रायन फिल्म रीव्यू: कहानी और दिशा
2024 में रिलीज़ हुई तेलुगु फिल्म 'रायन' ने सिनेमा प्रेमियों और आलोचकों के बीच खूब चर्चा बटोरी है। इस फिल्म का निर्माण प्रसिद्ध निर्माता कलानिधि मारन ने सन पिक्चर्स के बैनर तले किया है, जो पहले भी हमें अनेक ब्लॉकबस्टर फिल्में दे चुके हैं। फिल्म की कहानी बेहद gripping और मनोरंजक है, जिसमें तेलुगु सिनेमा के सुपरस्टार धनुष ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म के निर्देशक ने कहानी को इस तरह से गढ़ा है कि यह दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखती है।
फिल्म की कहानी में कई किरदार और घटनाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं, जो मिलकर एक मजबूत और प्रभावशाली narrative बनाती हैं। रायन की कहानी का केंद्र हैgangs, police और civilians के बीच के आपसी रिश्तों और संघर्ष की स्थिति। निर्देशक ने ऐसे दृश्यात्मक और भावनात्मक क्षण पैदा किए हैं जो संभवतः 2002 की ब्राजीलिया फिल्म 'City of God' की याद दिलाते हैं।
धनुष का अद्वितीय प्रदर्शन
धनुष ने रायन की भूमिका में जबरदस्त अभिनय किया है। उनका असरदार प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि उनका शारीरिक परिवर्तन और अभिनय के दौरान दिखाए गए उत्कृष्ठ जज्बात फिल्म को एक अलग ऊंचाई पर ले जाते हैं। फिल्म में उन्होंने जिस तरह से एक्शन सीक्वेंस को अंजाम दिया है, वह सराहनीय है। उनका यह अभिनय जॉन विक श्रृंखला के कियानू रीव्स को याद दिलाता है।
फिल्म में धनुष का character बेहद गहराई और ऊंचाई लिए हुए है, जो हर पल दर्शकों को एक नए अनुभव से रुबरू कराता है। प्रमुख भूमिकाओं में अन्य अभिनेताओं ने भी बेहतरीन काम किया है, जिनमें गहनता और प्रभावशीलता की कमी नहीं है। ये सभी तत्व मिलकर फिल्म को और भी सशक्त बनाते हैं।
अन्य सहायक किरदार और उनकी भूमिका
फिल्म में सहायक कलाकारों की भूमिकाएं भी महत्वपूर्ण हैं। इनके बिना कहानी का गहरा प्रभाव बनाना मुश्किल होता। सहयोगी अभिनेताओं ने भी बढि़या अभिनय किया है। हर किरदार का एक अहम भूमिका होती है जो फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में सहायक होता है।
कहानी के मोड़ दर्शकों को हर पल नयी दिशा में ले जाते हैं, जिससे उत्सुकता बनी रहती है। प्रत्येक आरोपण और इसके परिणति दर्शकों को चौंका देती है, जिससे वे अधिक जुड़ाव महसूस करते हैं। सहायक किरदारों के जरिये भी कहानी को नयी ऊचाई मिलती है।
एक्शन और नृत्य दृश्य: रोमांचक अनुभव
फिल्म 'रायन' के एक्शन दृश्य बेहद अच्छी तरह से कोरियोग्राफ किए गए हैं। ये दृश्य न केवल रोमांचकारी हैं, बल्कि दर्शकों को इस कदर बांधे रखते हैं कि वे पलक झपकाने का मौका भी नहीं पाते। फिल्म के पहले 90 मिनट के बाद, दिशा में बदलाव आता है, जो दर्शकों को जपान की फिल्म 'आकीरा' की गहरी भावनाओं की तरह महसूस कराता है।
फिल्म में केवल दो बड़े नृत्य के दृश्य हैं, दोनों केवल 5 मिनट लंबे हैं, लेकिन ये पूरी तरह से कहानी में फिट बैठते हैं। इन नृत्य दृश्यों का फिल्म की कहानी और पात्रों के साथ गहरा संबंध है, जो अनावश्यक नहीं लगता।
रायन: एक नया उदाहरण स्थापित करती है
