रखें।”

आगे क्या हो सकता है? संभावित परिदृश्य
कियोसाकी के अनुसार दो मुख्य परिदृश्य संभव हैं:
- दुबला क्रैश: सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो के मूल्यों में 20‑30% गिरावट, जिससे “अधिकतम खरीदारी” की स्थिति बनती है।
- आंशिक उछाल: यदि सरकारों ने अस्थिरता को रोकने के लिये बड़े पैमाने पर मौद्रिक उपाय किए, तो धातु‑बाजार में तेज़ पुनरुद्धार देखा जा सकता है।
कियोसाकी ने अंत में यह कहा – “बफ़ेट के संकेतों को सुनें, पर खुद का अनुसंधान भी करें। यदि आप ‘वास्तविक पैसा’ रखने के लिये तैयार हैं, तो अब से कदम उठाएँ।”
केस स्टडी: 2020‑2023 के धातु‑बाजार की सीख
पिछले पाँच वर्षों में दो प्रमुख घटनाओं ने धातु‑बाजार को रौशन किया:
- 2020 में कोविड‑19 के कारण शुरुआती दौर में सोने की कीमत $1,800 से $2,050 तक पहुँची, फिर 2021 में डॉलर की मजबूती से घटकर $1,700 पर आई।
- 2022 में यू‑एस‑रूस युद्ध के बाद यूरोप में ऊर्जा की कमी के कारण, सोना और सिल्वर दोनों ने दो‑तीन महीने में 10‑12% उछाल देखा।
इन घटनाओं को कियोसाकी और बफ़ेट ने “बाजार‑भावना के चक्र” के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कियोसाकी के अनुसार सोना‑सिल्वर में निवेश करने का सबसे अच्छा समय कब है?
उनका मानना है कि कीमतों में तीव्र गिरावट के दौरान, यानी जब सोना या सिल्वर 2025 के मध्य में 15‑20% नीचे जाएँ, तब बड़े पैमाने पर खरीदारी करना लाभदायक रहेगा। इससे पहले उचित रिसर्च और जोखिम‑निर्धारण जरूरी है।
वॉरेन बफ़ेट ने बर्कशायर हैथवे के जरिए सोने में क्यों निवेश किया?
बफ़ेट ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि मौजूदा उच्च मुद्रास्फीति और संभावित स्टॉक‑बॉन्ड बबल के कारण, धातुओं को एक “हैजिंग” उपकरण के रूप में देखना चाहिए। इसलिए उनका $500 मिलियन बोनस एंट्री रणनीतिक रूप से किया गया।
बिटकॉइन की कीमत में गिरावट का क्या असर होगा?
यदि बिटकॉइन 2025 के अंत तक 30% से अधिक गिरता है, तो कई रिटेल निवेशकों के भरोसे में कमी आएगी, पर संस्थागत निवेशकों के लिए यह सस्ते मूल्य पर प्रवेश करने का अवसर बन सकता है।
क्या इस संभावित सुपर‑क्रैश से बचने के लिए पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन जरूरी है?
हां, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 20‑30% तक सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो को समायोजित करके जोखिम को कम किया जा सकता है, जबकि बांड‑इक्विटी हिस्से को पुनः संतुलित करना चाहिए।
कियोसाकी की भविष्यवाणी के बारे में विश्व के प्रमुख वित्तीय संस्थानों की क्या राय है?
ज्यादातर प्रमुख हेज फंड और निवेश बैंक इसको "अधिक आशावादी" मानते हैं, पर कुछ ने कहा कि ऐतिहासिक डेटा के आधार पर धातु‑क्रिप्टो के जोखिम‑पुश संकेतों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
Kashish Narula
अक्तूबर 6, 2025 AT 00:33रॉबर्ट कियोसाकी की बातों से लगता है कि अभी निवेशकों को थोड़ा शांत रहकर विचार करना चाहिए। सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो पर ध्यान देना अच्छा है, पर जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस समय छोटे‑छोटे निवेश से शुरुआत करना समझदारी हो सकती है।
smaily PAtel
अक्तूबर 6, 2025 AT 01:56डेटा स्पष्ट रूप से दर्शाता है, अगर हम ऐतिहासिक मूल्य‑चक्र को देखें, तो 2025 में बबल फटने की संभावनाएँ अत्यधिक हैं, इसलिए तुरंत पूंजी को धातु‑बाजार में पुनः आवंटित करना आवश्यक है, यह एक अकस्मात लेकिन विवेचित कदम है, और इसे नज़रअंदाज़ करना वित्तीय टर्मिनेटर जैसा होगा।
Hemanth NM
अक्तूबर 6, 2025 AT 03:20कियोसाकी ने सही कहा, कीमतें गिरें तो खरीदें।
rin amr
अक्तूबर 6, 2025 AT 04:43बहुत ही रोचक विश्लेषण है, मैं मानता हूँ कि बफ़ेट का सोने में कदम एक गंभीर संकेत है। बाजार में मौजूदा अति‑उत्साह को देखते हुए, धातु‑क्लासिक एसेट्स को पुनः मूल्यांकन करना जरूरी है। यह केवल एक ट्रेडिंग टिप नहीं, बल्कि रणनीतिक पुनर्संतुलन का मसला है। निवेशकों को इस मोमेंटम को समझते हुए अपने पोर्टफ़ोलियो को रीबैलेंस करना चाहिए। अगर बबल फटता है, तो जो लोग अभी तैयार रहेंगे, वे सबसे बड़ी जीत हासिल करेंगे। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इस चरण में धातु‑सुरक्षा को प्राथमिकता देना बौद्धिक साहस है।