रेलवे के डिब्बे बने 'चलती हुई ताबूत': लालू प्रसाद यादव की तीखी प्रतिक्रिया

रेलवे के डिब्बे बने 'चलती हुई ताबूत': लालू प्रसाद यादव की तीखी प्रतिक्रिया
  • 30 जुल॰ 2024
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रेलवे के डिब्बे बने 'चलती हुई ताबूत': लालू प्रसाद यादव की तीखी प्रतिक्रिया

पूर्व रेलवे मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख नेता लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में भारतीय रेलवे में हुई अनेक दुर्घटनाओं के बाद गहरी चिंता व्यक्त की है। यादव का कहना है कि रेलवे के डिब्बे 'चलती हुई ताबूत' बन गए हैं, और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों और रेलवे के रखरखाव में कमी को जिम्मेदार ठहराया है।

हाल की दुर्घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है

पिछले 13 दिनों में भारतीय रेलवे में सात बड़ी दुर्घटनाएँ हुई हैं, जिनमें कई लोगों की जानें गईं और संपत्ति को बड़ा नुकसान हुआ। इनमें ओडिशा में दो ट्रेनों की टक्कर और बिहार में एक ट्रेन के पटरी से उतर जाने जैसी घटनाएं शामिल हैं। ये घटनाएँ ना केवल यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं बल्कि रेलवे की मौजूदा स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठाती हैं।

लालू यादव का आरोप: 'नीति निर्माण में नाकामी'

लालू यादव का प्रमुख आरोप यह है कि केंद्र सरकार रेलवे के रखरखाव और सुरक्षा उपायों में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि जब वे 2004 से 2009 तक रेलवे मंत्री थे, तब उन्होंने कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाएँ लागू की थीं, जिनसे रेलवे की सुरक्षा और कार्यक्षमता में सुधार हुआ था। लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान, रेलवे की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती गई है। यादव ने दावा किया कि उन्होंने अपनी मंत्रीत्वकाल में कई नई ट्रेनों का संचालन शुरू किया और यात्रियों की सुरक्षा के लिए नए मानक स्थापित किए थे।

समस्या की जड़ें: अल्प-उपकरण और खस्ताहाल रेल पटरी

लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की मौजूदा समस्याओं की जड़ को अल्प-उपकरण और खस्ताहाल रेल पटरियों में बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के दौरान, प्रमुख रेलवे लाइनों और पटरियों के सुधार और रखरखाव पर खास ध्यान दिया गया था। अब स्थिति यह है कि पटरियों का समय पर रखरखाव नहीं हो रहा है और न ही नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह हादसे हो रहे हैं।

यात्रियों में बढ़ती असुरक्षा

लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं ने यात्रियों के मन में गहरी असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। लोग अब ट्रेन से यात्रा करते समय खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते। यह स्थिति तब और भी चिंताजनक हो जाती है जब यह देखा जाए कि रेलवे की सेवाएँ देश के लाखों लोगों के लिए मुख्य यात्रा साधन हैं।

भविष्य की दिशा

भारतीय रेलवे की मौजूदा स्थिति को सुधारने के लिए तत्पर और कुशल कदम उठाने की आवश्यकता है। लालू प्रसाद यादव के अनुसार, अगर केंद्र सरकार तत्परता नहीं दिखाती और आवश्यकता अनुसार रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं करती, तो स्थिति और भी विकट हो सकती है।

निष्कर्ष

लालू प्रसाद यादव के बयानों ने भारतीय रेलवे की भविष्य की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह स्पष्ट है कि रेलवे सुरक्षा और यात्रियों की सुरक्षा मानकों पर पुनर्विचार करने की अत्यधिक आवश्यकता है। सरकार को तुरंत और मजबूती से योजनाएँ बनानी होंगी ताकि भारतीय रेलवे फिर से अपनी पुरानी गौरव को प्राप्त कर सके और यात्रियों के लिए एक सुरक्षित यात्रा का माध्यम बन सके।