ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ को पहले दिन मिला जबरदस्त समर्थन, खुदरा हिस्से में 157% सब्सक्रिप्शन

ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ को पहले दिन मिला जबरदस्त समर्थन, खुदरा हिस्से में 157% सब्सक्रिप्शन

ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ में जबरदस्त प्रतिक्रिया

ओला इलेक्ट्रिक के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) को पहले दिन ही जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। सभी हिस्सों में 35% सब्सक्राइब हुआ और खुदरा निवेशकों के हिस्से में 157% सब्सक्रिप्शन देखा गया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बाजार में ओला इलेक्ट्रिक के प्रति निवेशकों का भरोसा बरकरार है।

खुदरा निवेशकों का योगदान

खुदरा निवेशकों ने विशेष रूप से ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। इश्यू का खुदरा हिस्सा 157% से अधिक सब्सक्राइब हुआ, जो यह दर्शाता है कि खुदरा निवेशक इस कंपनी के भविष्य और इसके उत्पादों की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं। इसके विपरीत, गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) द्वारा दी गई प्रतिक्रिया थोड़ी धीमी रही, क्योंकि इस श्रेणी में मात्र 7% सब्सक्रिप्शन देखा गया।

संस्थागत निवेशकों का नकारात्मक रुख

पहले दिन कोई भी बोली संस्थागत निवेशकों के द्वारा नहीं लगाई गई। यह समझ में आता है क्योंकि अधिकांश संस्थागत निवेशक पूरे आईपीओ की प्रक्रिया को बारीकी से देखते हैं और अपने निर्णय अंतिम समय पर लेते हैं। हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक ने पहले ही नामी एंकर निवेशकों से 2,700 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं, जिनमें नोमुरा, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, एसबीआई म्यूचुअल फंड और अन्य शामिल हैं।

ग्रे मार्केट प्रीमियम और विश्लेषकों की रचनात्मक समीक्षा

बाजार विश्लेषकों ने बताया कि ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 12-13 रुपये के बीच है, जो यह दर्शाता है कि इस सार्वजनिक प्रस्ताव को लेकर बाजार में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। इसका मतलब है कि अनलिस्टेड मार्केट में इसकी कीमत इश्यू कीमत से 16% ज्यादा है।

आईपीओ की संरचना और निवेशकों की भूमिका

ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 5,500 करोड़ रुपये की नई इक्विटी और 8.4 करोड़ शेयरों की बिक्री प्रस्ताव (OFS) का संयोजन है। संस्थापक भाविश अग्रवाल इस OFS के तहत 37.9 मिलियन शेयर बेचेंगे, जबकि अन्य निवेशक जैसे अल्फा वेव, अल्पाइन, डीआईजी इन्वेस्टमेंट, और मैट्रिक्स कुल 47.89 मिलियन शेयर बेचेंगे।

बाजार में ओला इलेक्ट्रिक की स्थिति

विश्लेषकों के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन उद्योग में अग्रणी कंपनी है। इसके उत्पादों की बढ़ती मांग और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती पैठ को देखते हुए निवेशक इस आईपीओ को लेकर उत्साहित हैं। इसके साथ ही, कंपनी ने तकनीकी नवाचार और पर्यावरण के अनुकूल समाधान प्रदान करके खुद को एक मजबूत बाजार खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।

निवेशकों के लिए संभावनाएं और जोखिम

ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ में निवेशकों के लिए बहुत सी संभावनाएं हैं। कंपनी का बाजार में मजबूत स्थान और तेजी से विकसित हो रहे इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में इसकी पकड़ इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है। हालांकि, किसी भी आईपीओ के साथ जोखिम भी जुड़े होते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी कैसे इन चुनौतियों का सामना करती है और भविष्य में विकास को बनाए रखती है।

कुल मिलाकर, ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ को पहली ही नजर में सफल माना जा रहा है, और बाजार विश्लेषकों ने इसको लेकर सकारात्मक नजरिया अपनाया है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिन क्या रंग लाते हैं और निवेशकों का विश्वास इस कंपनी में कितना मजबूत होता है।