'रायन' फिल्म ने तेलुगु सिनेमा की एक नयी दिशा की ओर इशारा किया है। यह फिल्म न केवल उच्च गुणवत्ता की कहानी और प्रदर्शन के लिए जानी जाएगी, बल्कि इसने दर्शकों को एक नया अनुभव भी दिया है। इसका बैकग्राउंड स्कोर भी बेहतरीन है, जो कहानी को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
कुल मिलाकर, 'रायन' 2024 की सबसे बड़ी फिल्म सरप्राइज में से एक है, जिसने भारतीय सिनेमा के लिए नए रास्ते खोले हैं। यह एक ऐसा सिनेमाई अनुभव है जिसे थियेटर में देखना सचमुच यथार्थवादी और आनंदित करने वाला है।
Karan Kamal
जुलाई 26, 2024 AT 20:49रायन की कहानी में सामाजिक दायित्व और व्यक्तिगत संघर्ष का मिश्रण दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करता है। फिल्म की पटकथा में छोटे‑छोटे संकेतों को समझना काफी रोमांचक है। निर्देशक ने दृश्यों को संतुलित रूप से पेश किया है, जिससे दर्शक भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं।
Navina Anand
जुलाई 28, 2024 AT 20:49वास्तव में, फिल्म का संगीत नायकों के दिलों की धड़कनों को अच्छी तरह प्रतिध्वनित करता है। यह दर्शकों को एक सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
Prashant Ghotikar
जुलाई 30, 2024 AT 20:49रायन की कहानी को कई स्तरों पर विश्लेषण किया जा सकता है। सबसे पहले, यह फिल्म महामंदी के बाद की सामाजिक असुरक्षा को उजागर करती है, जहाँ गैंग और पुलिस के बीच का तनाव गहराता है। दूसरा, मुख्य नायक धनुष ने अपने चरित्र में आत्म-संघर्ष दिखाया है, जो दर्शकों को अपने अंदर की लड़ाई को पहचानने पर प्रेरित करता है। तीसरे, फ़िल्म के एक्शन दृश्यों की कोरियोग्राफी अत्यंत प्रभावशाली है, क्योंकि वह न केवल शारीरिक शक्ति बल्कि मानसिक दृढ़ता को भी दर्शाती है। चौथे, सहायक कलाकारों ने अपने छोटे-छोटे रोल में भी पूरी ईमानदारी से अभिनय किया है, जिससे कहानी का ताना-बाना मजबूत हुआ है। पाँचवें, बैकग्राउंड स्कोर ने प्रत्येक सीन में भावनात्मक गहराई जोड़ दी है, जिससे दर्शक पूरी तरह डूब जाते हैं। छठे, फ़िल्म के दृश्यों में प्रकाश और छाया का उपयोग बहुत सूक्ष्म है, जो कथानक के मूलभूत भाव को बढ़ाता है। सातवें, कहानी में अप्रत्याशित मोड़ दर्शकों को लगातार व्यस्त रखता है और अंत तक उत्सुकता बढ़ाता है। आठवें, धनुष के शारीरिक रूपांतरण ने वास्तविकता को और अधिक सजीव बना दिया है। नौवें, संवादों की भाषा सरल लेकिन प्रभावी है, जिससे हर वर्ग का दर्शक सामंजस्य महसूस करता है। दसवें, फिल्म में टॉपिक पर बने सामाजिक प्रश्न युवा वर्ग को सोचने पर मजबूर करते हैं। ग्यारहवें, निर्माण टीम ने लोकेशन चयन में बहुत सावधानी बरती है, जिससे कथा की प्रामाणिकता बढ़ी है। बारहवें, तकनीकी प्रभावों का प्रयोग मद्धिम था, जिससे कथा से ध्यान भटकता नहीं है। तेरहवें, फिल्म का अंत थोड़ा खुला रखा गया है, जिससे दर्शक अपने विचार जोड़ सकते हैं। चौदहवें, इसे देखने के बाद कई लोग वास्तविक जीवन में अपने नैतिक सिद्धांतों पर पुनर्विचार करते हैं। पंद्रहवें, कुल मिलाकर, रायन ने तेलुगु सिनेमा में एक नया मानक स्थापित किया है, जो भविष्य की कई फिल्मों को दिशा देगा।
Sameer Srivastava
अगस्त 1, 2024 AT 20:49हे भाई! क्या ये फिल्म उतनी ही तंग करती है जितनी ड्रामा सोप!?? असली सीन तो जब गन फायर हो रहा था...?? वो कॉमेडी सीन का भी क्या, कुछ भी नहीं है...!??
