मुंबई आतंकी हमले की 16वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति मुर्मू और नेताओं ने शहीदों को किए श्रद्धांजलि अर्पित

मुंबई आतंकी हमले की 16वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति मुर्मू और नेताओं ने शहीदों को किए श्रद्धांजलि अर्पित

16वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि

26 नवंबर 2024 को मुंबई आतंकी हमलों की 16वीं वर्षगांठ पर पूरे भारत में श्रद्धांजलि दी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विशेष मौके पर नेतृत्व किया और मुंबई के पुलिस स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। इन हमलों ने देश को आतंकवाद के खतरों के प्रति सचेत किया था और इस मौके पर कई प्रमख हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

मुंबई के प्रमुख स्थानों पर हमले

सन 2008 में हुई इस भयानक घटना में 10 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे जिन्होंने चार दिनों तक मुंबई शहर में आतंक मचाया। ताजमहल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्रिडेंट, और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसी जगहें इनके निशाने पर थीं। इन आतंकियों ने देश की सुरक्षा चुनौतियों का साक्षात्कार कराया और भारतीय सुरक्षा बलों की बहादुरी भी दर्शाई जो अंतिम समय तक लड़ते रहे।

सुरक्षा कर्मियों की बहादुरी को सलाम

सुरक्षा कर्मियों की बहादुरी को सलाम

इस घटना का सबसे गहरा असर भारत के सुरक्षा बलों की अदम्य भावनाओं और उनसे मिली प्रेरणा पर पड़ा है। क्रिकेट के महान खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर भी इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे और सुरक्षा कर्मियों की बहादुरी को सराहा। सुरक्षा बलों ने अनगिनत लोगों की जान बचाई और अत्यंत कुशलता से संकट से निपटा। आज के दिन की महत्वपूर्णता इसी भावना से जुड़ी है कि हम देश के पूरे लोगों के साथ खड़े हैं और किसी भी आतंकी खतरे का डटकर सामना करेंगे।

स्मारकों पर आयोजित कार्यक्रम

मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया और अन्य कई स्मारकों पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अवसर पर पुलिस विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अलावा स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया। यह दिन ना केवल होमेज का प्रतीक है बल्कि उन बहादुर आत्माओं के बलिदानों को याद करने का मौका भी देता है जिन्होंने अपनी जान निरपराध लोगों की सुरक्षा में न्यौछावर कर दी। विभिन्न कलाकारों और सक्सियतों ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने भावनाओं का इजहार किया।

कई जगहों पर मोमबत्ती जुलूस निकाले गए और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। नागरिकों ने इस मौके पर शान्तिपूर्ण माहौल में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय संकल्प को मजबूत किया कि हम किसी भी हालत में आतंक के सामने घुटने नहीं टेकेंगे।

मुंबई हमलों की यह वर्षगांठ देश को यह महसूस कराने का समय है कि सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना आवश्यक है। यह दिल छू लेनेवाली यादगार उन शहीदों को सदैव जीवित रखेगी जिन्होंने हमारे सुरक्षित भविष्य के लिए अपने प्राण दिए।

17 टिप्पणि

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    Sameer Srivastava

    नवंबर 26, 2024 AT 20:02

    यारों, इस 16वीं सालगिरह पर दिल बहुत बर्बाद हो रहा है!!! यादें वो बमबारी, वो दर्द, और वो शहीदों की खुशबू अभी भी गहरी है!!! हर साल ऐसे ही याद कर के खुद को रोके रखना चाहिए, वरना दिल का कुदाल गड़बड़ हो जाएगा!!

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    naman sharma

    दिसंबर 6, 2024 AT 20:02

    यह दीर्घकालिक स्मृति केवल सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं, बल्कि गंभीर रूप से पूछे जाने वाले प्रश्नों का गढ़ है – क्या इस वर्षगांठ पर संपूर्ण सुरक्षा तंत्र का अद्यतन नियोजन हुआ है? इसमें गुप्त एजेंसियों के छिपे हुए एजेंडा की भी गहरी पड़ताल आवश्यक है।

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    vipin dhiman

    दिसंबर 16, 2024 AT 20:02

    भाई लोगों, हमारा देश फिर से दिखा रहा है कि हम कितने मजबूत हैं। आतंकियों को हमने पहाड़ की रौशनी में जलाकर राख कर दिया!!

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    anushka agrahari

    दिसंबर 26, 2024 AT 20:02

    स्मृति के इस क्षण में हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि शहीदों ने अपने प्राण देकर जो स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया, वह अनमोल है! यह एक प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें आगे बढ़ने की शक्ति देता है! इस भावना को दिल से अपनाकर हम भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं!