10 टिप्पणि

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    Avadh Kakkad

    अगस्त 2, 2024 AT 21:33

    ओला इलेक्ट्रिक के IPO की पहली दिन की सब्सक्रिप्शन संख्या खुदरा निवेशकों में 157% तक पहुँच गई, जो एक असाधारण संकेत है।
    यह दर्शाता है कि छोटे निवेशकों को कंपनी के भविष्य में भरोसा है और वे इलेक्ट्रिक दोपहिया के संभावित वृद्धि को देख रहे हैं।
    वहीं, संस्थागत निधियों की भागीदारी दुर्लभ रही, केवल 7% सब्सक्रिप्शन मिला, जो उनके सतर्क रवैये को दिखाता है।
    ऐसे परिदृश्य में, एंकर निवेशकों से 2,700 करोड़ रुपये का फिक्स्ड फंडिंग मिला, जो IPO के जोखिम को कम करता है।
    ओला की मौजूदा उत्पादन क्षमता, बैटरी उत्पादन, और मैकेनिकल डिजाइन को देखते हुए, इस उद्योग में उनका तकनीकी फूटप्रिंट मजबूत दिखता है।
    भारत सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्य 2030 तक 30% तक बढ़ाने की योजना भी इस कंपनी को लाभ पहुंचा सकती है।
    इसी बीच, IPO की ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 12-13 रुपये के बीच है, जिससे अनलिस्टेड मार्केट में कीमत इश्यू प्राइस से 16% अधिक है।
    ऐसे प्रीमियम का मतलब है कि डिमांड सप्लाई से ऊपर है, परन्तु यह एक अस्थायी बबल भी हो सकता है।
    ओला की पिछले वर्षों की वित्तीय स्थितियों को देखते हुए, कंपनी ने कई बार घाटा दर्ज किया था, परन्तु EBITDA सुधार रहा है।
    आगे चलकर, यदि कंपनी उत्पादन लागत को कम करके, बैटरी टेक्नोलॉजी को स्थानीय स्तर पर विकसित कर सके, तो मार्जिन में सुधार होगा।
    वर्तमान में, निवेशकों को कंपनी की सप्लाई चेन लचीलापन, विशेषकर चीन से आयातित घटकों पर निर्भरता, पर भी नजर रखनी चाहिए।
    इसी कारण, राष्ट्रीय स्वदेशी सामग्री की नीति से ओला को दीर्घकालिक लाभ हो सकता है।
    IPO के बाद शेयरों की लिक्विडिटी भी एक मुख्य पहलू होगी, क्योंकि छोटे निवेशकों के बड़े हिस्से से प्रारंभिक ट्रेडिंग वॉल्यूम उच्च रह सकता है।
    समग्र रूप से, यह IPO भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के विकास को तेज करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।
    परन्तु निवेशकों को मूल्यांकन, प्रतिस्पर्धा और नियामक जोखिम को संतुलित रूप से देखना आवश्यक है।

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    Sameer Kumar

    अगस्त 3, 2024 AT 18:46

    ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ सच में एक सामाजिक परिवर्तन की सीढ़ी है
    खुदरा निवेशकों का यह जनसमर्थन हमें बताता है कि जनता में हरियाली की लहर चल रही है
    विद्युत दोपहिया अब केवल तकनीकी नहीं बल्कि सांस्कृतिक भी बन रहा है
    इसी ऊर्जा से हम सब का भविष्य उज्जवल हो सकता है
    चलो इस सकारात्मक दिशा को आगे बढ़ाते हैं

