अश्विन माह नवमी 01 अक्टूबर 2025: राहु काल, विजयदशमी और गांधी जयंती का संगम

अश्विन माह नवमी 01 अक्टूबर 2025: राहु काल, विजयदशमी और गांधी जयंती का संगम

जब डॉ. अजय सिंह, खगोल शास्त्रज्ञ of भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 1 अक्टूबर 2025 को हिंदू पंचांग के नवीनतम गणनाओं को सार्वजनिक किया, तो पूरे भारत में पूजा‑पाठ और राष्ट्रीय उत्सवों की योजना बनाना आसान हो गया।

यह दिन गुरुवार (बुध) नहीं, बल्कि बुधवार को पड़ता है और अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दर्शाता है। पंचांग के पाँच मुख्य तत्व – तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करन – सभी मिलकर इस दिन को विशेष बनाते हैं। विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि चंद्रमा धनु राशि में स्थित होगा, जिसे बृहस्पति (गुरु) का शासक माना जाता है।

मुख्य तिथि‑समय विवरण

  • नवमी तिथि की शुरुआत: 30 सितंबर 2025, शाम 06:06 (IST)
  • नवमी तिथि का अंत: 1 अक्टूबर 2025, शाम 07:01 (IST)
  • दशमी तिथि की शुरुआत: 1 अक्टूबर 2025, शाम 07:01 (IST)
  • दशमी तिथि का अंत: 2 अक्टूबर 2025, शाम 07:11 (IST)
  • पूरा आशा नक्षत्र (पुर्व आशाढ़) का अंत: 1 अक्टूबर 2025, सुबह 08:06 (IST)
  • उत्तरा आशाढ़ नक्षत्र की शुरुआत: 1 अक्टूबर 2025, सुबह 08:06 (IST)

इन सटीक समय‑सीमाओं के कारण धार्मिक अनुष्ठान, विवाह, गृह प्रवेश आदि की योजना बनाना आसान हो जाता है, बशर्ते राहु काल का ध्यान रखा जाए।

राहु काल और शुभ मुहूर्त

पारम्परिक मान्यतानुसार राहु काल वह अवधि है जिसमें नई शुरुआत या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए। इस दिन का राहु काल 12:05 से 13:34 तक निर्धारित किया गया है, जबकि कुछ स्रोत 12:07 से 13:35 तक का अंतर दिखाते हैं। दोनों ही स्थितियों में यह अवधि दोपहर के मध्य में पड़ती है, इसलिए वैवाहिक बंधन, घर की बुनियाद या व्यवसायिक समझौते इस समय से बचना बेहतर रहेगा।

दुर्भाग्यवश, इस बुधवार में अभिजीत मुहूर्त नहीं बनता, इसलिए मध्याह्न में कोई विशेष अनुष्ठान करना उचित नहीं माना जाता।

आत्मिक और राष्ट्रीय उत्सवों का संगम

1 अक्टूबर को दो बड़े राष्ट्रीय‑धार्मिक पर्व एक साथ मनाए जाते हैं:

  • विजयदशमीभारत – दशहरा का दशमी दिन, जिसमें बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है।
  • गांधी जयंतीभारत – महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में शांति‑प्रेरित रैली और कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
  • डक्ष सावर्णी मन्वादी – पुराणों में वर्णित एक महत्त्वपूर्ण कथा के स्मरण में मनाई जाने वाली पूज्य घटना।

इनके साथ पारिवारिक और सामुदायिक समारोह भी होते हैं, इसलिए शुक्ल नवमी की तिथि को शुभ मानते हुए कई लोग इस अवसर को विशेष रूप से यादगार बनाने की कोशिश करते हैं।

वित्तीय और सामाजिक महत्व

रहु काल और अभिजीत मुहूर्त के अभाव के कारण व्यापारियों और स्टॉक‑मार्केट निवेशकों को भी सावधानी बरतनी चाहिए। भारतीय ज्योतिष विभाग के एक आधिकारिक बयानों के अनुसार, इस दिन बाजार में हलचल की संभावना अधिक है, इसलिए यह समय जोखिम‑भरा माना जाता है।

परिवारों के लिए यह दिन ख़ास करके शिक्षा‑संबंधी निर्णय लेने, जैसे स्कूल में प्रवेश या परीक्षा की तैयारी, के लिए उपयुक्त हो सकता है, क्योंकि धनु राशि में गुरु की ऊर्जा बौद्धिक विस्तार को बढ़ावा देती है।

भविष्य के लिए क्या देखें?

