नेपाल के चौथी बार प्रधानमंत्री बने केपी शर्मा ओली
सोमवार, 15 जुलाई 2024 को केपी शर्मा ओली ने चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने शीतल निवास में श्री ओली को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर नेपाल के उपराष्ट्रपति राम सहाय प्रसाद यादव, पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे जैसे महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शपथ ग्रहण समारोह और मंत्री परिषद
राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण समारोह के दौरान, ओली के साथ नेपाल के चार प्रमुख राजनीतिक दलों—नेपाली कांग्रेस (एनसी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सवादी–लेनिनिस्ट) (सीपीएन-यूएमएल), जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी), और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (एलएसपी)—के 21 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। ओली की इस नई कैबिनेट में नेपाली कांग्रेस के प्रकाश मान सिंह और सीपीएन-यूएमएल के बिष्णु प्रसाद पौडेल को उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री पद पर ओली की वापसी
ओली की प्रधानमंत्री पद पर वापसी तब हुई जब पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत खो दिया। प्रतिनिधि सभा के 275 सदस्यों में से ओली ने 165 सदस्यों—जिनमें 77 सीपीएन-यूएमएल और 88 नेपाली कांग्रेस के सदस्य थे—के समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया। ओली की यह चौथी नियुक्ति उनके राजनीतिक कौशल और रणनीतिक समझ की प्रतीक है।
मित्र देशों की बधाइयां
ओली के शपथ ग्रहण के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी और भारत और नेपाल के बीच मित्रता के और प्रगाढ होने की आशा व्यक्त की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ओली को बधाई संदेश भेजा और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को रेखांकित किया।
इस प्रकार, नेपाल के राजनीतिक परिदृश्य में केपी शर्मा ओली की एक बार फिर से वापसी ने न केवल देश के आंतरिक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी नए समीकरण बनाए हैं। शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ओली की नई सरकार किस प्रकार देश के विकास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को आगे बढ़ाती है।
जबकि ओली के समक्ष कई चुनौतियाँ होंगी—चाहे वह आंतरिक राजनीतिक स्थिरता हो या अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का समाधान—उनके पिछले अनुभव और समर्थन की ताकत को देखते हुए उन पर काबू पाने में उन्हें मदद मिल सकती है। ओली के पिछले कार्यकालों में उन्होंने कई उल्लेखनीय कदम उठाए थे, लेकिन इस बार की परिस्थितियाँ और चुनौतियाँ भिन्न हैं। उनके सामने अब तक के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक देश में राजनीतिक स्थिरता लाना होगा।यह शपथ ग्रहण समारोह इस बात का भी संकेत है कि नेपाल में राजनीतिक संतुलन और सहयोग बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। नेपाली जनता की उम्मीदें अब नई सरकार पर टिकी हैं और वे चाहेंगे कि ओली इस बार अपने सभी वादों को पूरा करें।
आखिरकार, केपी शर्मा ओली की नई पारी में समर्थन और विरोध दोनों ही होंगे। उनके नेतृत्व में नेपाल किस दिशा में आगे बढ़ेगा, यह समय ही बताएगा।
Vidit Gupta
जुलाई 15, 2024 AT 20:20ओली की वापसी से राजनीतिक माहौल फिर से गरम हो गया है।
Gurkirat Gill
