रॉबर्ट कियोसाकी ने चेताया: सोना‑चाँदी‑बिटकॉइन कीमतें गिरेंगी, अब खरीदारी का समय

रॉबर्ट कियोसाकी ने चेताया: सोना‑चाँदी‑बिटकॉइन कीमतें गिरेंगी, अब खरीदारी का समय
  • Nikhil Sonar
  • 6 अक्तू॰ 2025
  • 11 टिप्पणि

रॉबर्ट कियोसाकी, वित्तीय शिक्षक ने 21 जुलाई 2025 को अपने ट्विटर पोस्ट में कहा – “बबल्स अब फूटने वाले हैं। अगर सोना, चाँदी और बिटकॉइन की कीमतें गिरें… मैं खरीदूँगा। ध्यान रखें।” इस चेतावनी का असर पहले ही निवेशकों के बीच फैल रहा है, इसलिए यह खबर सिर्फ एक राय नहीं, बल्कि संभावित बाजार‑उत्थान का संकेत है।

इतिहासिक पृष्ठभूमि: कियोसाकी का निवेश दर्शन

कियोसाकी 1997 में प्रकाशित ‘रिच डैड पुअर डैड’ से वैश्विक पाठकों को संपत्ति‑सिर्जन के असामान्य सिद्धांत सिखा रहे हैं। उनके अनुसार आर्थिक मंदी के समय वास्तविक धन – यानी भौतिक धातुएँ और डिजिटल कॉइन – ही सुरक्षित शरणस्थली होती हैं। 2008 के वित्तीय संकट के बाद उन्होंने कई बार सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो को ‘वास्तविक पैसा’ कहकर प्रचारित किया। इस बार उनका सन्देश अधिक तीव्र: 2025 को “सुपर‑क्रैश” का खतरा, जो 2008 की तुलना में भी बड़ा हो सकता है।

विस्तृत विकास: कीमतें, आँकड़े और कियोसाकी की नवीनतम चेतावनी

वर्तमान में सोना और चाँदी दोनों ने 2025 में लगभग 45‑50% रिटर्न किया है। बिटकॉइन, जो 2020 के बाद से सबसे अधिक अस्थिर संपत्ति रही है, उसकी कीमत 2025 की पहली छमाही में 30% तक बढ़ी। कियोसाकी ने इन आंकड़ों को "उच्चतम मूल्य बबल" कहा और “यदि ये गिरेंगे तो खरीदारों के लिए सुनहरा अवसर है”।

वे बताते हैं कि इस संभावित गिरावट के पीछे कई कारक मिल रहे हैं:

  • लगातार महँगी हुई मुद्रास्फीति, जिससे डॉलर की ताकत कमज़ोर हो रही है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की तेज़ी से उभार, जो कई परंपरागत नौकरी‑सेवा क्षेत्रों को बदल रहा है।
  • जियो‑पॉलिटिकल तनाव, विशेषकर यू‑एस‑चीन व्यापार वादे और यूरोप‑मध्य‑पूर्व में ऊर्जा संकट।

इन सभी दबावों के बीच कियोसाकी ने एक और संकेत दिया – वॉरेन बफ़ेट का हालिया सोने‑सिल्वर में निवेश।

प्रतिक्रिया: वॉरेन बफ़ेट और बर्कशायर हैथवे की नई दिशा

वॉरेन बफ़ेट के नाम से कई लोगों को यह लगता था कि वह धातुओं को हमेशा “गैर‑जिनीस” मानते हैं। लेकिन अक्टूबर 2025 में बर्कशायर हैथवे ने बैरिक गोल्ड कॉर्प में $500 मिलियन से अधिक की अल्पकालिक निवेश की घोषणा की। इस कदम को कियोसाकी ने “स्टॉक्स‑बॉन्ड बबल के टूटने का संकेत” कहा। उन्होंने दो बार तेज़ी से लिखा – “मैं बफ़ेट को देख कर उल्टी पेशी महसूस कर रहा हूँ, लेकिन इसका मतलब है कि बाज़ार जल्द ही गिरावट देखेगा।”

मार्केट विश्लेषकों का मानना है कि बफ़ेट की यह दिशा बदलाव सामान्य नहीं; यह विशेष रूप से तब होता है जब पारम्परिक सुरक्षा‑उत्पाद जोखिम‑पूर्ण हो जाते हैं। इस कारण ही बफ़ेट ने अब सोने‑सिल्वर की तरफ रूझान दिखाया।

प्रभाव विश्लेषण: निवेशकों के लिये क्या मतलब है?