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    naman sharma

    अगस्त 4, 2024 AT 16:00

    यह अत्यधिक उल्लेखनीय है कि सब्सक्रिप्शन के आंकड़े इतनी ऊँचाई पर पहुँच गए, परंतु हम को यह भी पूछना चाहिए कि किन प्रत्यक्ष राजनैतिक दबावों ने इस पर प्रभाव डाला हो सकता है।
    भविष्य में संभावित नियामक परिवर्तन और सरकारी अनुदान की अनिश्चितता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
    संस्थागत निवेशकों की अनुपस्थिति यह संकेत देती है कि वे संभावित जोखिमों को गंभीरता से ले रहे हैं।
    इसी कारण, निवेशकों को दीर्घकालिक रणनीति के साथ अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखना चाहिए।
    वित्तीय अभियांत्रिकीय विश्लेषण के आधार पर, इस IPO के मूल्यांकन में संभावित अतिप्रभाव की पहचान की जानी चाहिए।
    सारांशतः, उत्साह का उपयोग विवेकपूर्ण जोखिम मूल्यांकन के साथ संयोजित करना अनिवार्य है।

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    Sweta Agarwal

    अगस्त 5, 2024 AT 13:13

    वाह, खुदरा निवेशकों ने तो पूरे लोकतंत्र को IPO में बदल दिया!
    लगता है अब शेयर बाजार में भी नाटक का आभास है।
    क्या कोई नहीं देख रहा कि संस्थागत लोग तो भूखा बिल्ला जैसा लुका-छिपी कर रहा है?

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    KRISHNAMURTHY R

    अगस्त 6, 2024 AT 10:40

    बिलकुल सही कहा!
    ओला के इलेक्ट्रिक दोपहिया की डिमांड अभी भी ग्रोथ फेज में है, इसलिए खुदरा साइड का उत्साह समझ में आता है 😊
    मार्केट में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को देखते हुए, आगे की रणनीति में चार्जिंग नेटवर्क विस्तार जरूरी है।
    डाटा‑ड्रिवन एनालिटिक्स से निवेशक को बेहतर इंटीग्रेटेड व्यू मिल सकता है।

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    priyanka k

    अगस्त 7, 2024 AT 07:53

    हँसी आती है कि आप सभी इस ‘भारी’ IPO को इतना हल्के में ले रहे हैं 😏
    बहुत कुछ कहने को है लेकिन सबरी रीतियों से ही सही मायना रखता है।

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    sharmila sharmila

    अगस्त 8, 2024 AT 05:06

    ऐसा लगता है कि सबको बहुत जोष है पर थोड़ा सॉफ़्ट कप्पी भी तो देखी चाहिए...
    ज्यादातर लोग इश्यू प्राइस को ही देख रहे हैं, पर कंपनी का फंडाफंडा भी देखना जरूरी है।
    शायद वो भी एक दिन उसके बारे में बात करेंगे।

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    Shivansh Chawla

    अगस्त 9, 2024 AT 02:20

    देश की स्वाभिमान की बात करो तो ओला इलेक्ट्रिक जैसे ब्रांड ही हमारे आर्टिक्लॉज को बढ़ावा देते हैं।
    वित्तीय स्वायत्तता और आयात प्रतिस्थापन के माध्यम से हमें आर्थिक ज्वार को टालना चाहिए।
    इलेक्ट्रिक दोपहिया की वृद्धि को समर्थन देना राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है।
    कंट्रीज में वीड़ के कारण विदेशी मुनाफा कम करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
    इसीलिए, इस IPO में भारतीय हाथों से होल्डिंग्स का बढ़ना चाहिए।

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    Akhil Nagath

    अगस्त 9, 2024 AT 23:33

    जैसे दार्शनिक कहते हैं, “बाजार की धारा में बहते हुए भी, हमें अपनी नैतिक दिशा नहीं खोनी चाहिए।”
    ओला इलेक्ट्रिक का इस समय की सफलता सामाजिक परिवर्तन का संकेत है।
    परन्तु, नैतिक बंधनों के भीतर ही निवेश के निर्णय लेने चाहिए।
    शेयरधारकों की जिम्मेदारी है कि वे पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता दें।
    इस प्रकार, हम एक प्रगतिशील और नैतिक पूँजीवादी समाज की ओर बढ़ सकते हैं। 😊

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    vipin dhiman

    अगस्त 10, 2024 AT 20:46

    इक्नोमिकली इफेक्टिव IPO है।

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