दोडा हमले पर ओवैसी का केंद्र पर वार, कहा- सरकार आतंकवाद नियंत्रण में विफल

दोडा हमले पर ओवैसी का केंद्र पर वार, कहा- सरकार आतंकवाद नियंत्रण में विफल
  • 17 जुल॰ 2024
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दोडा हमले पर असदुद्दीन ओवैसी का सरकार पर कड़ा प्रहार

जम्मू-कश्मीर के दोडा जिले में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार की आतंकवाद पर नियंत्रण करने में विफलता पर कड़ा प्रहार किया है। ओवैसी ने कहा कि यह हमला यह साबित करता है कि सरकार अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह असफल रही है। इस हमले में चार भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे, जिसमें एक अधिकारी भी शामिल थे।

सरकार की वादाखिलाफी पर सवाल

ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले 'घर में घुस कर मारने' का वादा किया था, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इस संदर्भ में उन्होंने विपक्ष के उन दावों को दोहराया जहां सरकार की 'शांतिपूर्ण' दावों पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के आक्रामक बयान और हिंसक कृत्यों के बीच का अंतर साफ-साफ दिख रहा है।

विरोध के स्वर

ओवैसी का यह बयान समय पर आया है जब देश भर में सरकार की आतंकवाद नियंत्रित करने की नीति पर व्यापक आलोचना हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह हमले यह साबित करते हैं कि सरकार आतंकवाद को रोकने में पूरी तरह से विफल रही है। सत्तारूढ़ पार्टी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है, जो और भी संदेह पैदा कर रही है।

विकट स्थिति का सामना

दोडा जिले में हुए हमले ने न केवल सेना बलों का मनोबल गिराया है, बल्कि सार्वजनिक जीवन पर भी गहरा असर डाला है। जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के बीच एक नई डर की लहर दौड़ गई है। पहले से ही तनावग्रस्त क्षेत्र में इस तरह के घटनाओं ने लोगों के जीवन को और भी कठिन बना दिया है। आतंकवाद के बढते खतरे का सभी पर गहरा असर पड़ रहा है और यह सवाल सरकार की नीतियों पर खड़े कर रहा है।

सरकार की ओर से प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार ने अभी तक इसके जवाब में कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं पेश किया है। हालांकि, सुरक्षा बलों ने इलाके में सघन जांच अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन जनता के मन में असुरक्षा की भावना अब भी बनी हुई है। सरकार की ये नीतियां कब असर दिखाएंगी, इस पर भी कोई साफ तस्वीर नहीं है।

आगे का रास्ता

दोडा हमले ने एक बार फिर से विपक्ष को सरकार के खिलाफ बोलने का मौका दिया है। ओवैसी का बयान और अन्य विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे पर एकजुट हो रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार आगे कैसे इस चुनौती का सामना करेगी और किस तरह से आतंकवाद के खतरे को कम करेगी। देशवासियों को उम्मीद है कि इस बार सरकार अपनी वादों को पूरा करेगी और वास्तविकता में आतंकवाद पर काबू पाएगी।

सरकार की रणनीतियों की समीक्षा

देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है, लेकिन लगातार हमले इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पूरे विश्व में आतंकवाद एक गंभीर समस्या बन चुका है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह एक मजबूत नीति बनाकर इसे न केवल मात दे, बल्कि देशवासियों को भी सुरक्षा का भरोसा दिलाए।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

दोडा हमले के बाद सरकार की आलोचना और असंतोष की भावना ने देशव्यापी चर्चा को जन्म दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब इस आतंकवाद से छुटकारा मिलेगा? आम जनता की आवाज़ें और उनके सवालों का जवाब सरकार को जल्द ही देना होगा।

निष्कर्ष

फिलहाल, दोडा हमले पर असदुद्दीन ओवैसी का केंद्र सरकार पर यह प्रहार एक बड़े राजनीतिक बहस की शुरुआत कर चुका है। यह देखना होगा कि सरकार कब और कैसे अपने वादों को पूरा करती है, ताकि देश और यहां की जनता को आतंकवाद के खतरे से सुरक्षित रखा जा सके। जनता का विश्वास ही सरकार की वास्तविक सफलता की मापदंड है।