आगामी हफ्तों में चंद्रमा के शनि‑बुध संगम से प्रभावशीलता में हल्की गिरावट का अनुमान है, जिससे यात्रा‑विचार और सार्वजनिक कार्यक्रमों में कुछ बाधाएँ आ सकती हैं। फिर भी, यदि प्रत्येक कार्य को पंचांग के अनुसार नियोजित किया जाए, तो त्यौहार की खुशी और आध्यात्मिक उन्नति दोनों को संतुलित किया जा सकता है।

डॉ. अजय सिंह ने कहा, “पंचांग पर भरोसा करते हुए दैनिक जीवन के निर्णय लेने से न केवल परंपराओं का सम्मान होता है, बल्कि यह सामाजिक सामंजस्य को भी बढ़ावा देता है।”

Frequently Asked Questions

विजयदशमी को इस दिन कैसे मनाया जा सकता है?

चूँकि नवमी तिथि शाम 07:01 बजे से समाप्त होती है, इसलिए दियो‑जलाकर, प्रसाद वितरित करने और पुतला दफ़ना जैसे मुख्य अनुष्ठान शाम 07:30 के बाद करना उचित रहेगा। राहु काल को बचाते हुए यह समय वैध माना जाता है।

राहु काल में कौन‑सी गतिविधियाँ नहीं करनी चाहिए?

राहु काल में नया व्यवसाय शुरू करना, घर की बुनियाद रखना, या विवाह समारोह का आयोजन करना टालना चाहिए। इस अवधि में मौजूदा काम को जारी रखना सुरक्षित है, परंतु नई शुरुआत इससे बचना बेहतर है।

गांधी जयंती के साथ इस दिन का क्या विशेष महत्व है?

गांधी जयंती का राष्ट्रीय स्तर पर पालन होने से इस दिन सामाजिक सद्भाव की भावना बढ़ती है। लोगों को शांति‑प्रेमी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है, जो विजयदशमी के उत्सव के आध्यात्मिक स्वरूप के साथ सामंजस्य स्थापित करता है।

क्या इस दिन व्यापार में कोई जोखिम है?

भारतीय ज्योतिष विभाग के अनुसार, राहु काल के दौरान बड़े वित्तीय निर्णयों से बचना चाहिए। छोटी‑छोटी लेन‑देनों को जारी रखना सुरक्षित है, परन्तु स्टॉक‑मार्केट में बड़े निवेश या नई साझेदारी से दूर रहना सलाह योग्य है।

शुक्रम् (शुभ) मुहूर्त कब मिलेगा?

इस बुधवार में अभिजीत मुहूर्त नहीं बनता, इसलिए दोपहर के बाद के समय में (जैसे शाम 05:00‑06:30) आप उत्पन्न होने वाले छोटे‑छोटे शुभ क्षणों को अपने कार्यों में उपयोग कर सकते हैं।

4 टिप्पणि

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    fatima blakemore

    सितंबर 30, 2025 AT 23:44

    अरे, इस पंचांग की जानकारी पढ़ कर मन में एक नई सोच उभरी है। राहु काल को टालना जबकि कई लोग नई शुरुआत की बात करते हैं, थोड़ा रोचक लगता है। अगर हम इस समय को खुद की आत्मनिरीक्षण में लगा दें तो शायद कुछ बड़ा बदल सके। धनु राशि का बृहस्पति हमें ज्ञान की ओर धकेलता है, इसलिए पढ़ाई या योग के सेशन इस दिन फायदेमंद रहेंगे। साथ ही, विजयदशमी और गांधी जयंती का संगम सामाजिक संतुलन भी दिखाता है।
    उम्मीद है सबको शुभ मुहूर्त मिल जाए।

