वॉरेन बफ़ेट – निवेश की दुनिया के दिग्गज
जब वॉरेन बफ़ेट, अमेरिका के सबसे सफल निवेशकों में से एक, बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ. Also known as ऑरकल ऑफ ओमाहा, वह दीर्घकालिक, मूल्य‑आधारित निवेश में अग्रणी हैं। उनके सिद्धांतों को समझना आसान नहीं है, पर अगर आप वॉरेन बफ़ेट के सिद्धांत को अपने पोर्टफ़ोलियो में जोड़ते हैं, तो रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। ये विचार सिर्फ अमेरिकी बाजार तक सीमित नहीं; भारत के निवेशकों ने भी उनकी स्टाइल को अपनाना शुरू कर दिया है।
एक जुड़ी हुई इकाई बर्कशायर हैथवे, वॉरेन बफ़ेट की होल्डिंग कंपनी, जो कई उद्योगों में बड़ा निवेश करती है है। बर्कशायर के पोर्टफ़ोलियो में बीमा, ऊर्जा, रिटेल और प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों की कंपनियाँ शामिल हैं। इस विविधीकरण से कंपनी को जोखिम कम करने और स्थिर आय स्रोत बनाने में मदद मिलती है। इसी कारण बफ़ेट कहते हैं कि "बाजार की अस्थिरता को समझदारी से उपयोग करो, सिर्फ एक सेक्टर पर दांव मत लगा"।
वैल्यू इन्वेस्टिंग, अर्थात वैल्यू इन्वेस्टिंग, ऐसी निवेश रणनीति जिसमें कम कीमत पर स्थित, लेकिन मूलभूत रूप से मजबूत कंपनियों को खरीदा जाता है, बफ़ेट की मुख्य विधि है। वह कहते हैं कि "शेयर का मूल्य उसके वास्तविक मूल्य से कम होना चाहिए"। इस सिद्धांत के अनुसार, किसी कंपनी की बैलेंस शीट, कैश फ्लो और भविष्य की कमाई का विश्लेषण किया जाता है। अगर इन सबका मूल्यांकन करने पर शेयर नीचे मूल्यांकित दिखे, तो वह खरीदने के लिए उपयुक्त माना जाता है। यह तरीका भारतीय स्टॉक मार्केट में भी लोकप्रिय हो रहा है, जहाँ निवेशक अक्सर बड़े‑संसदीय कंपनियों की तुलना में छोटे‑माप के खिलौने देख रहे हैं।
बाजार में उतार‑चढ़ाव के बीच शेयर बाजार, व्यापारिक प्लेटफ़ॉर्म जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे‑बेचे जाते हैं का व्यवहार बफ़ेट के निवेश फ़िलॉसफ़ी को रोज़ाना चुनौती देता है। उनका मानना है कि दीर्घकालिक निवेशकों को अल्पकालिक उतार‑चढ़ाव को नजरअंदाज़ करना चाहिए। उन्होंने कई बार कहा है कि "कभी‑कभी सबसे अच्छा निवेश वह होता है जो आप 5‑10 सालों तक रख सकें"। भारतीय निवेशकों के लिए, यह सलाह खास तौर पर प्रासंगिक है क्योंकि यहाँ के बाजार में अक्सर भावनात्मक ट्रेडिंग देखा जाता है।
बफ़ेट की सीख और आपका अगला कदम
इन सब बातों को जोड़कर हम देख सकते हैं कि वॉरेन बफ़ेट वैल्यू इन्वेस्टिंग को अपनाते हैं, बर्कशायर हैथवे विभिन्न उद्योगों में निवेश करता है, और शेयर बाजार दीर्घकालिक रिटर्न देता है। इन संबंधों से स्पष्ट होता है कि यदि आप अपने पोर्टफ़ोलियो में वैल्यू इन्वेस्टिंग के सिद्धांत को लागू करते हैं, तो आप जोखिम को कम कर सकते हैं और स्थायी आय बना सकते हैं। अब आप नीचे की पोस्ट सूची में देखेंगे कि कैसे बफ़ेट की रणनीतियों का प्रयोग वास्तविक कंपनियों में किया गया है, और कौन‑से केस स्टडीज़ आपको आपके निवेश निर्णय में मदद कर सकते हैं। यह संग्रह आपको बफ़ेट के निवेश दिमाग की झलक देगा और भारतीय संदर्भ में उनका उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस पर स्पष्ट दिशा‑निर्देश देगा।
- Nikhil Sonar
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