यदि कियोसाकी की भविष्यवाणी सच होती है, तो संभावित गिरावट के परिणाम कई स्तरों पर महसूस होंगे:

  1. स्टॉक्स और बांड में तेज़ी से निकासी; पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन की लहर।
  2. भौतिक धातुओं की कीमतें गिरते‑ही गिरें, जिससे तत्काल खरीदारी के लिए “डॉलर्स‑कॉस्ट एवरेजिंग” रणनीति फायदेमंद होगी।
  3. क्रिप्टो‑मार्केट में अल्पकालिक बुलिश स्पाइक; फिर भी दीर्घकालिक जोखिम बना रहेगा।

आर्थिक विशेषज्ञ डॉ. मनोज शेरवानी (इकॉनॉमिक्स प्रोफ़ेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने कहा – “इतनी बड़ी अस्थिरता के दौरान धातुएँ वास्तव में ‘सुरक्षित आश्रय’ बन सकती हैं, बशर्ते निवेशक उचित जोखिम‑प्रबंधन रखें।”

आगे क्या हो सकता है? संभावित परिदृश्य

आगे क्या हो सकता है? संभावित परिदृश्य

कियोसाकी के अनुसार दो मुख्य परिदृश्य संभव हैं:

  • दुबला क्रैश: सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो के मूल्यों में 20‑30% गिरावट, जिससे “अधिकतम खरीदारी” की स्थिति बनती है।
  • आंशिक उछाल: यदि सरकारों ने अस्थिरता को रोकने के लिये बड़े पैमाने पर मौद्रिक उपाय किए, तो धातु‑बाजार में तेज़ पुनरुद्धार देखा जा सकता है।

कियोसाकी ने अंत में यह कहा – “बफ़ेट के संकेतों को सुनें, पर खुद का अनुसंधान भी करें। यदि आप ‘वास्तविक पैसा’ रखने के लिये तैयार हैं, तो अब से कदम उठाएँ।”

केस स्टडी: 2020‑2023 के धातु‑बाजार की सीख

पिछले पाँच वर्षों में दो प्रमुख घटनाओं ने धातु‑बाजार को रौशन किया:

  1. 2020 में कोविड‑19 के कारण शुरुआती दौर में सोने की कीमत $1,800 से $2,050 तक पहुँची, फिर 2021 में डॉलर की मजबूती से घटकर $1,700 पर आई।
  2. 2022 में यू‑एस‑रूस युद्ध के बाद यूरोप में ऊर्जा की कमी के कारण, सोना और सिल्वर दोनों ने दो‑तीन महीने में 10‑12% उछाल देखा।

इन घटनाओं को कियोसाकी और बफ़ेट ने “बाजार‑भावना के चक्र” के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कियोसाकी के अनुसार सोना‑सिल्वर में निवेश करने का सबसे अच्छा समय कब है?

उनका मानना है कि कीमतों में तीव्र गिरावट के दौरान, यानी जब सोना या सिल्वर 2025 के मध्य में 15‑20% नीचे जाएँ, तब बड़े पैमाने पर खरीदारी करना लाभदायक रहेगा। इससे पहले उचित रिसर्च और जोखिम‑निर्धारण जरूरी है।

वॉरेन बफ़ेट ने बर्कशायर हैथवे के जरिए सोने में क्यों निवेश किया?

बफ़ेट ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि मौजूदा उच्च मुद्रास्फीति और संभावित स्टॉक‑बॉन्ड बबल के कारण, धातुओं को एक “हैजिंग” उपकरण के रूप में देखना चाहिए। इसलिए उनका $500 मिलियन बोनस एंट्री रणनीतिक रूप से किया गया।

बिटकॉइन की कीमत में गिरावट का क्या असर होगा?

यदि बिटकॉइन 2025 के अंत तक 30% से अधिक गिरता है, तो कई रिटेल निवेशकों के भरोसे में कमी आएगी, पर संस्थागत निवेशकों के लिए यह सस्ते मूल्य पर प्रवेश करने का अवसर बन सकता है।

क्या इस संभावित सुपर‑क्रैश से बचने के लिए पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन जरूरी है?