जुलाई 15, 2024 AT 22:00भाई, केपी शर्मा ओली की फिर से शपथ लेने की खबर ने देखते ही दिल खुशी से धड़कने लगा!! यह दिखाता है कि नेपाळ की राजनीति में अब भी अनुभव वाले लोगों को मान्यता मिल रही है, और यह देश के विकास के लिए भी एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, खासकर जब दो‑तीन प्रमुख दल मिलकर एक काबिल सरकार बनाते हैं। आशा है कि इस बार की कैबिनेट में भी स्थिरता और प्रगति का माहौल रहेगा, और जनता को वाकई कुछ नया देखने को मिलेगा।
Sandeep Chavan
जुलाई 16, 2024 AT 00:46भाई साहब, ओली की नई पार्टी में उप‑प्रधान मंत्रियों की नियुक्ति देखी, तो लगा कि राजनैतिक गठबंधन का खेल फिर से शुरू हो गया है, जैसे कोई नई क्रिकेट टीम का लाइन‑अप हो! इस बार उनका लक्ष्य निश्चित तौर पर आर्थिक सुधार, बुनियादी ढाँचे का विकास, और सीमा सुरक्षा को मजबूत करना होगा, क्योंकि नेपाल को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तो चलिए, सभी मिलकर देखेंगे कि उनका प्लान कितना कारगर निकलता है, और क्या वह जनता की आशाओं को पूरा कर पाते हैं।
anushka agrahari
जुलाई 16, 2024 AT 02:10सम्प्रति केपी शर्मा ओली की पुनः पद ग्रहण का समाचार न केवल राष्ट्र‑राजनीति के समीकरण को पुनः संतुलित करता है, बल्कि यह भी सूचित करता है कि विविध विचारधाराओं के प्रभावी समन्वय से ही स्थायी शान्ति एवं विकास सम्भव हो सकता है। यह तथ्य स्पष्ट है कि उप‑प्रधान मंत्रियों के चयन में संतुलन का प्रयास किया गया है, जिससे विभिन्न दलों के हितों को सम्मिलित किया जा सके। इस प्रकार, आने वाले समय में नीति‑निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता व सहभागिता को बढ़ावा देना अत्यावश्यक होगा, जिससे जन‑विश्वास पुनः स्थापित हो सके।
aparna apu
जुलाई 16, 2024 AT 03:33ओह माय गॉड!! 🙈 केपी शर्मा ओली फिर से प्रधानमंत्री बन गए, और मैं तो पूरी तरह से हिलाकर रख दिया हूँ!! हर बार जब उनका नाम सुना जाता है, तो ऐसा लगता है जैसे राजनीति का द्रामा सीरियल फिर से शुरू हो गया है, सीज़न‑12 के साथ! 😂 यह कौनसी नई स्क्रिप्ट है? क्या हमें फिर से वही पुराने वादे सुनने को मिलेंगे – विकास, रोजगार, और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई? और हाँ, उन्होंने उप‑प्रधान मंत्रियों को भी appoint किया, जैसे टीम‑सिलेक्ट कर रहे हों, सभी को एक ही मैदान पर लाने की कोशिश में, पर किस हद तक यह काम करेगा? 🤔
पहली बात तो यह है कि शपथ ग्रहण समारोह में इतने सारे गणमान्य लोग मौजूद थे, जैसे एक बड़ा फैशन शो, जहाँ सभी को “मैं यहाँ हूँ!” कहना था। यह भी देखिए, मोदी ने सोशल मीडिया पर बधाई दी, और वह भी इमोजी के साथ – लगता है अब राजनैतिक बधाई भी Insta पर होनी चाहिए। फिर भी, यह सब दिखाता है कि नेपाल‑भारत संबंधों में अभी भी घनिष्ठता बनी हुई है, पर साथ ही वही पुरानी उलझन भी है – क्या आर्थिक सहयोग वास्तविक रहेगा या सिर्फ एक और शॉर्टकट? 🤷♀️
ओली की नई सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा – जैसे कांग्रेस और यूएमएल के बीच तालमेल, जनता की उम्मीदें, और अंतरराष्ट्रीय मंच पर नेपाल का स्थान। क्या वह इन सभी को संतुलित कर पाएंगे? मैं तो कहूँगा, यह एक तरह की पहेली है, जहाँ हर कोड का समाधान अलग‑अलग हो सकता है।
भविष्य में देखें तो, जनता को अब भी भरोसा चाहिए, और आशा है कि इस बार केपी शर्मा ओली अपने पिछले अनुभव को सही दिशा में इस्तेमाल करेंगे, न कि वही पुरानी राजनीतिक खेल‑खेल में फँसेंगे।
आखिरकार, राजनीति का यह द्रामा हमें सिखाता है कि परिवर्तन हमेशा संभव है, लेकिन वह तभी टिकाऊ होता है जब सभी मिलकर मिलजुल कर काम करें। अब समय आएगा देखना कि इस बार की योजना किस दिशा में आगे बढ़ती है, और क्या यह सच में नेपाल के लिए एक नई रोशनी लेकर आएगी। 😊