Mohammed Azharuddin Sayed
अगस्त 3, 2024 AT 20:49रायन में दिखाए गए गैंग संघर्ष का परिप्रेक्ष्य कई सामाजिक तथ्यों से जुड़ा है, जिससे फिल्म में एक दार्शनिक परत भी मिलती है। इस पहलू को समझना दर्शकों को वर्तमान सामाजिक ताने‑बाने को समझने में मदद करता है।
Avadh Kakkad
अगस्त 5, 2024 AT 20:49सही कहा तो कोई नहीं, लेकिन फिल्म में कुछ संवाद बहुत ही क्लिशे लगते हैं, जैसे कि “अहम लड़ाई अभी शुरू हुई है” जैसा वाक्यांक। ऐसे विचार को थोडा नया रूप देना बेहतर रहता है।
Sameer Kumar
अगस्त 7, 2024 AT 20:49फ़िल्म की दृश्यावली में भारतीय पारम्परिक कला के तत्वों को बारीकी से शामिल किया गया है। यह दर्शकों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है और साथ ही नई शैली को अपनाता है। इसमें संगीत के प्रयोग में भी शास्त्रीय ताना‑बाना दिखता है और आधुनिक बीट्स का मिश्रण है। यह काफ़ी उत्साहजनक है।
naman sharma
अगस्त 9, 2024 AT 20:49पर्यवेक्षण के दौरान, यह स्पष्ट हो गया कि रायन ने अनेक सामाजिक षड्यंत्र सिद्धांतों को स्वीकृति प्रदान करने का प्रयास किया है। विशेष रूप से, फिल्म में दिखाए गए पुलिस‑गैंग गठबंधन की अवधारणा अतिरंजित प्रतीत होती है। इस प्रकार के चित्रण से वास्तविकता को विकृत किया जा सकता है, जो दर्शकों के विचारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
Sweta Agarwal
अगस्त 11, 2024 AT 20:49वाह, ये तो पूरी तरह से एकदम नया 'जासूस' टैम्पलेट है।
KRISHNAMURTHY R
अगस्त 13, 2024 AT 20:49रायन का एक्शन सेट‑पीस वाकई में लैटिनो‑ट्रॉपिक शैली को अपनाता है 😂। स्टंट्स की कॉर्डिनेशन वाकई में हाई‑कोर प्रोफेशनल लगती है। केरेक्टर बैलेंस पर भी बहुत दया रखी गई है, जिससे फ़्लो स्मूद रहता है।
priyanka k
अगस्त 15, 2024 AT 20:49आहा, इतना “गहरा” टॉम्प्लेट जैसा संवाद, विशेषकर जब मुख्य नायक को “सुपरहीरो” कहा जाता है 😊।
sharmila sharmila
अगस्त 17, 2024 AT 20:49मैंने सुना है की फिल्म में डांस के सीन बड़ा शानदार थे , पर थोड़े लम्बे थे . फिर भी मैजिकal मोमेंट्स थे जो दिल को छू गये .
Shivansh Chawla
अगस्त 19, 2024 AT 20:49अगर हम भारतीय सिनेमा की असली शान देखना चाहते हैं तो रायन का कंटेंट बकवास नहीं, बल्कि देशभक्ति का सच्चा नमूना है। इस फिल्म में दिखाए गए गैंग‑पोलिस टकराव ने साफ़ तौर पर विदेशी प्रभाव को हटाने की चेतावनी दी है। हमें ऐसे फ़िल्में चाहिए जो भारतीय अभिमान को जगाए, न कि विदेशी शैली को नक़ल करे।
Akhil Nagath
अगस्त 21, 2024 AT 20:49समुचित आयामों में देखें तो, रायन ने अस्तित्ववाद के प्रश्नों को दृश्यमान रूप में प्रस्तुत किया है। यह फिल्म दर्शकों को नैतिक द्वंद्व के बीच खड़ा करती है, जहाँ प्रत्येक क्रिया का परिणाम स्पष्ट होता है। इस प्रकार का सिनेमाई प्रयोग न केवल मनोरंजन बल्कि ज्ञानवर्द्धन भी है। 😊
vipin dhiman
अगस्त 23, 2024 AT 20:49भाई ये फिल्म मे बंबई वाला डांस से भी ज़्यादा desi swag है।
vijay jangra
अगस्त 25, 2024 AT 20:49रायन का संगीत वास्तव में कहानी के साथ सिंक्रोनाइज़ किया गया है, जिससे भावनात्मक प्रभाव बढ़ जाता है। ध्वनि मिश्रण में पारम्परिक भारतीय वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया है, जो दर्शकों को सांस्कृतिक रूप से जोड़ता है। इसके अलावा, सिनेमैटोग्राफी में प्रयोग किए गए रंगों का चयन बहुत ही सूझबूझ से किया गया है, जिससे प्रत्येक सीन में अलग मूड स्थापित होता है। फिल्म के प्रमुख संवाद स्पष्ट और सरल रखे गये हैं, जिससे विभिन्न वर्ग के दर्शक समझ सकें। निर्देशन में भी एक संतुलित दृष्टिकोण देखा गया है, जिसमें एक्शन और ड्रामा दोनों को बराबर महत्व दिया गया है। इस संतुलन ने फिल्म को एक पूर्ण अनुभव बना दिया है, जिसे आप थियेटर में देखना चाहेंगे। अंत में, इस फिल्म ने तेलुगु सिनेमा में नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं, जिससे भविष्य की फ़िल्मों में और भी रचनात्मकता देखी जा सकती है। इसलिए मैं सभी सिनेमा प्रेमियों को इस फिल्म को एक बार जरूर देखने की सलाह देता हूँ।
Vidit Gupta
अगस्त 27, 2024 AT 20:49रायन में एक्शन बहुत तेज़ था; कहानी का प्रवाह भी सहज था; दृश्यों की कटिंग भी बखूबी हुई थी; बहुत ही संतोषजनक फिल्म रही!!!
Gurkirat Gill
अगस्त 29, 2024 AT 20:49फिल्म की कुल मिलाकर सकारात्मक पैकेजिंग दर्शकों को सच्ची कहानी और मजबूत अभिनय का मिश्रण देती है। धनुष के किरदार में प्रयुक्त गहन भावनाओं ने दर्शकों को गहराई से जुड़ा दिया है।