बजट 2025 के प्रति विश्लेषकों की अपेक्षाएँ
हर साल जब केंद्रीय बजट आता है, तो पूरे देश की निगाहें उन प्रस्तावों पर होती हैं जिनसे न सिर्फ आम लोगों का बल्कि विभिन्न सेक्टर्स का भविष्य भी निर्धारित होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल केंद्रीय बजट 2025-26 को प्रस्तुत करने वाली हैं, और उनके इस वित्तीय दस्तावेज की दिशा और दृष्टि को लेकर विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों और विशेषज्ञों की गहरी नजर बनी हुई है। इस बार बजट में जिन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हो रही है, उनमें ऑटोमोबाइल, रक्षा, रेलवे, रियल एस्टेट और ऊर्जा प्रमुख हैं।
तेल और गैस क्षेत्र: उम्मीद के आंगन में
हालिया वर्ष में एलपीजी के घाटे की भरपाई का मुद्दा कहीं गायब हो गया है। पिछले साल 22,000 करोड़ रुपए की राहत के बाद, इस साल इसे लेकर कोई विशेष कदम नहीं उठाया गया। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) को इस बार कारोबारी दुनिया में प्रमुख लाभार्थी माना जा सकता है। लंबी अवधि में, देश के ऊर्जा मिश्रण को प्राथमिकता दी जाती है और यह देखना खास होगा कि एफ वाई 25-26 के बजट में इस विषय पर किस तरह के दृष्टिकोण को अपनाया जाता है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और विकास
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरताऔर घरेलू रक्षा खरीददारी को तेज करने पर जोर दिया जा सकता है। देश की सुरक्षा में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी विभिन्न पहल की जा सकती हैं। केंद्रीय बजट में, इन सभी मुद्दों के साथ ही उन परियोजनाओं के लिए फंड आवंटन किया जाएगा जो घरेलू रक्षा उद्योग को सहारा देंगे।
रियल एस्टेट: सुविधाजनक आवास की दिशा में प्रगति
रियल एस्टेट और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए सस्ती आवास योजनाओं को और प्रोत्साहन दिया जा सकता है। होम लोन के टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है ताकि आम लोग सस्ता और सुविधाजनक आवास पा सकें। उच्च महंगाई दर और ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद, इस सेगमेंट में वृद्धि की गति को बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा।
ऊर्जा क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा
भारत ने 2024 में 24.5 गीगावॉट सौर और 3.4 गीगावॉट पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी है। इसके बावजूद, 2030 तक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र को हर साल 50-60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ानी होगी। ऊर्जा भंडारण भी सालाना 20 गीगावॉट घंटा तक बढ़ाना जरूरी है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर: सड़कों और राजमार्गों का विस्तार
सड़क क्षेत्र में, उद्योग 5-6% के बजटीय आवंटन की उम्मीद कर रहा है। यह राजमार्ग परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ाने की उम्मीद करता है, खासकर उन परियोजनाओं का जिनके तहत निर्माण-संचालन-हस्तांतरण टोल मॉडल लागू होता है। वित्तीय वर्ष 26 के लिए सड़क और परिवहन मंत्रालय 12,000-13,000 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और आवंटन का लक्ष्य निर्धारित कर सकता है।
अतिथि सत्कार और पर्यटन
उद्योग की वार्षिक वृदि्ध दर 20-25% पर रहने की उम्मीद है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे थाईलैंड और सिंगापुर में होटल कर दरें 5-7% के बीच होती हैं। इसके अलावा, विदेशी यात्रा पैकेजों पर टीसीएस को 5% पर नियमित कर दिया जाएगा।
एफएमसीजी और खपत: ग्रामीण भारत की आर्थिक सुधार
ग्रामीण बुनियादी ढांचे में बढ़ती निवेश और बेहतर कनेक्टिविटी से ग्रामीण क्षेत्रों में खपत वृद्धतिः की उम्मीद है। इसी तरह, शहरी विकास परियोजनाओं के लिए अधिक फंडिंग से सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। एमएनआरईजीए जैसी योजनाएँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
रेलवे: रेलवे क्षेत्र में फंड का विस्तार
वित्तीय वर्ष 25 के बजट में रेल मंत्रालय को सकल बजट समर्थन में 15-18% की वृद्धि की जा सकती है। सरकार 20,000-25,000 करोड़ रुपए की मंथन के लिए मेगा ऑर्डर की घोषणा करने की संभावना है।
ऑटोमोटिव: स्वच्छ और टिकाऊ वाहन प्रौद्योगिकी पर फोकस
ऑटोमोबाइल सेक्टर में अभिनव प्रौद्योगिकी और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए सुधारों की उम्मीद है। इसमें हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करने का प्रस्ताव शामिल हो सकता है।
कृषि: कृषि क्षेत्र के विकास की नई परिपाटी
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव बनी हुई है। प्रमुख आकांक्षाओं में कृषि विकास के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के फंड का विस्तार, पीएम-किसान योजना का विस्तार, और जल प्रबंधन, कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने के लिए निवेश शामिल है।
Sweta Agarwal
फ़रवरी 1, 2025 AT 03:59ओह, फिर से वही बजट सर्कस-वायदे बहुत बड़े, पर असली एग्जीक्यूशन अक्सर छुपा रहता है।
KRISHNAMURTHY R
फ़रवरी 3, 2025 AT 15:04बजट में जो इंडस्ट्रियल कैपेक्स और इन्फ्लेशन‑टार्गेटेड मैक्रो‑फ्रेमवर्क है, वो डॉउनस्ट्रीम MSME को काफी सपोर्ट कर सकता है 😊। एंव, रिन्यूएबल एनर्जी के लिए कैपेसिटी एसेट टर्न‑ओवर को 50‑60 GW तक बढ़ाने का लक्ष्य, सेक्टर में फ़ंडिंग चक्र को तेज़ करेगा।
priyanka k
फ़रवरी 6, 2025 AT 02:08बहुत ही औपचारिक और विस्तृत विश्लेषण, पर आपके सार को थोड़ा सादे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता था। 😏
sharmila sharmila
फ़रवरी 8, 2025 AT 13:13बजट 2025 के बारे मे थोड़ी हेल्प चाहिये। इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग कली मनायेगा या नहीं, ये तो देखना पडेगा।
Shivansh Chawla
फ़रवरी 11, 2025 AT 00:18देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए रक्षा बजट में आत्मनिर्भरता की धारा को टॉप पर रखना चाहिए! विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता घटे और हमारे इंडस्ट्रियल बेस का विकास हो। यही असली राष्ट्रीय गर्व है!