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    Anurag Narayan Rai

    अक्तूबर 15, 2025 AT 23:44

    अश्विन माह की नवमी को लेकर भारत भर में कई कार्यक्रम चल रहे हैं, और इस बार का पंचांग कुछ अनोखा पहलू उजागर करता है। डॉ. अजय सिंह ने जो विस्तृत समय‑सीमा दी है, वह न केवल धार्मिक कार्यक्रमों में मददगार है, बल्कि सामाजिक योजनाओं में भी दिशा प्रदान करती है। राहु काल का प्रभाव देखते हुए, कई लोग घर की बुनियाद या व्यापारिक शर्तों को पुनः विचार कर रहे हैं, जिससे आर्थिक स्थिरता की संभावना बढ़ती है। दूसरी ओर, धनु राशि में बृहस्पति की स्थिति हमें शैक्षिक पहलुओं पर अधिक ध्यान देने के लिए प्रेरित करती है, इसलिए स्कूल प्रवेश या परीक्षा की तैयारी इस दिन के अनुकूल माने जा सकते हैं। विजयदशमी का उत्सव और गांधी जयंती का शांति‑प्रेमी संदेश एक साथ मिलकर सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाते हैं, जो आज के समय में बहुत आवश्यक है।
    राहु काल के दौरान नई शुरुआत से बचना चाहिए, लेकिन मौजूदा कार्यों को जारी रखना सुरक्षित माना जाता है, इस बात को लोग अक्सर भूल जाते हैं। बाजार में हलचल की संभावना का उल्लेख भारतीय ज्योतिष विभाग ने किया है, और यह निवेशकों को सतर्क रखता है। फिर भी, अगर छोटे‑छोटे लेन‑देनों को नियमित रूप से किया जाए तो नुकसान कम हो सकता है।
    परिवारों के लिए इस दिन का उपयोग शिक्षा‑संबंधी निर्णय लेने में करना एक समझदार कदम हो सकता है, क्योंकि बृहस्पति ज्ञान का विस्तार करता है। इस कारण से कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को अतिरिक्त कोचिंग संस्थाओं में दाखिला दिलाने की योजना बनाई है।
    टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी इस दिन के शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर नई परियोजनाओं का प्रोयोग किया जा रहा है, परन्तु राहु काल को देखते हुए शुरूआती चरण में सावधानी बरतनी चाहिए।
    सामुदायिक स्तर पर दियो‑जलाकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलेगा।
    इस बीच, शुक्रम् मुहूर्त की अनुपस्थिति से दोपहर के बाद छोटे‑छोटे समय‑खंड में छोटे‑छोटे कार्य करना लाभकारी हो सकता है।
    भविष्य में शनि‑बुध संगम के कारण यात्रा और सार्वजनिक कार्यक्रमों में कुछ बाधाएँ आ सकती हैं, लेकिन पंचांग के अनुसार योजना बनाकर इन बाधाओं को कम किया जा सकता है।
    समग्र रूप से, इस नवमी को शुभ मानते हुए, हमें व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से इस दिन को संतुलित करना चाहिए।
    अंत में, यह स्पष्ट है कि विज्ञान और ज्योतिष का संगम हमें जीवन के विभिन्न आयामों में दिशा देता है, और इसका सही उपयोग ही हमें सफल बनाता है।

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    Sandhya Mohan

    अक्तूबर 30, 2025 AT 23:44

    नवमी का दिन और साथ में गांधी जयंती का मेल, दो भिन्न विचारधाराओं को एक साथ लाता है। ऐसा संगम हमें बताता है कि शांति और जीत दोनों को साथ मिलकर मनाया जा सकता है। यदि हम इस समय का उपयोग सामाजिक कार्यों में करें तो ऊर्जा का सकारात्मक असर दिखेगा। साथ ही, पंचांग के अनुसार शुक्रम् मुहूर्त नहीं होने के बावजूद शाम के समय छोटे‑छोटे कर्म करने से लाभ मिल सकता है। इस तरह का संतुलित दृष्टिकोण हमारे जीवन में स्थिरता लाएगा।

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    Prakash Dwivedi

    नवंबर 14, 2025 AT 23:44

    राहु काल को बर्दाश्त करना कठिन है, क्योंकि उसका ऊर्जा अस्थिर करती है। यदि आप इस समय में कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करेंगे तो संभवतः असफलता का सामना कर सकते हैं। इसलिए मैं दृढ़ता से सलाह दूँगा कि इस अवधि में मौजूदा कार्यों को ही आगे बढ़ाएँ। अन्यथा तनाव और निराशा बढ़ सकती है, जो मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

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