FII (Foreign Institutional Investor) – क्या है और क्यों है महत्वपूर्ण?

जब आप FII (Foreign Institutional Investor), एक विदेशी संस्थागत इकाई जो भारतीय शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश करती है. Also known as विदेशी संस्थागत निवेशक, it plays a decisive role in market liquidity and price discovery.

FII का असर सिर्फ शेयरों तक सीमित नहीं रहता; ये स्टॉक मार्केट, भारत का प्रमुख पूँजी बाजार जहाँ इक्विटी, डेरिवेटिव, बॉन्ड आदि ट्रेड होते हैं की दैनिक चाल को दिशा देता है। जब बड़ी मात्रा में विदेशी फंड आते‑जाते हैं, तो बाजार की वैल्यूएशन में तेज़ी या गिरावट दिखाई देती है। यही कारण है कि निवेशकों को FII के प्रवाह को समझना जरूरी है।

एक और प्रमुख कड़ी है IPO, प्राथमिक सार्वजनिक प्रस्ताव, जहाँ कंपनी पहली बार सार्वजनिक होकर शेयर बेचती है। नई कंपनियों के आईपीओ में FII अक्सर अग्रणी निवेशक के रूप में हिस्सा लेते हैं, क्योंकि उनको उच्च रिटर्न की संभावनाएँ दिखती हैं। इससे आईपीओ की सब्सक्रिप्शन दर बढ़ती है और शेयर लॉन्च के बाद शुरुआती ट्रेडिंग में स्थिरता आती है।

FII को नियंत्रित करने वाली नियामक संस्था है SEBI, भारत का सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंजेज़ बोर्ड, जो बाजार की पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। SEBI के नियमों के बिना फंड की प्रवास‑प्रवेशन पर नियंत्रण नहीं हो पाता। इसलिए हर बड़ा विदेशी निवेश प्रोजेक्ट SEBI की स्वीकृति लेता है, जिससे निवेशकों को कानूनी सुरक्षा मिलती है।

इन सबका मिलाजुला प्रभाव यह दिखाता है कि FII केवल एक निवेशक वर्ग नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास का एक महत्वपूर्ण एंजिन है। विदेशी फंड की प्रवाह‑प्रवासन रिवर्सल्स, मुद्रा की अस्थिरता, और बाजार के मोमेंटम को सीधे छूते हैं। इस कारण से हर क्वार्टर में फंड फ्लो रिपोर्ट, इक्विटी इंडेक्स परिवर्तन, और रीयल एस्टेट या बैंकरूपियर में निवेश का समीक्षात्मक अध्ययन आवश्यक हो जाता है।

आपको इस पेज पर क्या मिलेगा?

अब नीचे आप FII से जुड़ी विभिन्न खबरें, विश्लेषण और अपडेट देखेंगे – चाहे वो बड़ी कंपनियों के आईपीओ में भागीदारी हो, या रोज़मर्रा के बाजार चालों पर उनका असर। यह संग्रह आपको ताज़ा डेटा, विशेषज्ञ राय और भविष्य की प्रवृत्ति समझने में मदद करेगा, ताकि आप अपने निवेश निर्णयों को अधिक आत्मविश्वास के साथ ले सकें।

भारतीय स्टॉक मार्केट में तेज गिरावट: 25,000 से नीचे Nifty के पीछे तीन मुख्य कारण 27 सितंबर 2025

भारतीय स्टॉक मार्केट में तेज गिरावट: 25,000 से नीचे Nifty के पीछे तीन मुख्य कारण

Nifty 25,000 के स्तर से नीचे गिरा, जिससे भारतीय शेयर बाजार में भारी झटका लगा। इस गिरावट के पीछे तीन बड़े कारण हैं: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार भरपूर बिक्री, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की धीमी गति और बैंकों की ब्याज दरें, तथा घरेलू महंगे मूल्य और नीति अनिश्चितताएँ। वित्तीय और आईटी सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुए, जिसके जवाब में RBI और SEBI ने बाजार को स्थिर करने के लिए कदम उठाए।