स्लोवाक पीएम रॉबर्ट फिको की हत्या के प्रयास में संदिग्ध गिरफ्तार, आजीवन कारावास की सजा का सामना कर सकता है
- 16 मई 2024
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स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर बुधवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कई गोलियां चलाई गईं। हमले में 59 वर्षीय प्रधानमंत्री के पेट और बांह में गोली लगी और वह गंभीर लेकिन स्थिर स्थिति में सर्जरी के बाद अस्पताल में भर्ती हैं। इस घटना की व्यापक रूप से 'लोकतंत्र पर हमले' के रूप में निंदा की गई है, और राजनेताओं ने शांति बनाए रखने और आगामी यूरोपीय संसद के चुनावों के लिए प्रचार-प्रसार निलंबित करने का आह्वान किया है।
लेविस के 71 वर्षीय एक व्यक्ति को हमले के लिए गिरफ्तार किया गया है और उस पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है। अगर दोषी पाया गया, तो संदिग्ध को आजीवन कारावास की सजा का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध ने अभी तक अपने कृत्य के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया है।
गोलीबारी की यह घटना ऐसे समय में हुई है जब सरकार के स्लोवाकिया के सार्वजनिक प्रसारक RTVS को समाप्त करने के प्रस्ताव को लेकर विवाद चल रहा है। इस प्रस्ताव के खिलाफ पिछले कुछ हफ्तों से विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। उप प्रधानमंत्री टॉमस तराबा और गृह मंत्री मातुस सुताज एस्टोक ने विपक्षी दलों और मीडिया द्वारा फैलाई जा रही 'झूठी कहानियों' को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
इस हमले की घटना ने स्लोवाकिया की राजनीति में एक नया संकट पैदा कर दिया है। हालांकि प्रधानमंत्री फिको की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन इस तरह का कायराना हमला देश के लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है। सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष दोनों ही इस घटना की निंदा कर रहे हैं और देश में शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
स्लोवाकिया में राजनीतिक उथल-पुथल
स्लोवाकिया पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको की सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोप लगते रहे हैं। साथ ही, पिछले साल एक पत्रकार की हत्या के बाद से देश में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।
विपक्षी दल सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने और मीडिया की स्वतंत्रता को दबाने का आरोप लगाते रहे हैं। सरकार के RTVS को बंद करने के फैसले ने इन आरोपों को और बल दिया है। विपक्ष का कहना है कि सार्वजनिक प्रसारक पर सरकार का नियंत्रण बढ़ने से मीडिया की निष्पक्षता प्रभावित होगी।
वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी का कहना है कि सरकार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा जा रहा है। उप प्रधानमंत्री टॉमस तराबा ने कहा कि विपक्ष और मीडिया की ओर से फैलाई जा रही 'झूठी कहानियों' ने ही प्रधानमंत्री पर हमले का माहौल बनाया है। उन्होंने विपक्ष से शांति बनाए रखने और राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर देश हित में काम करने की अपील की है।
यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया
स्लोवाकिया में राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री पर हुए हमले ने पूरे यूरोप का ध्यान खींचा है। यूरोपीय संघ के कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और स्लोवाक सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया है।
यूरोपीय संघ में स्लोवाकिया की सदस्यता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। कुछ सांसदों का कहना है कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मुद्दों पर स्लोवाकिया लगातार पिछड़ता जा रहा है। उनका मानना है कि स्लोवाकिया को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
हालांकि, यूरोपीय संघ के नेतृत्व ने स्लोवाकिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि यह स्लोवाकिया का आंतरिक मामला है और वहां की सरकार और जनता को ही इसका समाधान निकालना होगा। साथ ही, उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए मतभेदों को दूर करने की अपील की है।
निष्कर्ष
स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री पर हुए जानलेवा हमले ने देश की राजनीति में एक नया संकट पैदा कर दिया है। यह घटना न केवल प्रधानमंत्री के जीवन के लिए खतरा है, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों पर भी एक प्रहार है। ऐसे में, सभी राजनीतिक दलों और नागरिक समाज को एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा।
साथ ही, यह घटना यूरोपीय संघ के सामने भी एक नई चुनौती प्रस्तुत करती है। संघ को अपने सदस्य देशों में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मुद्दों पर और अधिक सतर्क रहना होगा। स्लोवाकिया को भी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे और यूरोपीय मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखानी होगी।
हम उम्मीद करते हैं कि स्लोवाकिया इस संकट से उबरने में सफल होगा और देश में जल्द ही शांति और स्थिरता लौटेगी। हम प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको के शीघ्र स्वस्थ होने और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।