Akhil Nagath
फ़रवरी 13, 2025 AT 11:22अभिनंदन, इस राष्ट्रीय ध्येय की ओर अग्रसर होने पर। स्वच्छता एवं आत्मनिर्भरता के वैचारिक सिद्धांत हम सभी को मौलिक नैतिकता प्रदान करते हैं। 🌱
Sandeep Chavan
फ़रवरी 15, 2025 AT 22:27चलो, इस बजट को लेकर जोश में आ जाएँ!!! इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेल, और ऊर्जा में निवेश को देखते हुए, वही तो वह शक्ति है जो हमारे सपनों को साकार करेगी!!!
anushka agrahari
फ़रवरी 18, 2025 AT 09:31आपके उत्साह को सलाम! तथापि, निवेश फोरकास्ट को ट्रैक करने के लिए स्पष्ट KPI सेट‑अप आवश्यक है; तभी हम इस ऊर्जा बूस्ट को सतत बना सकेंगे।
aparna apu
फ़रवरी 20, 2025 AT 20:36बजट 2025 के प्रकाशन को लेकर सभी की दिल की धड़कन तेज़ हो गई है।
पहले तो हर कोई सोच रहा था कि ऑटो सेक्टर में क्या नई पॉलिसी आएगी।
फिर अचानक यह खबर आई कि इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स स्लैब घटाया जा सकता है।
इसे सुनकर बाजार में हलचल मच गई, निवेशकों ने अपनी पोर्टफोलियो रीव्यू करना शुरू किया।
परंतु यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि ऊर्जा सेक्टर में नवीकरणीय लक्ष्य अभी भी बेमेल लगते हैं।
सौर और पवन ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक फंडिंग स्पष्ट नहीं है।
सरकार को चाहिए कि वह इस दिशा में ठोस कदम उठाए, नहीं तो लक्ष्य सिर्फ कागज़ पर रह जाएगा।
इसी बीच, रियल एस्टेट में सस्ती आवास योजनाओं को लेकर कई लिफ़ाफे लहराते हैं।
ब्याज दरों की ऊपर की ओर झुकाव को देखते हुए, होम लोन टैक्स बेनिफिट का विस्तार अत्यावश्यक है।
दूसरी ओर, रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता का जिक्र बार-बार किया गया, पर इसके लिए प्रॉपर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है।
यदि निजी निवेशकों को टोल‑モデル में भागीदारी दी जाए, तो राजमार्ग निर्माण तेज़ हो सकता है।
कृषि सेक्टर में जल प्रबंधन और कोल्ड स्टोरेज की जरूरत को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
फसल कटौती के बाद स्टोरेज सुविधाओं की कमी से किसानों को भारी नुक़्सान होता है।
इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, बजट में एक व्यापक इंटेग्रेटेड प्लान की आवश्यकता है।
अंत में, इस बजट को सफल बनाने का असली हथियार है जनता की जागरूकता और सरकारी नीतियों का सटीक कार्यान्वयन।
arun kumar
फ़रवरी 23, 2025 AT 07:41भाई, आपका विस्तृत विश्लेषण पढ़कर दिल खुश हो गया, खासकर ऊर्जा और कृषि के जोड़ को आपने बखूबी उठाया। चलिए मिलकर इस बजट को जनता तक पहुँचाते हैं।
Karan Kamal
फ़रवरी 25, 2025 AT 18:45बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग की प्रतिशत वृद्धि को देखते हुए, अब टोल‑राजमार्ग में निजी भागीदारी की संभावना बढ़ रही है।
naman sharma
फ़रवरी 28, 2025 AT 05:50सभी सार्वजनिक विवरणों में गुप्त निधियों का उल्लेख नहीं है, यह स्पष्ट है कि बजट में छिपी हुई एलियन फंडिंग की योजना है, जो फिर से राष्ट्र की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
vipin dhiman
मार्च 2, 2025 AT 16:55इंदियन मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करनें वाला बजट सच्ची एनी!
vijay jangra
मार्च 5, 2025 AT 03:59धन्यवाद, आपके उत्साह को देखकर अच्छा लगा। यदि हम मिलकर नवीकरणीय ऊर्जा के लिए स्पष्ट सबसिडी मैकेनिज़्म तय कर लें, तो यह बजट वास्तव में सबके लिए फायदेमंद हो सकता है।