दिल्ली जल संकट: रिकॉर्ड तापमान के बीच उप्र और हरियाणा से जल की मांग
- 3 जून 2024
- 0 टिप्पणि
दिल्ली में जल संकट: रिकॉर्ड तापमान और पानी की कमी
दिल्ली इस समय अभूतपूर्व जल संकट से जूझ रही है। गर्मी की लहर ने शहर को भीषण गर्मी की चपेट में ले लिया है, और तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस परिस्थिति ने जल संकट को और गंभीर बना दिया है, जिससे राजधानी के कई हिस्सों में पानी की भारी कमी हो गई है। यमुना नदी का जल स्तर 670.3 फीट तक गिर गया है, जो सामान्य स्तर 674.50 फीट से 4.2 फीट नीचे है।
इस विकट स्थिति में, दिल्ली के जल मंत्री आतिशी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने यमुना नदी में अतिरिक्त जल छोड़े जाने की मांग की है ताकि दिल्ली में जल संकट को कम किया जा सके। आतिशी ने इस बात को रेखांकित किया है कि गर्मी की इस जबर्दस्त लहर ने जल उपलब्धता को और भी कम कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की याचिका
दिल्ली सरकार के इस मुद्दे को जल्द हल करने के प्रयास में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने एक याचिका दायर की है, जिसमें हरियाणा से हिमाचल प्रदेश द्वारा आपूर्ति किए गए अतिरिक्त पानी को छोड़ने का अनुरोध किया गया है। यह याचिका 3 जून को सुनवाई के लिए निर्धारित है।
इस याचिका में दिल्ली सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि पानी का अधिकार एक मौलिक मानव अधिकार है। वर्तमान स्थिति ने दिल्ली के नागरिकों के सम्मानजनक और गुणवत्ता योग्य जीवन के अधिकार का उल्लंघन किया है। सरकार का मानना है कि तत्काल कार्यवाही जरूरी है ताकि मानसून के मौसम से पहले जल संकट को कम किया जा सके।
जल संकट का प्रभाव और समाधान की दिशा
जैसे-जैसे जल संकट गहराता जा रहा है, दिल्ली के निवासियों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। पानी के बिना, शहर की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ रहा है, और कई जगहों पर पानी का वितरण भी बाधित हो गया है। सरकार द्वारा टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन यह प्रयास अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।
इस संकट की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार कई कदम उठा रही है। स्थानीय जल निकायों और जल प्रबंधन समितियों को सक्रिय किया गया है ताकि जल संकट को कम किया जा सके। इसी के साथ, जल संग्रहण और पुनर्चक्रण के प्रयासों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
इस जल संकट ने हमारे जल प्रबंधन प्रणाली की खामियों को उजागर कर दिया है। यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि हम भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए दीर्घकालिक समाधान अपनाएं। पानी की कमी और जलवायु परिवर्तन की प्रभावी रणनीतियों की जरूरत है।
सरकार और जनता दोनों को मिलकर जल संग्रहण की प्रक्रिया को बेहतर बनाना होगा और जल का संधारण करना होगा। जागरूकता अभियानों और स्कूलों के माध्यम से जल संरक्षण की महत्ता को भी बढ़ाया जाना चाहिए।
उम्मीद है कि शीघ्र ही दिल्ली में मानसून आएगा, जिससे जल संकट कुछ हद तक हल हो सकता है। लेकिन तब तक, यह अत्यावश्यक है कि सरकार और नागरिक मिलकर इस संकट से निपटने का प्रयास करें और जल संरक्षण की दिशा में सार्थक कदम उठाएं।