बजट 2025: वित्त मंत्री के प्रस्ताव पर विश्लेषकों की उम्मीदें

बजट 2025: वित्त मंत्री के प्रस्ताव पर विश्लेषकों की उम्मीदें
  • 1 फ़र॰ 2025
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बजट 2025 के प्रति विश्लेषकों की अपेक्षाएँ

हर साल जब केंद्रीय बजट आता है, तो पूरे देश की निगाहें उन प्रस्तावों पर होती हैं जिनसे न सिर्फ आम लोगों का बल्कि विभिन्न सेक्टर्स का भविष्य भी निर्धारित होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल केंद्रीय बजट 2025-26 को प्रस्तुत करने वाली हैं, और उनके इस वित्तीय दस्तावेज की दिशा और दृष्टि को लेकर विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों और विशेषज्ञों की गहरी नजर बनी हुई है। इस बार बजट में जिन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हो रही है, उनमें ऑटोमोबाइल, रक्षा, रेलवे, रियल एस्टेट और ऊर्जा प्रमुख हैं।

तेल और गैस क्षेत्र: उम्मीद के आंगन में

हालिया वर्ष में एलपीजी के घाटे की भरपाई का मुद्दा कहीं गायब हो गया है। पिछले साल 22,000 करोड़ रुपए की राहत के बाद, इस साल इसे लेकर कोई विशेष कदम नहीं उठाया गया। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) को इस बार कारोबारी दुनिया में प्रमुख लाभार्थी माना जा सकता है। लंबी अवधि में, देश के ऊर्जा मिश्रण को प्राथमिकता दी जाती है और यह देखना खास होगा कि एफ वाई 25-26 के बजट में इस विषय पर किस तरह के दृष्टिकोण को अपनाया जाता है।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और विकास

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरताऔर घरेलू रक्षा खरीददारी को तेज करने पर जोर दिया जा सकता है। देश की सुरक्षा में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी विभिन्न पहल की जा सकती हैं। केंद्रीय बजट में, इन सभी मुद्दों के साथ ही उन परियोजनाओं के लिए फंड आवंटन किया जाएगा जो घरेलू रक्षा उद्योग को सहारा देंगे।

रियल एस्टेट: सुविधाजनक आवास की दिशा में प्रगति

रियल एस्टेट और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए सस्ती आवास योजनाओं को और प्रोत्साहन दिया जा सकता है। होम लोन के टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है ताकि आम लोग सस्ता और सुविधाजनक आवास पा सकें। उच्च महंगाई दर और ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद, इस सेगमेंट में वृद्धि की गति को बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा।

ऊर्जा क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा

भारत ने 2024 में 24.5 गीगावॉट सौर और 3.4 गीगावॉट पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी है। इसके बावजूद, 2030 तक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र को हर साल 50-60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ानी होगी। ऊर्जा भंडारण भी सालाना 20 गीगावॉट घंटा तक बढ़ाना जरूरी है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर: सड़कों और राजमार्गों का विस्तार

सड़क क्षेत्र में, उद्योग 5-6% के बजटीय आवंटन की उम्मीद कर रहा है। यह राजमार्ग परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ाने की उम्मीद करता है, खासकर उन परियोजनाओं का जिनके तहत निर्माण-संचालन-हस्तांतरण टोल मॉडल लागू होता है। वित्तीय वर्ष 26 के लिए सड़क और परिवहन मंत्रालय 12,000-13,000 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और आवंटन का लक्ष्य निर्धारित कर सकता है।

अतिथि सत्कार और पर्यटन

उद्योग की वार्षिक वृदि्ध दर 20-25% पर रहने की उम्मीद है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे थाईलैंड और सिंगापुर में होटल कर दरें 5-7% के बीच होती हैं। इसके अलावा, विदेशी यात्रा पैकेजों पर टीसीएस को 5% पर नियमित कर दिया जाएगा।

एफएमसीजी और खपत: ग्रामीण भारत की आर्थिक सुधार

ग्रामीण बुनियादी ढांचे में बढ़ती निवेश और बेहतर कनेक्टिविटी से ग्रामीण क्षेत्रों में खपत वृद्धतिः की उम्मीद है। इसी तरह, शहरी विकास परियोजनाओं के लिए अधिक फंडिंग से सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। एमएनआरईजीए जैसी योजनाएँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।

रेलवे: रेलवे क्षेत्र में फंड का विस्तार

वित्तीय वर्ष 25 के बजट में रेल मंत्रालय को सकल बजट समर्थन में 15-18% की वृद्धि की जा सकती है। सरकार 20,000-25,000 करोड़ रुपए की मंथन के लिए मेगा ऑर्डर की घोषणा करने की संभावना है।

ऑटोमोटिव: स्वच्छ और टिकाऊ वाहन प्रौद्योगिकी पर फोकस

ऑटोमोबाइल सेक्टर में अभिनव प्रौद्योगिकी और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए सुधारों की उम्मीद है। इसमें हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करने का प्रस्ताव शामिल हो सकता है।

कृषि: कृषि क्षेत्र के विकास की नई परिपाटी

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव बनी हुई है। प्रमुख आकांक्षाओं में कृषि विकास के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के फंड का विस्तार, पीएम-किसान योजना का विस्तार, और जल प्रबंधन, कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने के लिए निवेश शामिल है।