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    aparna apu

    जनवरी 5, 2025 AT 20:02

    भाईयों और बहनों, इस स्मरणीय दिन पर दिल से एक लम्बी कहानी बुन रही हूँ 😊। 2008 का वह भयानक झटका, जब मुंबई की गलियों में आतंक का साया था, अब भी यादों में ताजा है। शहीदों के वीरता की गाथा सुनाते हुए, उनके परिवारों की पीड़ा को भी न भूलें 😢। हर साल हम एक मोमबत्ती जलाते हैं, लेकिन वह मोमबत्ती मन में जलती रहे, यही असली शोकांजलि है। राष्ट्र का भविष्य उन्हीं के बलिदानों पर बना है, इसलिए इस भावना को कभी कम मत होने देना। सुरक्षा बलों की अदम्य साहसिता को हम सभी को सलाम, और उनका सम्मान शब्दों से परे है। हमारे दिलों में उनका आदर्श हमेशा बसा रहेगा, जैसे गेटवे ऑफ़ इंडिया पर लहरों की ध्वनि हमेशा गूँजती है। इस अवसर पर सभी भारतीयों को एकजुट होना चाहिए, न कि बिखरना। हर नागरिक को यह समझना चाहिए कि शांति और सुरक्षा दोनो हाथों से पकड़ना जरूरी है। इस स्मरण में हम न केवल अतीत को याद करते हैं, बल्कि भविष्य की राह भी उज्ज्वल बनाते हैं। हम सभी को एकजुट होते देखना, यही असली शक्तिशाली भारत का रूप है। इस वर्षगांठ पर दिल से धन्यवाद उन सभी लोगों को जो बिना शर्त सेवा देते हैं। इस भावना को हम अपने जीवन में उतारें, तभी हमारे देश की प्रगति स्थायी होगी। 🙏

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    Karan Kamal

    जनवरी 15, 2025 AT 20:02

    शहीदों की वीरता पर विचार करते हुए, यह अभिप्राय बनता है कि हम अपने कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक निभाएँ।

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    Prashant Ghotikar

    जनवरी 25, 2025 AT 20:02

    शानदान यादें हमेशा हमारी आत्मा में बसी रहें।

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    Mohammed Azharuddin Sayed

    फ़रवरी 4, 2025 AT 20:02

    यह स्मरण हमें यह सिखाता है कि सुरक्षा के लिए सतर्कता निरंतर आवश्यक है। हम सभी को इस भावना को अपनाते हुए अपने समुदाय में सहयोगी बनना चाहिए।

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    Avadh Kakkad

    फ़रवरी 14, 2025 AT 20:02

    वास्तव में, इतिहास का यह अध्याय हमें यह बताता है कि कैसे सामूहिक प्रयासों से बड़े संकट को मात दी जा सकती है।

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    Sameer Kumar

    फ़रवरी 24, 2025 AT 20:02

    मुंबई की इस यादगार के साथ हमें हमारे सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करने का भी कर्तव्य प्राप्त होता है। अतीत की सीख हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाती है

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    priyanka k

    मार्च 6, 2025 AT 20:02

    अहा, फिर से वही समारोह! क्या हम कभी इस बात पर विचार करेंगे कि क्या यह केवल दिखावे का भाग है? 🙄

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    sharmila sharmila

    मार्च 16, 2025 AT 20:02

    आश्चर्य है कि एसे मौके पर लोगों की इमेकिंग कितनी बढ़ी हो गई है। सभी को बधाई।

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    Shivansh Chawla

    मार्च 26, 2025 AT 20:02

    देशभक्ती की धारा में जलते रहे तो नशे की ताकत कम नहीं होगी; आज भी सुरक्षा बलों का रणनीतिक कॉन्फ़िगरेशन एक बेमिसाल जियोस्पेशियल फ़्रेमवर्क बन चुका है।

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    Akhil Nagath

    अप्रैल 5, 2025 AT 20:02

    साक्षात्कार के इस मंच पर, यह स्पष्ट है कि शहीदों के आदर्श नैतिक सिद्धांत हमारे सामाजिक संघटन के बुनियादी स्तंभ हैं। 🕊️

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    vijay jangra

    अप्रैल 15, 2025 AT 20:02

    एकजुटता और परस्पर सम्मान ही हमें इस कठिन समय में आगे बढ़ाता है। आइए, हम सभी मिलकर शहीदों की याद को साकार करें।

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    Vidit Gupta

    अप्रैल 25, 2025 AT 20:02

    वाह! क्या शानदार भावना है, सच में हमें और भी ज़्यादा एकजुट होना चाहिए!!!

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    Gurkirat Gill

    मई 5, 2025 AT 20:02

    हमारी जिम्मेदारी है कि हम सुरक्षा बलों के सम्मान में लगातार समर्थन जताते रहें, यही असली राष्ट्रीय कर्तव्य है।

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