पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड का अंतिम संस्कार: खेल जगत में शोक की लहर
- 2 अग॰ 2024
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड का निधन और अंतिम संस्कार
गुरुवार की दोपहर को वडोदरा में पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड का अंतिम संस्कार अत्यंत शोक और संवेदनाओं के माहौल में किया गया। गायकवाड, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ी, कोच और चयनकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, का बुधवार रात एक निजी अस्पताल में खून के कैंसर की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी आयु 71 वर्ष थी।
गायकवाड के अंतिम संस्कार की रस्में किर्ती मंदिर में संपन्न हुईं, जिसमें परिवार के सदस्यों के साथ खेल, राजनीति और अन्य क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों ने भी भाग लिया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी, पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया और किरण मोरे सहित कई पूर्व और वर्तमान बरोडा क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे। गायकवाड के बेटे शत्रुंजय गायकवाड ने उनका अंतिम संस्कार किया।
कई प्रमुख हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
वडोदरा भाजपा अध्यक्ष विजय शाह और कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र रावत ने भी गायकवाड के अंतिम संस्कार में भाग लिया। परिवार के सूत्रों के अनुसार, गायकवाड की स्मृति में जल्द ही एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा।
गायकवाड ने अपने क्रिकेट करियर में 40 टेस्ट मैच और 15 वनडे मैच खेले। उन्होंने 205 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले और 22 साल लंबे करियर में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कीं। इसके बाद उन्होंने भारतीय टीम के कोच के रूप में भी सेवा की, और उनकी देखरेख में भारतीय टीम ने 2000 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता का स्थान प्राप्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गायकवाड के निधन पर संवेदना व्यक्त की। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर मोदी ने कहा, 'श्री अंशुमान गायकवाड जी को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और उत्कृष्ट कोच थे। उनके निधन पर दुखी हूं। परिवार और प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।'
गायकवाड का क्रिकेट करियर और योगदान
अंशुमान गायकवाड का क्रिकेट करियर अपने आप में एक प्रेरणा है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी और कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण मैच जीतने का गौरव हासिल हुआ। खिलाड़ी के रूप में उन्होंने हमेशा संयम और मुकाबले की भावना को महत्व दिया।
गायकवाड का जन्म एक खेल प्रेमी परिवार में हुआ था, जिससे उनके जीवन में क्रिकेट की आधारशिला पड़ी। उन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और जल्द ही भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। बल्लेबाजी के साथ-साथ वह एक बेहतर मैन मैनेजर भी थे, जिन्होंने भारतीय टीम में एकजुटता और जोश का संचार किया।
कोच के रूप में गायकवाड का सफर
अंशुमान गायकवाड का कोचिंग करियर भी बेहद प्रभावशाली रहा। उन्होंने भारतीय टीम के कोच के रूप में कठिन दौर में टीम को संभाला और उसे मजबूती दी। उनके नेतृत्व में टीम ने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट और मैच जीते। खासतौर पर 2000 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचना उनके कोचिंग करियर की बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
गायकवाड ने सिर्फ पुरुषों की टीम ही नहीं, बलकि महिला और जूनियर स्तर पर भी कोचिंग में योगदान दिया। उनके द्वारा तैयार किए गए कई खिलाड़ी आज भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे हैं। क्रिकेट की तकनीकी समझ और खिलाड़ियों की मानसिकता को मजबूत बनाने की उनकी क्षमता ने उन्हें एक उत्कृष्ट कोच बनाया।
गायकवाड की यादें और उनके योगदान की पहचान
अंशुमान गायकवाड के निधन से भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है, जिसे भरना कठिन है। उनके खेल के प्रति समर्पण और खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की उनकी इच्छा हमेशा याद रखी जाएगी।
गायकवाड के मित्र, साथी और प्रशंसक उनकी सादगी और जमीन से जुड़े रहने वाले स्वभाव के लिए उन्हें विशेष रूप से याद करेंगे। उनका जीवन और करियर एक प्रेरणा है और युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल भी। उनके योगदान को भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा मान्यता दी जाएगी, और वह क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।
आखिर में, गायकवाड के निधन पर उनके परिवार और प्रशंसकों को हमारी ओर से गहरी संवेदनाएं। ओम शांति।