शाहिद कपूर की फिल्म 'देवा' की बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत: पहले दिन की कमाई निराशाजनक
- 1 फ़र॰ 2025
- 0 टिप्पणि
फिल्म 'देवा' की बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत
शाहिद कपूर की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'देवा', जिसमें अभिनेता ने एक अपरंपरागत और उत्साही पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया है, ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी शुरुआत के पहले दिन ही निराशा हाथ ली। रोशन एंड्रयूज द्वारा निर्देशित इस एक्शन थ्रिलर को दर्शकों से उम्मीद के मुताबिक प्रतिसाद नहीं मिला, क्योंकि शुरुआती दिन की कुल कमाई मात्र ₹3.22 करोड़ तक सीमित रही, जो कि उनकी पिछली फिल्मों की तुलना में काफी कम है।
बुकिंग के लिहाज से भी फिल्म ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। आंकड़ों के अनुसार, देश भर में केवल लाख भर टिकट ही रिलीज के पहले दिन बुक हो सके। यह ब्रांडेड फिल्म के लिए एक चिंताजनक संकेत था, खासकर जब उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान था कि 'देवा' ₹5-7 करोड़ की नेट कमाई कर सकती है। परंतु, वास्तविकता में ऐसा नहीं हो पाया और फिल्म के पहले दिन का नतीजा उम्मीदों से कम ही रहा।
फिल्म की कहानी ने नहीं की दर्शकों को प्रभावित
फिल्म की कहानी और उसकी प्रस्तुति 'देवा' की सफलता के रास्ते में बड़ी बाधा बनी। यह कहानी दर्शकों के लिए पहले से ही जानी-पहचानी लगी, जिसमें न विश्वसनीयता की कमी थी और न ही कल्पनाशीलता की झलक मिली। दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखकर लगता है कि फिल्म निर्माता उस पुराने ढर्रे से बाहर निकलने की आवश्यकता को नजरअंदाज कर गए, जो कि आधुनिक दर्शकों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं था।
इसके अलावा, फिल्म की स्क्रिप्टिंग में कुछ नएपन की कमी भी महसूस की गई। दर्शकों को ऐसे रोमांचक पल नहीं मिले, जो वे कुछ नया और अनूठा देखने की उम्मीद में कर रहे थे। बल्कि, कहानी में क्लाइमैक्स तक आते-आते दर्शकों का धैर्य जवाब देने लगता है और वे समझ जाते हैं कि आगे क्या होना है।
शाहिद कपूर की भूमिका और प्रदर्शन
जहां तक शाहिद कपूर की बात है, उन्होंने फिल्म के प्रमोशन में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी थी, बावजूद इसके फिल्म दर्शकों के दिलों में जगह नहीं बना सकी। शाहिद ने इस फिल्म में एक रौबदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है, जो न्याय की राह पर अपने तरीके से चलता है। लेकिन कहानी की संवादवाही और घटनाक्रम की प्रतीक्षा का अभाव उनकी काबिलियत को सामने लाने में बाधक बना।
यह साफ़ है कि दर्शकों ने शाहिद को उनके चरम प्रदर्शन के लिए पहचान बनाते हुए देखा है, जैसे कि 'कबीर सिंह', जिसने जबरदस्त सफलता हासिल की थी। इसके साथ ही शाहिद की सुपरहिट फिल्मों के प्रशंसकों के लिए उनकी एक साधारण कहानी व प्रदर्शन को स्वीकारना थोड़ा मुश्किल साबित हुआ।
अन्य कलाकारों का योगदान
फिल्म में पुजा हेगड़े और पवेल गुलाटी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं, लेकिन उनकी अदाकारी और उनका किरदार भी फिल्म की कमजोरी का हिस्सा साबित हुई। पुजा हेगड़े का किरदार फिल्म में अपेक्षाकृत दबा सा दिखा और उसमें उत्साह की कमी रही। जबकि पवेल गुलाटी के प्रयासों में ईमानदारी दिखती है लेकिन उन्हें भी फिल्म की स्क्रिप्ट ने अधिक मौका नहीं दिया।
फिल्म के मध्यम तरीके से प्रयास करना और उसके प्रचार में जोर का न लग जाना भी दर्शकों के बीच उसकी अदम्य रुचि का कारण हो सकता है जिसका प्रभाव इसके कमजोर बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर पड़ा।
भविष्य की राह और संभावनाएं
फिल्म के निर्माता और कलाकार इस असफल शुरुआत के बाद अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना चाह रहे हैं। ऐसा लगता है कि आगे आने वाले सप्ताहांत में फिल्म से कोई बड़ी छलांग की उम्मीद नहीं की जा सकती, लेकिन अगर कोई सकारात्मक वर्ड ऑफ माउथ या प्रतिक्रिया मिलती है तो इसके परिणाम पर कुछ सुधार आ सकता है।
आखिरकार, यह तथ्य स्पष्ट है कि लोगों की रुचियों में तेजी से हो रही बदलवा और नई विषय-वस्तुओं की मांग को देखते हुए फिल्म निर्माताओं को अपनी विचारधारा में परिवर्तन और नवीन प्रयास करना आवश्यक होता है। इस स्थिति ने बॉलीवुड सहित अन्य सिनेमा उद्योगों के सामने एक गंभीर संदेश प्रस्तुत किया है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।