हां, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 20‑30% तक सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो को समायोजित करके जोखिम को कम किया जा सकता है, जबकि बांड‑इक्विटी हिस्से को पुनः संतुलित करना चाहिए।

कियोसाकी की भविष्यवाणी के बारे में विश्व के प्रमुख वित्तीय संस्थानों की क्या राय है?

ज्यादातर प्रमुख हेज फंड और निवेश बैंक इसको "अधिक आशावादी" मानते हैं, पर कुछ ने कहा कि ऐतिहासिक डेटा के आधार पर धातु‑क्रिप्टो के जोखिम‑पुश संकेतों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

11 टिप्पणि

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    Kashish Narula

    अक्तूबर 6, 2025 AT 00:33

    रॉबर्ट कियोसाकी की बातों से लगता है कि अभी निवेशकों को थोड़ा शांत रहकर विचार करना चाहिए। सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो पर ध्यान देना अच्छा है, पर जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस समय छोटे‑छोटे निवेश से शुरुआत करना समझदारी हो सकती है।

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    smaily PAtel

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:56

    डेटा स्पष्ट रूप से दर्शाता है, अगर हम ऐतिहासिक मूल्य‑चक्र को देखें, तो 2025 में बबल फटने की संभावनाएँ अत्यधिक हैं, इसलिए तुरंत पूंजी को धातु‑बाजार में पुनः आवंटित करना आवश्यक है, यह एक अकस्मात लेकिन विवेचित कदम है, और इसे नज़रअंदाज़ करना वित्तीय टर्मिनेटर जैसा होगा।

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    Hemanth NM

    अक्तूबर 6, 2025 AT 03:20

    कियोसाकी ने सही कहा, कीमतें गिरें तो खरीदें।

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    rin amr

    अक्तूबर 6, 2025 AT 04:43

    बहुत ही रोचक विश्लेषण है, मैं मानता हूँ कि बफ़ेट का सोने में कदम एक गंभीर संकेत है। बाजार में मौजूदा अति‑उत्साह को देखते हुए, धातु‑क्लासिक एसेट्स को पुनः मूल्यांकन करना जरूरी है। यह केवल एक ट्रेडिंग टिप नहीं, बल्कि रणनीतिक पुनर्संतुलन का मसला है। निवेशकों को इस मोमेंटम को समझते हुए अपने पोर्टफ़ोलियो को रीबैलेंस करना चाहिए। अगर बबल फटता है, तो जो लोग अभी तैयार रहेंगे, वे सबसे बड़ी जीत हासिल करेंगे। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इस चरण में धातु‑सुरक्षा को प्राथमिकता देना बौद्धिक साहस है।

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    Surya Prakash

    अक्तूबर 6, 2025 AT 06:06

    धन की असली कसौटी तब दिखती है जब बाजार में घबराहट होती है, तब नैतिक सिद्धांतों को याद रखिए।

