नवमी तिथि

जब बात नवमी तिथि की होती है, तो इसका अर्थ है हिन्दू कैलेंडर में नौवें lunar day का आगमन। यह वह दिन है जब चंद्रमा नवमाध्य में स्थित होता है, यानी पूर्णिमा के बाद का पहला चक्र। इसे अक्सर नवमी कहा जाता है, और यह कई धार्मिक समारोहों की नींव रखता है।

हिन्दू पंचांग, यानी हिंदू पंचांग, इस तिथि को परिभाषित करने वाला मुख्य साधन है। यह कैलेंडर सौर और चंद्र दोनों परिप्रेक्ष्य को मिलाकर तिथियों, नक्षत्रों और योगों की विस्तृत तालिका बनाता है। पंचांग के बिना नवमी तिथि की सही पहचान मुश्किल हो जाती है, क्योंकि हर महीने का चंद्रमा अपना मार्ग बदलता है।

तिथियों की श्रेणी में तिथियां विशेष महत्व रखती हैं। ये न केवल महीने के नौवें, दसवें या ग्यारहवें दिन को दर्शाती हैं, बल्कि प्रत्येक तिथि के साथ जुड़ी आकाशीय स्थितियों को भी बताती हैं। नवमी तिथि, एक नौवीं तिथि के रूप में, अक्सर शनि या मंगल जैसे ग्रहों की स्थिति के साथ जोड़ी जाती है, जिससे उसके प्रभाव का अनुमान लगाया जाता है।

नवमी तिथि से जुड़े प्रमुख उत्सव कई बार राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, नवमी पर शुरू होने वाली नौ रातों की Navratri में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, जबकि भारत के कई हिस्सों में दुर्गा पूजा भी इस तिथि के आसपास आयोजित होती है। इन उत्सवों में संगीत, नृत्य और पारम्परिक व्यंजनों का खास महत्व रहता है।

धार्मिक रिवाजों की बात करें तो नवमी तिथि पर कई विशेष कर्म किए जाते हैं। धार्मिक रिवाज जैसे हवन, अष्टमी व्रत और विशेष पूजा इस दिन के लिए अनिवार्य होते हैं। अनेक परिवार इस दिन माता को स्वरपण करती हैं और भगवान कुबेर को अर्पण करती हैं, यह माना जाता है कि इससे आर्थिक समृद्धि आती है।

ज्योतिष शास्त्र में नवमी तिथि को विशेष ग्रहों की स्थिति के साथ जोड़ा जाता है, जिससे यह समझा जाता है कि इस दिन किए गए कर्मों का फल किस दिशा में जाएगा। यदि नवमी पर शनि का दुर्ग शास्त्री हो, तो यह कार्यस्थल में स्थिरता लाने का संकेत माना जाता है। दूसरी ओर, यदि मंगल इस तिथि में दृढ़ता लाता है, तो यह साहस और ऊर्जा बढ़ाने का संकेत देता है। इस प्रकार, नवमी तिथि केवल कैलेंडर की एक एंट्री नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी हुई है।

आजकल डिजिटल युग में लोग अपने स्मार्टफोन से ही नवमी तिथि की जानकारी आसानी से ले रहे हैं। ऑनलाइन पंचांग, मोबाइल एप्प और दैनिक समाचार पोर्टल जैसे जन समाचार पोर्टल इस तिथि के विशिष्ट समय, समय बदलाव और संबंधित रिवाजों को अपडेट करके दर्शकों को निरंतर जानकारी देते हैं। नवमी तिथि के बारे में विस्तृत जानकारी, आज के शास्त्रीय और आधुनिक संदर्भों को समझना आगे की योजना बनाने में मदद करता है। अब आप अगले नवमी के लिए तैयार हो सकते हैं, चाहें वह पूजा हो, व्यावसायिक निर्णय या व्यक्तिगत लक्ष्य। इस पेज में नीचे दी गई लेख सूची में आपको इस तिथि से जुड़े कई पहलुओं की गहराई से समझ मिलेगी।

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