चंद्र ग्रहण: धरती की छाया में लाल हुआ चाँद

चंद्र ग्रहण: धरती की छाया में लाल हुआ चाँद
  • 14 मार्च 2025
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चंद्र ग्रहण की अद्भुत रात्रि

मार्च 13-14, 2025 की रात को आसमान में चंद्र ग्रहण का नज़ारा दिखाई दिया, जो पिछले नवंबर 2022 के बाद का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण था। इस बार का यह रक्त चंद्र अमेरिका के उत्तरी और दक्षिणी भागों, यूरोप, अफ्रीका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में देखा गया। चंद्रमा का रंग गहरा लाल हो गया था, जिसे रक्त चंद्र के रूप में जाना जाता है।

ग्रहण की प्रक्रिया रात 11:57 बजे (EDT) से शुरू हुई और 2:26 बजे (EDT) से ग्रहण का चरम काल शुरू हुआ, जो लगभग 3:31 बजे समाप्त हुआ। यह एक घंटे से अधिक समय तक पूर्णता में रहा। इस दौरान देखा गया कि चंद्रमा सूरज की किरणों को नहीं देख पा रहा था, क्योंकि धरती ने उसे पूरी तरह से ढक लिया था। लेकिन वायुमंडलीय वातावरण के कारण सूर्य की लाल और नारंगी किरणें चंद्रमा पर पहुंचती रहीं और यह अद्भुत दृश्य उत्पन्न हुआ।

NASA की वैज्ञानिक दृष्टि

इस खगोलीय घटना का ना केवल आम जन ने आनंद लिया, बल्कि NASA के वैज्ञानिकों ने इसे वैज्ञानिक अध्ययन के रूप में भी देखा। Lunar Reconnaissance Orbiter द्वारा चंद्रमा की सतह का मानचित्रण इस समय जारी था, जिससे आगे आने वाले चंद्र अभियानों में मदद मिलने की संभावना है।

इस घटना का सांस्कृतिक महत्व भी है। इसे 'वर्म मून' कहा जाता है क्योंकि यह वही समय होता है जब वसंत ऋतु की शुरुआत में धरती में केंचुए दिखाई देने लगते हैं। इसी तरह, कुछ जनजातियों में इसे 'ईगल मून' भी कहा जाता है।

इस अद्भुत घटना के कारण अनेकों खगोल प्रेमियों और वैज्ञानिकों ने इसे अपने कैमरों में कैद किया और सोशल मीडिया पर इसका व्यापक प्रसारण हुआ। चंद्र ग्रहण की यह रात खगोलीय जगत के अध्ययन के लिए मददगार साबित हुई है और भविष्य की खोज-बीन को नए रास्ते प्रदान करती है।