मुंबई के देओनार मंडी में ईद-उल-अजहा का जश्न: बकरों और भैसों की धूम

मुंबई के देओनार मंडी में ईद-उल-अजहा का जश्न: बकरों और भैसों की धूम
  • 17 जून 2024
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ईद-उल-अजहा का उत्सव देओनार मंडी में

मुंबई के देओनार मंडी में इस वर्ष ईद-उल-अजहा का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर मंडी में चारों ओर उत्साह का माहौल बना हुआ है। दूर-दूर से व्यापारी और ग्राहक दोनों ही बड़ी संख्या में मंडी में पहुंचे हैं। यहाँ पर कुल 1.47 लाख बकरे और हजारों की संख्या में भैसे व्यापार के लिए लाए गए हैं।

स्लॉट बुकिंग की सुविधा

इस बार बीएमसी ने भैसों के वध के लिए एक नई पहल की है। उन्होंने इसके लिए स्लॉट बुकिंग की सुविधा प्रदान की है जिससे व्यवस्थित तरीके से वध किया जा सके। हालांकि, इस सुविधा का उपयोग करने वाले केवल पांच व्यक्ति ही सामने आए हैं।

स्लॉट बुकिंग की सुविधा के बावजूद नागरिक अधिकारियों का अनुमान है कि आगामी तीन दिनों में 10,000 से अधिक भैसों का वध होगा। पिछले साल इस अवधि के दौरान 14,000 से 15,000 भैसों का वध किया गया था। मंडी में ईद के मौके पर रोजाना 1.5 लाख से अधिक लोगों का आना-जाना रहता है।

बकरों के लिए विशेष प्रबंध

बकरों के वध के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। नगर निगम ने बकरों की हत्या के लिए निर्दिष्ट स्थान निर्धारित किए हैं। इस कारण शहर के विभिन्न स्थानों पर बकरों की बलि अर्पित की जाती है।

देश के विभिन्न हिस्सों से 2,000 से अधिक व्यापारी नगर निगम की खनिसा में पहुंचे हैं। उन्होंने 1.85 लाख बकरे और करीब 15,000 से 20,000 भैसे इस उत्सव के लिए ले आए हैं।

अस्थायी सुविधा और स्वास्थ्य सेवाएं

देओनार मंडी में कुल 77,850 वर्ग मीटर का एक अस्थायी सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है जिससे पशुओं को आश्रय मिल सके। स्वास्थ्य सेवाओं के तहत दो सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं जिनसे पशुओं का इलाज हो सके।

कचरा प्रबंधन और सफाई

इस दौरान लगभग 7,500 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है। नगर निगम ने इस कचरे को साफ करने के लिए 300 कर्मचारियों को तैनात किया है। साथ ही, पांच पिक-अप वैन, दो जेसीबी और चार डंपर भी लगाए गए हैं जो मृत पशुओं को भी हटाने का कार्य करते हैं।

मंडी में बेहतर व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,000 से अधिक नगर निगम के कर्मचारी विभिन्न विभागों से जुड़े हुए हैं।

पारंपरिकाऊत्सव की रंगत

पारंपरिकाऊत्सव की रंगत

ईद-उल-अजहा पारंपरिक रूप से बलिदान का त्योहार माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन बकरों और भैसों की बलि देते हैं और उसे दोस्तों और परिवार के साथ बांटते हैं। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण महत्व है।

देओनार मंडी में इस वर्ष यह उत्सव और भी अधिक भव्यता और धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां की भीड़, व्यापार और उत्साह ने इसे एक खास अनुभव बना दिया है।

यह आयोजन पूरे समुदाय को एकत्रित करता है और उन्हें उनके धार्मिक परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। इस मौके पर लोगों के बीच भाईचारा और एकता की भावना भी देखने को मिलती है।

मुंबई का देओनार मंडी इस विशेष उत्सव के कारण चर्चा में रहता है और इसकी ख्याति देशभर में होती है। यहां आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या और व्यापार की बढ़ती गतिविधियों ने इसे अन्य मंडियों से अलग और महत्वपूर्ण बना दिया है।

अंतत:, ईद-उल-अजहा के इस अवसर पर देओनार मंडी में जो उत्सव का माहौल बना है, वह इस विशेष पर्व की महत्ता को और बढ़ा देता है। यहां की गतिविधियों, व्यवस्थाओं और उत्साह ने इसे एक विशेष और हमेशा यादगार अनुभव बना दिया है।