महाराष्ट्र को मिली पहली महिला मुख्य सचिव: सुजाता सौनिक ने संभाली कमान
- 1 जुल॰ 2024
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महाराष्ट्र को पहली महिला मुख्य सचिव का गौरव
महाराष्ट्र ने अपने प्रशासनिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। सुजाता सौनिक ने राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। यह घटना राज्य की प्रशासनिक मशीनरी में लिंग समानता और बदलाव को दर्शाती है। सुजाता सौनिक, जो 1987 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, ने मनुकुमार श्रीवास्तव की जगह ली है, जिन्होंने 28 फरवरी को सेवा निवृत्त हो गए थे।
सुजाता सौनिक का जीवन और करियर
सुजाता सौनिक का जन्म 20 अगस्त 1965 को पुणे में हुआ था। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जॉन एफ. कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में भी प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने अपनी लंबी और प्रभावशाली करियर में अनेकों महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
प्रमुख पदों पर कार्य
सुजाता सौनिक ने अपने करियर में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, महाराष्ट्र राज्य रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MSRTC) की प्रबंध निदेशक और पुणे नगर निगम की आयुक्त के रूप में कार्य किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राज्य राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में भी कार्य किया था इससे पहले कि उन्हें मुख्य सचिव बनाया गया।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का स्वागत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उनकी नियुक्ति पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने उन्हें एक 'सक्षम और अनुभवी' अधिकारी कहा है। उनकी नियुक्ति को राज्य की प्रशासनिक मशीनरी में लिंग समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
लिंग समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
सुजाता सौनिक की नियुक्ति न केवल राज्य प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक कदम है। यह दर्शाता है कि महिलाएं भी उच्च स्तर के प्रशासनिक पदों पर प्रभावशाली तरीके से अपनी भूमिका निभा सकती हैं। सौनिक की प्रभावशाली प्रशासनिक करियर और उनकी नई भूमिका राज्य की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना समाज और प्रशासन में स्थायित्व और नवाचार को लाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। सुजाता सौनिक की नियुक्ति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह सभी के लिए एक प्रेरणा होगी कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं। इससे राज्य की अन्य महिलाओं के लिए अवसर के द्वार खुलेंगे और वे भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित होंगी।