गांधी जयंती – राष्ट्रीय अवकाश और आज की खबरें
जब बात गांधी जयंती, 15 अक्टूबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश, भारत के पिता महात्मा गांधी की जन्मजयंती है. इसे मोहनदास करमचंद गांधी दिवस भी कहा जाता है, जो अहिंसा, सत्याग्रह और राष्ट्रहित के विचारों को याद दिलाता है.
गांधी जयंती का अर्थ सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि मोहनदास गांधी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी, जिन्होंने स्वराज और सामाजिक सुधारों की वकालत की की सीख को जीवन में लागू करना है. इस दिन भारतीय इतिहास के कई प्रमुख मोड़, जैसे सत्याग्रह आंदोलन और असहयोग आंदोलन, को पुनः देखना आवश्यक है. साथ ही राष्ट्रीय अवकाश, देश के सभी नागरिकों के लिए विशेष महत्व वाला दिन, जिस पर स्कूल, कार्यालय और कई संस्थान बंद रहते हैं भी इस भावना को मजबूत बनाता है. सामाजिक सेवा, स्वावलंबन और पर्यावरणीय जागरूकता जैसे मुद्दों पर गांधीजी के विचार आज के भारत में भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने दो सौ साल पहले थे.
आज के समय में गांधी जयंती की प्रासंगिकता
समाचारों में अक्सर राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, मौसम और रोजगार से जुड़ी खबरें सामने आती हैं – जैसे बीपीएससी परीक्षा, भारतीय स्टॉक मार्केट की गिरावट, मुंबई में लाली अलर्ट, या नई बैंक भर्ती की घोषणाएँ. ये सभी घटनाएँ गांधीजी के मूल सिद्धांतों – सतत विकास, न्याय, पारदर्शिता और जनता की भलाई – से जूड़ी हुई हैं. उदाहरण के तौर पर, जब कोई सरकारी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाती है, तो वह ‘सत्याग्रह’ की सोच को प्रतिबिंबित करती है. इसी तरह, जल आपदा अलर्ट और नैसर्गिक घटनाएँ हमें पर्यावरणीय संरक्षण की याद दिलाती हैं, जो गांधीजी के ‘सरल जीवन’ के संदेश के साथ मेल खाती हैं. इस टैग पेज पर आप इन विविध विषयों को गांधी जयंती के दार्शनिक फ्रेमवर्क में देखेंगे, जिससे हर खबर का सामाजिक‑राजनीतिक महत्व स्पष्ट होगा.
नीचे प्रस्तुत लेखों में आप राजनीति के उथल‑पुथल, आर्थिक बाजारों की चाल, खेल की जीत‑हार, मौसम की चेतावनियाँ और रोजगार के नए अवसर सभी को एक साथ पाएँगे. यह संग्रह आपको यह समझने में मदद करेगा कि गांधी जी के विचार आज के जीवन में कैसे लागू होते हैं, चाहे वह चुनावी रणनीति हो या बज़ार की गिरावट। तैयार हो जाइए, क्योंकि आगे के लेखों में आपको वही जानकारी मिलेगी जो आपके दैनिक समाचारों को गांधी जयंती की बुनियादी भावना से जोड़ती है.
अश्विन माह नवमी 01 अक्टूबर 2025: राहु काल, विजयदशमी और गांधी जयंती का संगम
अश्विन माह नवमी (01 अक्टूबर 2025) पर राहु काल, विजयदशमी और गांधी जयंती के संगम से धार्मिक व राष्ट्रीय महत्त्व बढ़ता है। पंचांग के समय‑निर्देशों पर चलें।