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    Sandeep KNS

    अक्तूबर 6, 2025 AT 07:30

    आह, माननीय पाठकों, आज हमें फिर से वही क्लासिक आर्थिक कथानक मिलता है, जहाँ विशेषज्ञों की आवाज़ें बॉलटेन में अति‑आत्मविश्वास से भरी होती हैं। रॉबर्ट कियोसाकी ने, जैसा कि हम सभी को ज्ञात है, सोना‑सिल्वर‑क्रिप्टो को “वास्तविक पैसा” के रूप में स्थापित किया है, और यह अनुमान अब तक के सर्वाधिक परिष्कृत वित्तीय सिद्धांतों में से एक माना जा सकता है। बफ़ेट की वह हालिया सोने‑सिल्वर में निवेश, इस बात का प्रमाण है कि बाजार के बाघों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यदि आप इस स्थिति को उपहास के रूप में देख रहे हैं, तो हमें खेद है, परन्तु इतिहास ने हमें सिखाया है कि उपहास के पीछे अक्सर गंभीर आर्थिक संकेत होते हैं। वास्तव में, इस “सुपर‑क्रैश” के बारे में चर्चा करना, हमारे काउंसिल के वैध दायरे में आता है, क्योंकि यह वित्तीय स्थायित्व के प्रश्न को उठाता है। इसके अतिरिक्त, यह स्पष्ट है कि मुद्रास्फीति की धुरी में परिवर्तन आ रहा है, और AI जैसी नई तकनीकें परम्परागत क्षेत्रों को अस्तित्व में खतरा बना रही हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, धातु‑बाजार की गिरावट एक स्वाभाविक कदम है, जिसे हमें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। नैतिक रूप से, जब विशेषज्ञ कहते हैं कि “यदि कीमतें गिरें तो खरीदें”, तो यह केवल एक औपचारिक अनुरोध नहीं, बल्कि एक विनम्र अभ्यर्थना है। इसलिए, हम सभी को यह सलाह दी जाती है कि अपने पोर्टफ़ोलियो को पुनः संतुलित करने के लिये ठोस डेटा‑एनालिटिक्स का उपयोग करें। यह किसी भी विद्वान का दायित्व है कि वह इस क्रम में निवेशक को सटीक मार्गदर्शन प्रदान करे। हालांकि, यदि आप इस बात को समझ नहीं पाएँ तो कृपया यह मान लीजिए कि आपके अज्ञान का विकार वित्तीय दायित्वों को प्रभावित करेगा। संक्षेप में, इस अवसर को नज़रअंदाज़ करना, उन लोगों के समान है जो ऐतिहासिक प्रमाणों को अनदेखा कर अपने स्वयं के झूठे विश्वासों को स्पष्ट करता है। अंततः, आपका निवेश निर्णय स्वयं आपकी आर्थिक प्रज्ञा का प्रतिबिंब होगा, और यह कोई रहस्य नहीं कि प्रज्ञा वाला व्यक्ति हमेशा फायदे की ओर कदम बढ़ाता है। इस प्रकार, आगामी आर्थिक परिदृश्य में धातु‑सुरक्षा की भूमिका को पुनःपरिभाषित करना अनिवार्य हो जाता है। आशा है कि आपका विवेक आपका मार्गदर्शक बनकर इस वित्तीय जलवायु में सुरक्षित द्वार खोलेगा।

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    Abirami Nagarajan

    अक्तूबर 6, 2025 AT 08:53

    मैं मानता हूँ कि धातु‑बाजार में धीरे‑धीरे निवेश करना सुरक्षित रहेगा।

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    shivam Agarwal

    अक्तूबर 6, 2025 AT 10:16

    दोस्तों, इस तरह की वित्तीय खबरें अक्सर भावनात्मक प्रतिक्रिया को उकसाती हैं, इसलिए पहले डेटा को ठंडे दिमाग से देखना चाहिए। संभावित गिरावट को देखते हुए, अपने जोखिम प्रबंधन को दोबारा जांचें। अगर आपके पास सोना या सिल्वर में थोड़ा शेयर है, तो डॉलर्स‑कॉस्ट‑एवरेजिंग यहां मददगार हो सकता है। लेकिन यह भी याद रखें कि क्रिप्टो एक अलग वर्ग है, जिसका अस्थिरता स्तर अधिक है। अंत में, हमेशा अपनी निवेश रणनीति को दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ संरेखित रखें।

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    MD Imran Ansari

    अक्तूबर 6, 2025 AT 11:40

    बहुत बढ़िया सलाह! 🎯 डेटा‑ड्रिवेन अप्रोच सबसे सही है। अगर आप DCA अपनाते हैं तो रिस्क कम रहेगा, और मार्केट की अस्थिरता से भी बचा जा सकेगा। 😊 साथ ही, बिटकॉइन के लिए भी छोटे‑छोटे एंट्रीज़ पर विचार कर सकते हैं, पर सावधानी जरूर रखें। 📈

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    walaal sanjay

    अक्तूबर 6, 2025 AT 13:03

    देश की आर्थिक स्वायत्तता को मजबूत करना अब टॉप प्रायोरिटी है, इसलिए विदेशी बबल्स से दूर रहना चाहिए!!! राष्ट्रीय विकास के लिए धातु‑सुरक्षा सबसे भरोसेमंद रणनीति है!!!

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    Umesh Nair

    अक्तूबर 6, 2025 AT 14:26

    bhaiyo, ye buble ki baat toh sabko maloom hai, par market me thoda chill maaro, sab wahi hota rehta, koi tension ni!!

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